घाड़ क्षेत्र में बरसात के दिनों में बाढ़ से होने वाले नुकसान से बचाव, जरूरत के समय फसल को पानी उपलब्ध कराने के लिए बरसाती नदियों व खोरों पर सरकार ने छह डेम बनाने की योजना तैयार की। इस कार्य के लिए फिजिबिल्टी रिपोर्ट वाप्कोस से तैयार कराई थी। इसके बाद डिटेज प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) बनाने का काम आईआईटी रूढ़की को सौंपा गया। आईआईटी की टीम ने लगातार अध्ययन के बाद कनालसी में बनने वाले डैम की डीपीआर तैयार कर सिंचाई विभाग के चीफ इंजीनियर को सौंप दी है।
इस रिपोर्ट के अनुसार इस प्रोजेक्ट के विभिन्न कामों पर 1682.13 करोड़ की लागत आने के अनुमान है। आईआईटी की टीम ने रिपोर्ट में हाई कोस्ट आने कारण फाउंडेशन का स्टेटा कमजोर होने बताया है। साथ ही कहा कि इसके लिए अलग से सब डिविजन बनाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। बिलासपुर सब डिविजन में इस काम की निगरानी के लिए पर्याप्त स्टाफ है। एडमिनिस्ट्रेटिव एप्रूवल के बाद इसे बनाने में करीब 24 माह का समय लगेगा। इसका कैचमेंट एरिया करीब 3.66 स्क्वायर किमी रहेगा जबकि इसके पानी से गेहूं व धान के सीजन में 330 हेक्टेयर खेतों की सिंचाई हो सकेगी। इससे एरिया की पेयजल की किल्लत भी दूर होगी। इसका डिजाइन हाल ही में मध्य प्रदेश में बनाए गए डैमों से मिलता हुआ रहेगा।
नगली डेम: कैचमेंट एरिया करीब 3.79 स्क्वायर किमी होगा। हाइट 27 मीटर, लंबाई 421 मीटर होगी। 2190 एकड़ जमीन को सिंचाई के लिए पानी मिलेगा, जबकि लागत 30.66 करोड़ होगी। साल में सिंचाई से 106.05 लाख, बाढ़ बचाव से 34.99 लाख व मछली पालन से 6.28 लाख का लाभ होगा। करीब 76.5 एकड़ भूमि की अधिग्रहण करना होगा।
खिलोवाली: कैचमेंट एरिया 7.17 स्क्वायर किमी होगा। हाइट 20.5 मीटर, लंबाई 358 मीटर रहेगी। 29.10 करोड़ी की लागत वाले इस डेम से चार हजार एकड़ भूमि को पानी मिलेगा। साल में सिंचाई से 193.92 लाख का, बाढ़ बचाव से 69.99 लाख का व मछली पालन से 13.56 लाख का लाभ मिलेगा। करीब 141 एकड़ जमीन का अधिग्रहण करने होगा।
आमवाली डेम: कैचमेंट एरिया 8.56 स्क्वायर किमी होगा। हाइट 23.5 मीटर, लंबाई 550 मीटर रहेगी। 39 करोड़ी लागत वाले बांध से 3375 एकड़ भूमि की सिंचाई हो सकेगी। साल में सिंचाई से 236.35 लाख, बाढ़ बचाव से 77.99 लाख व मछली पालन से करीब 14.12 लाख का लाभ होगा। 139 एकड़ जमीन का अधिग्रहण करना होगा।
चिकन डेम: कैचमेंट एरिया करीब 3.80 स्क्वायर किमी रहेगा। हाइट 27 मीटर, लंबाई 421 मीटर रहेगी। 24.12 करोड़ी की लागत वाले बांध से 2200 एकड़ कृषि भूमि को पानी मिल सकेगा। साल में सिंचाई से 106.05 लाख, बाढ़ बचाव से 34.99 लाख व मछली पालन से 6.28 लाख का लाभ होगा। करीब 77 एकड़ भूमि का अधिग्रहण करना होगा।
डाहरपुर डेम: कैचमेंट एरिया करीब 4.72 स्क्वायर किमी रहेगा। हाइट 17.25 मीटर जबकि लंबाई 344 मीटर होगी। 20 करोड़ की लागत वाले बांध से 1500 एकड़ कृषि भूमि को पानी मिल सकेगा। वहीं सिंचाई, बाढ़ बचाओ व मछली पालन से करीब 124 लाख की सलाना लाभ होगा।
वाप्कोस की रिपोर्ट के अनुसार पांच डैमों का यह है आकार