Dainik Bhaskar
Jun 14, 2019, 09:34 AM IST
- बिजली कंपनी की शिकायत पर राजनांदगांव के मांगेलाल अग्रवाल के खिलाफ कार्रवाई
- अग्रवाल ने वीडियो में कहा था- सरकार इन्वर्टर कंपनियों की सेल बढ़ाने के लिए बिजली कटौती कर रही
- कंपनी का कहना है- यह सरकार या उसके उपक्रम के खिलाफ दुष्प्रचार है, इसलिए राजद्रोह है
रायपुर. छत्तीसगढ़ में बिजली कटौती से जुड़ी अफवाह सोशल मीडिया पर फैलाने के आरोप में एक व्यक्ति को बुधवार को गिरफ्तार कर लिया गया। उसके खिलाफ आईपीसी के तहत राजद्रोह की धारा 124 ए और सरकार के खिलाफ दुष्प्रचार की धारा 505/1/2 के तहत कार्रवाई की गई। छत्तीसगढ़ देश का ऐसा पहला राज्य है, जहां ऐसी कार्रवाई की गई।
राजनांदगांव जिले के मुसरा डोंगरगढ़ के रहने वाले मांगेलाल अग्रवाल के खिलाफ यह कार्रवाई बिजली कंपनी की शिकायत पर की गई। वायरल वीडियो में मांगेलाल अग्रवाल कह रहे हैं, “एक इन्वर्टर कंपनी के साथ छत्तीसगढ़ सरकार की सेटिंग हो गई है। इसके लिए राज्य सरकार को पैसा दिया गया है। करार के मुताबिक घंटे- 2 घंटे में 10 से 15 मिनट के लिए लाईट कटौती होती रहेगी, तो इन्वर्टर बिक्री बढ़ेगी।” बिजली कंपनी का कहना है कि वे वीडियो में विद्वेष फैलाने वाले वाली बात कर रहे थे।” वीडियो जब्त कर लिया गया है।
ये फैसला अलोकतांत्रिक है
- हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सीके केशरवानी ने कहा, “ये फैसला अलोकतांत्रिक है। हर व्यक्ति को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार है। सरकार का ऐसा निर्णय संविधान की मूलधारणा के खिलाफ है। लोगों को विरोध करना चाहिए।”
- पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि अपनी असफलता छिपाने मुख्यमंत्री ने पहले बिजली अमले को भाजपा एजेंट बताया। ये फैसला आपातकाल की ओर बढ़ता कदम है, जो कांग्रेस के खून में है। हम इसका विरोध करेंगे। हम लोगों के लिए लड़ेंगे, जेल जाना पड़ा तो जाएंगे।
बिजली कंपनी ने कहा- लोग अफवाहों पर ध्यान नहीं दें
- सीएसईबी के चेयरमैन शैलेंद्र शुक्ला का कहना है, “लोगों से अपील की है कि कंपनी के कर्मी सतत बिजली आपूर्ति के लिए जुटे हैं। कटौती संबंधी भ्रामक खबरों से दूर रहते हुए सेवाभावी संस्थान बिजली कंपनी को सहयोग दें।’’
- बिजली कंपनी के अनुसार प्रदेश में बढ़ती गर्मी के साथ बिजली की मांग भी बढ़ी है। कंपनी के पास पर्याप्त बिजली है और इसकी सतत आपूर्ति के लिए जनरेशन, ट्रांसमिशन व डिस्ट्रीब्यूशन की टीम जुटी हुई है।
- कभी-कभार आंधी-तूफान या अन्य स्थानीय कारणों से सप्लाई बाधित होती है, जिसे कुछ असामाजिक तत्व बिजली कटौती का नाम देकर प्रदेश में इंवर्टर, जनरेटर की बिक्री बढ़ाने सरकार व बिजली कंपनी की मिलीभगत का भ्रामक प्रसार कर रहे हैं।
- बिजली कंपनी के विधिक सलाहकार, एनकेपी सिंह का कहना है, “वीडियो में मांगेलाल सरकार और बिजली कंपनी की इंवर्टर कंपनियों से साठगांठ कर बिक्री बढ़ाने की बात कह रहे हैं। ये सरकार या उसके उपक्रम के खिलाफ दुष्प्रचार है और राजद्रोह का मामला है।”
क्या है आईपीसी की धारा 124 (ए)
- अगर कोई व्यक्ति सरकार-विरोधी सामग्री लिखता या बोलता है। ऐसी सामग्री का समर्थन करता है। राष्ट्रीय चिन्हों का अपमान करने के साथ संविधान को नीचा दिखाने की कोशिश करता है।
- अपने लिखित या फिर मौखिक शब्दों, या फिर चिन्हों या फिर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर नफरत फैलाने या फिर असंतोष जाहिर करता है, तो उसे आजीवन या 3 साल की सजा हो सकती है।
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