- सिक्योरिटी गार्ड्स के लिए भी ये मैच काफी अलग अनुभव रहा
- भारत के पहले मैच में साउथैम्पटन में जबरदस्त भीड़ उमड़ी
सिवाकुमार उलागनाथन, बीबीसी हिंदी. साउथैम्पटन के रोज बाउल स्टेडियम में जब बुधवार को भारत-दक्षिण अफ्रीका की टीमें वर्ल्ड कप का मैच खेल रही थीं, तो वहीं स्टेडियम के बाहर खड़े एक सिक्योरिटी गार्ड मंदमंद मुस्कुराए जा रहे थे। पूछो तो कहते हैं- ‘मुझे नहीं मालूम कि कौन सी टीम खेल रही है, पर इस शोर से पता चल गया है कि कोई एशियाई टीम ही है।’ ये शोर टीम इंडिया के फैंस का था। तमाम दिक्कतों का सामना करके भारतीय टीम के फैंस अपनी टीम को चियर करने के लिए पहुंचे थे। ये स्टेडियम साउथैम्पटन सिटी सेंटर से करीब 20 किमी दूर है, जहां ना तो टैक्सी स्टैंड है, ना दुकानें, ना कोई रेस्टोरेंट। ज्यादातर लोग निजी साधनों से स्टेडियम आए थे। आस-पास कोई रेलवे स्टेशन नहीं है, बसें और टैक्सियां भी बहुत कम चलती हैं।
लंदन के रहने वाले विनीत सक्सेना बताते हैं- ‘मैं ट्रेन से सुबह 8 बजे साउथैम्पटन पहुंच गया था, पर जब मुझे जल्दी टैक्सी नहीं मिली तो डर लगा कहीं टॉस मिस न कर दूं।’ लोग सुबह साढ़े 10 बजे शुरू होने वाला मैच देखने के लिए तड़के से ही स्टेडियम के पास इकट्ठा होने लगे थे। विवेक अपने परिवार के साथ मैच देखने आए थे। वे बताते हैं- ‘हम सिंगापुर से मैच देखने के लिए आए हैं। हम मैच की एक बॉल भी मिस नहीं करना चाहते।’
सबसे ज्यादा शोर बुमराह के लिए
सिक्योरिटी गार्ड्स के लिए भी ये मैच काफी अलग अनुभव रहा। आम मैचों के दौरान ऐसी भीड़ देखने को नहीं मिलती, जितनी भारत के मैच के लिए थी। साउथैम्पटन आने वाले हर 10 में से 9 लोग भारतीय ही थे। स्टेडियम में लोगों का शोर इतना था कि होटल में बैठे लोग भी भारत के नाम का शोर सुन पा रहे थे। स्टेडियम के भीतर भी आलू टिक्की, पनीर बटर मसाला मिल रहा था।
हालांकि, जिस खिलाड़ी के लिए सबसे ज्यादा शोर हुआ, वो ना तो धोनी थे, ना ही कोहली। वो थे तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह। मैच के दौरान बुमराह जैसे ही बॉल डालने के लिए दौड़ते, पूरा स्टेडियम स्टेडियम ‘बुमराह बुमराह’ के शोर से गूंज उठता। दीपक और उनके दोस्त अमेरिका से मैच देखने आए थे। वे कहते हैं- ‘हम तो गुजराती हैं। जब हमें पता चला कि रवींद्र जडेजा प्लेइंग-11 में नहीं है, तो बुरा लगा। लेकिन बुमराह, रोहित, चहल ने तो दिल ही खुश कर दिया।’