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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020

60% मंत्रियों को अनुभव के आधार पर विभाग दिए गए, शाह 8 साल गुजरात के गृह मंत्री रहे

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  • अमित शाह 2002 से 2010 तक गुजरात सरकार में गृहमंत्री रहे, जयशंकर 2015 से 2018 तक विदेश सचिव रहे
  • वित्त मंत्री बनीं निर्मला सीतारमण इकोनॉमिस्ट, जेएनयू से एमए इकोनॉमिक्स हैं
  • 23 ऐसे मंत्री हैं, जिन्हें अपने विभाग का कभी अनुभव नहीं रहा
  • 22 मंत्री ऐसे हैं, जिनके मंत्रालय बरकरार रखे गए हैं

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मंत्रियों के विभागों का बंटवारा कर दिया। दैनिक भास्कर प्लस ऐप ने सभी 57 मंत्रियों का एनालिसिस किया और पाया कि नई सरकार के 57 में से 34 यानी 60% मंत्रियों को उनके अनुभव के आधार पर विभाग दिए गए हैं। 22 ऐसे मंत्री हैं जिनको वही विभाग दिया गया है, जो एनडीए-1 में भी उनके पास था। अमित शाह को गृह मंत्री बनाया गया है। वे इससे पहले 8 साल तक गुजरात की मोदी सरकार में भी गृह मंत्रालय संभाल चुके हैं। पिछली सरकार में गृह मंत्री रहे राजनाथ सिंह को इस बार रक्षा मंत्री बनाया गया है, लेकिन उनके पास इस विभाग का कोई अनुभव नहीं है।

6 मंत्रियों को उनकी विशेषज्ञता के आधार पर विभाग मिले
 

1) एस जयशंकर
विभागः विदेश मंत्री
विशेषज्ञता : 40 साल से ज्यादा का विदेश सेवा का अनुभव। 1977 में विदेश सेवा से जुड़े। अमेरिका, चीन जैसे देशों में भारतीय राजदूत रहे। जनवरी 2015 से जनवरी 2018 तक विदेश सचिव रहे।

2) निर्मला सीतारमण
विभाग : वित्त और कॉर्पोरेट मामले
विशेषज्ञता : जेएनयू से एमए इकोनॉमिक्स की पढ़ाई। इकोनॉमिक्स में ही एमफिल किया। वित्त मंत्रालय में तीन साल से ज्यादा का अनुभव। मई 2014 से सितंबर 2017 तक वित्त राज्य मंत्री की जिम्मेदारी संभाली।

3) रविशंकर प्रसाद
विभाग : कानून और न्याय, संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी
विशेषज्ञता : अटल सरकार में जनवरी 2003 से मई 2004 तक कानून और न्याय राज्य मंत्री रहे। एनडीए-1 में केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री रहे। जुलाई 2016 से लेकर मोदी सरकार के पहले कार्यकाल तक संचार, आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग के मंत्री भी रहे। सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ वकील भी हैं।

4) पीयूष गोयल
विभाग : रेलवे, उद्योग और वाणिज्य
विशेषज्ञता : पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट पीयूष गोयल सितंबर 2017 में रेल मंत्री बने। अरुण जेटली की तबीयत खराब होने पर वित्त मंत्री बनाए गए। फरवरी 2019 में इन्होंने ही बजट पेश किया था। इसके अलावा, कॉर्पोरेट मामलों के भी मंत्री रहे। मार्च 2010 से मई 2014 तक भाजपा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष भी रह चुके हैं।

5) डॉ. हर्षवर्धन
विभाग : स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान
विशेषज्ञता : कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस और एमएस की पढ़ाई की। 1993 से 1998 तक दिल्ली सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रहे। मई 2014 से नवंबर 2014 तक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण में कैबिनेट मंत्री रहे। मई 2014 के बाद से ही विज्ञान और प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के कैबिनेट मंत्री भी रहे। 

6) संजीव बालियान
विभाग : पशुपालन, डेयरी और मत्स्यपालन
विशेषज्ञता : पशु चिकित्सक हैं। पशु चिकित्सा के क्षेत्र में पीएचडी भी किया है।

शाह और गिरिराज को राज्य सरकारों के अनुभव के आधार पर विभाग मिले
मोदी सरकार के मंत्रिमंडल में इस बार अमित शाह को भी जगह मिली है। ये पहली बार है जब शाह केंद्रीय मंत्री बनाए गए हैं। शाह को गृह मंत्री बनाया गया। इससे पहले भी वे गुजरात सरकार में 2002 से 2010 तक गृह मंत्री रहे। इसी तरह बेगूसराय से सांसद गिरिराज सिंह का विभाग बदल दिया गया। पिछली एनडीए सरकार में उनके पास सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय था। इस बार उन्हें पशुपालन, डेयरी और मत्स्यपालन विभाग का कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। सिंह इससे पहले 2010 से 2013 तक बिहार सरकार में भी पशुपालन और डेयरी विभाग में मंत्री रह चुके हैं। 

23 मंत्री ऐसे, जिन्हें अपने विभाग का अनुभव नहीं; इनमें राजनाथ भी
नई सरकार में 23 ऐसे मंत्री भी हैं जिन्हें अपने विभाग का कोई अनुभव नहीं है। इसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी शामिल हैं। उनके अलावा, डीवी सदानंद गौड़ा (रसायन और उर्वरक मंत्री), रमेश पोखरियाल निशंक (मानव संसाधन विकास मंत्री), प्रहलाद जोशी (खनन, कोयला और संसदीय कार्य मंत्री), महेंद्र नाथ पांडेय (कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्री), अरविंद सावंत (भारी उद्योग और सार्वजनिक उपक्रम मंत्री), अर्जुन मुंडा (जनजातीय कार्य मंत्री), के पास अपने विभाग का अनुभव नहीं है। इस बार एक नया मंत्रालय जल शक्ति भी जोड़ा गया है जिसका मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को बनाया गया है।

दो स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्री किरेन रिजिजू और प्रह्लाद सिंह पटेल के पास भी अपने विभागों का अनुभव नहीं है। राज्य मंत्रियों में जनरल वीके सिंह, किशन रेड्डी, साध्वी निरंजन ज्योति, बाबुल सुप्रियो, रेणुका सिंह सरुता, सोम प्रकाश, सुरेश अंगड़ी, नित्यानंद राय, रतनलाल कटारिया, रामेश्वर तेली, प्रताप चंद्र सारंगी, कैलाश चौधरी और देबश्री चौधरी को भी अपने विभागों का अनुभव नहीं है।

22 मंत्रियों को अपने मंत्रालय का पुराना अनुभव
मोदी कैबिनेट में 22 ऐसे मंत्री हैं, जिनके मंत्रालय बरकरार रखे गए हैं। इनमें 9 केन्द्रीय मंत्री, 7 केन्द्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और 6 केन्द्रीय राज्य मंत्री हैं।

कैबिनेट मंत्री

 

मंत्री

विभाग

अनुभव

नितिन गडकरी

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम

एनडीए-1 में पूरे पांच साल सड़क एवं परिवहन मंत्री रहे।

रामविलास पासवान

उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति

एनडीए-1 में पूरे पांच साल खाद्य एवंं उपभोक्ता मामलों के मंत्री रहे।

नरेंद्र सिंह तोमर

कृषि, किसान कल्याण, ग्रामीण विकास, पंचायती राज

एनडीए-1 में जुलाई 2016 से मई 2019 तक ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्रालय संभाला। पेशे से भी किसान।

हरसिमरत कौर बादल

खाद्य प्रसंस्करण उद्योग

एनडीए-1 में भी खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री रहीं।

थावरचंद गहलोत

सामाजिक न्याय और अधिकारिता

एनडीए-1 में भी सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री रहे थे।

स्मृति ईरानी

कपड़ा, महिला और बाल विकास

एनडीए-1 में भी जुलाई 2016 के बाद कपड़ा मंत्री बनाई गईं।

प्रकाश जावड़ेकर

पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन, सूचना और प्रसारण

एनडीए-1 में भी मई 2014 से नवंबर 2014 तक सूचना और प्रसारण मंत्रालय में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रहे। मई 2014 से जुलाई 2016 तक पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रहे।

धर्मेंद्र प्रधान   

पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस और इस्पात

एनडीए-1 में भी मई 2014 से सितंबर 2017 तक पेट्रोलियम एवं गैस मंत्रालय में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रहे। इसके बाद इसी मंत्रालय के कैबिनेट मंत्री बने।

मुख्तार अब्बास नकवी

अल्पसंख्यक मामले

2003 से 2008 तक हज समिति के सदस्य रहे। एनडीए-1 में नवंबर 2014 से जुलाई 2016 तक अल्पसंख्यक मामलों के केन्द्रीय राज्य मंत्री रहे। जुलाई 2016 से सितंबर तक अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और सितंबर 2017 के बाद इसी मंत्रालय के कैबिनेट मंत्री बने।

राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)

 

मंत्री

विभाग

अनुभव

संतोष कुमार गंगवार

श्रम और रोजगार

एनडीए-1 में भी श्रम और रोजगार मंत्रालय में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) थे।

राव इंदरजीत सिंह

सांख्यिकी, योजना और योजना क्रियान्वयन

एनडीए-1 में भी सांख्यिकी, योजना और योजना क्रियान्वयन मंत्रालय में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रहे।

श्रीपाद येसो नाईक

आयुर्वेद, योग, प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी (स्वतंत्र प्रभार), रक्षा (राज्य मंत्री)

एनडीए-1 में भी आयुष मंत्रालय में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रहे।

डॉ. जितेंद्र सिंह

पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास (स्वतंत्र प्रभार), पीएमओ, कार्मिक, जन शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा, अंतरिक्ष (राज्य मंत्री)

एनडीए-1 में भी पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रहे।

आरके सिंह

ऊर्जा, नवीन और अक्षय ऊर्जा (स्वतंत्र प्रभार), कौशल विकास और उद्यमशीलता (राज्य मंत्री)

एनडीए-1 में भी विद्युत, नवीन और नवीकरणीय मंत्रालय में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रहे।

हरदीप सिंह पुरी

आवास और शहरी मामले, नागरिक उड्डयन (स्वतंत्र प्रभार), वाणिज्य और उद्योग (राज्य मंत्री)

एनडीए-1 में भी सितंबर 2016 से आवास और शहरी मामलों के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रहे।

मनसुख मांडविया

जहाजरानी (स्वतंत्र प्रभार), रसायन और उर्वरक (राज्य मंत्री)

एनडीए-1 में भी जुलाई 2016 से जहाजरानी और रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय में केन्द्रीय राज्य मंत्री रहे।

राज्य मंत्री

मंत्री

विभाग

अनुभव

अश्विनी कुमार चौबे

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण

2010 से 2013 तक बिहार सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रहे। सितंबर 2017 को मोदी सरकार में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग में केन्द्रीय राज्य मंत्री बने।

अर्जुन राम मेघवाल

संसदीय कार्य, भारी उद्योग, सार्वजनिक उपक्रम

एनडीए-1 में सितंबर 2017 से संसदीय कार्य राज्य मंत्री रहे।

कृष्णपाल गुर्जर

सामाजिक न्याय और अधिकारिता

नवंबर 2014 से सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री रहे।

रावसाहेब दानवे

उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति

मई 2014 से मार्च 2015 तक उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति राज्य मंत्री रहे।

पुरुषोत्तम रूपाला

कृषि और किसान कल्याण

2001 से 2002 तक गुजरात सरकार में कृषि मंत्री रहे। अगस्त 2012 से अप्रैल 2014 तक कृषि विभाग की समिति के सदस्य रहे। एनडीए-1 में जुलाई 2016 से कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री रहे।

रामदास आठवले

सामाजिक न्याय और अधिकारिता

एनडीए-1 में जुलाई 2016 से सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री रहे।

4 मंत्रियों को अपने मंत्रालयों की पूर्व समितियों का अनुभव

मंत्री विभाग अनुभव

फग्गन सिंह कुलस्ते

इस्पात

2004 से 2009 और सितंबर 2014 से जुलाई 2016 तक कोयला और इस्पात समिति के सदस्य रहे।

संजय धोत्रे

मानव संसाधन विकास, संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स, आईटी

अगस्त 2004 से अगस्त 2007 तक सूचना प्रोद्योगिकी की केन्द्रीय समिति के सदस्य रहे।

अनुराग ठाकुर

वित्त, कॉर्पोरेट मामले

जून 2014 से व्यापार सलाहकार समिति के सदस्य हैं।

वी. मुरलीधरन

विदेश, संसदीय कार्य

दिसंबर 2018 से अब तक विदेश मामलों की केन्द्रीय समिति के सदस्य हैं।