भास्कर न्यूज | तरनतारन/मुरादपुर/जंडियाला गुरु
तरनतारन के गांव सरली में वोट डालने के विवाद के बाद मारे गए युवक बंटी को आरोपी तीनाें भाइयों ने घर के गेट से घसीटकर कर ले जाने के बाद 25 मीटर की दूसरी पर कत्ल कर डाला। बंटी आरोपियों के गाली-गलौज को नजरअंदाज करके अपने घर लौट रहा था, मगर आरोपी पीछे करते हुए आ गए और दातर के कई उसकी गर्दन पर किए, जिससे उसकी मौत हो गई।
रविवार का दिन था, गांव सरली में लोकसभा चुनाव के दौरान सरकारी ऐलिमेंटरी स्कूल में पोलिंग बूथ पर जब बंटी (25) नामक युवक वोट डालकर पोलिंग बूथ से बाहर आया तो वहां गांव के ही सुक्खा ने उसे पूछा कि बंटी बताओ किस पार्टी को वोट डाला है। बंटी ने कुछ नहीं बताया। इस पर सुखा ने उसके साथ गाली-गलौज शुरू कर दिया। कुछ दूरी पर खड़े गांव सरली के सरपंच दलेर सिंह ने दोनों युवकों को समझा-बुझा कर घर वापस जाने को कहा। बंटी अपने घर के गेट के पास पहुंचा तो सुक्खा अपने दो भाइयों गोरा व सोनी के साथ मिलकर उसे खींच कर ले गया और फिर से गोली-गलौज शुरू कर दिया। यह तकरार इतना बढ़ गया कि सुक्खा ने अपने हाथ में पकड़े दातर से बंटी के गले पर जोरदार वार कर दिया, जिससे बंटी की आधे से ज्यादा गर्दन कट गई।
इसी बीच मौके पर पहुंचे लोगों ने बंटी को मीयांवाला अस्पताल में पहुंचाया, लेकिन वहां उसे मृतक घोषित कर दिया गया।
बंटी का परिवार कांग्रेसी, आरोपी अकाली दल के समर्थक
बेटे बंटी की मौत के गम में रोती दलबीर कौर के पास बैठा उनका दो वर्षीय पोता जशनप्रीत सिंह, जो अपने पिता (बंटी) की हत्या से अंजान है।
पुलिस ने सियासी रंजिश को निजी रंजिश बताकर किया मामला दर्ज
एसएसपी कुलदीप सिंह चाहल ने बताया कि सुक्खा और उसके दो भाइयों के खिलाफ थाना वैरोवाल में कत्ल का मामला दर्ज कर लिया। पीड़ित परिवार को इंसाफ दिलाया जाएगा और आरोपी भी जल्द ही जेल में होंगे। लोकसभा चुनाव वाले दिन गांव सरली में हुआ बंटी का कत्ल भले ही मृतक के परिवार वाले सियासी रंजिश बता रहे हैं, मगर पुलिस ने मामले को निजी रंजिश के साथ जोड़ कर कत्ल का मुकदमा दर्ज कर लिया। उधर, एसएसपी कुलदीप सिंह चाहल ने कहा कि गांव सरली में हुए बंटी के कत्ल में कोई भी सियासी रंजिश नहीं है, न ही इस कत्ल का लोकसभा चुनाव से कोई संबंध है। बंटी और सुक्खा के बीच कोई निजी रंजिश थी, जिस के कारण दोनों युवकों का झगड़ा हुआ।
मृतक बंटी के पिता चरनजीत सिंह, चचेरे भाई दलबीर सिंह ने बताया कि हमारा परिवार कांग्रेस पार्टी से सबंध रखता है, जबकि सुक्खा का परिवार अकाली दल समर्थक हैं। इसलिए जब बंटी वोट डाल कर घर आ रहा था तो सुक्खा ने सियासी रंजिश रखते हुए उसे वोट किस को डाली जैसी बातें कर जानबूझ कर झगड़ा शुरू किया, जो हमारे बंटी की मौत का कारण बना।
क्या पता था वोट हमारे परिवार को उजाड़ देगा : बंटी की अपनी मां दलबीर कौर अपने बेटे की मौत की खबर सुनते ही बेहाल हो गई। उन्होंने बताया कि बंटी बोल कर गया था, “मां मैं वोट पाण दो बाद आके ही रोटी खाऊंगा..’, मगर हमें क्या पता था कि यह वोट हमारे परिवार को उजाड़ देगा। मेरे लाल की जान ले लेगी।
4 वर्ष पहले हुई थी बंटी की शादी : बंटी की प|ी राजदीप कौर ने अपने दो वर्षीय बेटे जशनप्रीत सिंह को झोली में लिए रोए जा रही थी। उसने कहा कि कातिलों को मेरा सुहाग उजाड़ कर क्या मिला।
6 घंटे बाद हुआ पोस्टमार्टम : बंटी के शव को दोपहर करीब 12 बजे तरनतारन के िसविल अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए ले जाया गया। लेकिन वहां शाम 6 बजे के बाद पोस्टमार्टम किया गया। 6 बजे तक अस्पताल में पोस्टमार्टम करने के लिए डॉक्टर ही उपलब्ध नहीं था।