134ए की परीक्षा पास करने वाले जिन बच्चों को वही स्कूल अलॉट हुए जिनमें वे पढ़ रहे हैं और जिनकी अलॉटमेंट में विभाग की चूक से कोई गलती हुई, उनको सुधार कर अब निदेशालय ने मैसेज भेजकर दूसरे स्कूल अलॉट किए हैं। अब ये बच्चे और पहले ड्रॉ में जिन बच्चों के नाम शामिल थे, वे 17 मई तक दाखिला ले सकते हैं।
हालांकि पहले ड्रॉ में नाम न आने पर वेटिंग में बैठे परीक्षा पास करने वाले बच्चों के लिए सेकेंड ड्रॉ की प्रक्रिया की तारीख पर अभी सस्पेंस बना हुआ है। दूसरा ड्रा की तारीख 15 मई थी, लेकिन पहले ड्रॉ के दाखिले की अवधि बढ़ने से सेकेंड ड्रा की तारीख भी खिसकेगी।
मौलिक शिक्षा निदेशालय से जारी पत्र क्रमांक- 33/1-2017 पीएस (ई-1) सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। हालांकि ये 6 मई को डीईओ, डीईईओ के नाम जारी हुआ लेकिन ज्यादातर अभिभावक इसमें दिए निर्देशों से अनभिज्ञ रहे। चूंकि अधिकारी चुनाव ड्यूटी में व्यस्त होने पर खुद भी अपडेट नहीं थे। पत्र से 6 मई तक निदेशालय ने ई-मेल पर ऐसे बच्चों का विवारण मांगा था, जिन्हें जहां पढ़ रहे थे वही स्कूल अलॉट हो गए और जिनकी अलॉटमेंट में 8 गलतियां हुई। बीईओ कार्यालयों से दोनों तरह के केस बनाकर भेजे गए, जिन्हें पत्र अनुसार 9 मई को निदेशालय से नया स्कूल अलॉट किया गया है, जिसकी सूचना बच्चों व अभिभावक के आवेदन के वक्त रजिस्टर्ड कराए मोबाइल पर मैसेज से भेजी गई, लेकिन इस बार अधिकांश बच्चों व अभिभावकों का पता न होने पर वह अपने केस नहीं दे पाए। अब 9 मई को दोनों तरह के केस में बच्चों समेत पहले ड्रॉ में जिनके भी नाम थे, वह 17 मई तक अलॉटेड स्कूलों में दाखिला ले सकते हैं। यानि 10 मई तक होने वाले पहले ड्रॉ के दाखिलों की अवधि को 17 तक बढ़ाया गया है। हालांकि निदेशालय के पत्र में 17 के बाद दूसरे अलॉटमेंट की प्रक्रिया का जिक्र किया गया। लेकिन यह कब होगी, इस पर सस्पेंस बना हुआ है।
अकेले जगाधरी में 80 को वही स्कूल हो गए थे अलॉट
हर स्कूल में बीपीएल व ईडब्ल्यूएस के लिए दूसरी से 10वीं व 12वीं कक्षा की 10 प्रतिशत सीटें रिजर्व हैं। इस बार 5006 सीटों थी। नियम-134ए परीक्षा में क्वालीफाई करने वाले 3293 को दाखिला दिलाया जाना है। पहले राउंड में करीब ढाई हजार को निदेशालय से स्कूल अलॉटमेंट के मैसेज आए। इनमें करीब 80 बच्चों को वही स्कूल अलॉट हो गए जहां वे पढ़ रहे थे। जबकि नियमानुसार ऐसा नहीं किया जाना था।
पहले ड्राॅ में इन 8 गलतियों पर नया स्कूल अलॉट किया
पहले ड्रॉ में स्कूल अलॉटमेंट प्रक्रिया में अगल बच्चे के गलत अंक (प्रतिशत), गलत क्लास, गलत जेंडर, गलत बार्ड (हरियाणा/सीबीएसई), गलत मिडियम (इंग्लिश/हिंदी), टाइम ऑफ स्कूल (लड़के-लड़कियां), आबंटित स्कूल बंद हो चुका है, माइनोरिटी स्कूल है या मान्यता प्राप्त नहीं है और जिस कक्षा में अलॉटमेंट हुआ है, उस कक्षा में रिक्त सीटें नहीं हैं। इन आठ गलतियों पर बच्चे को नया स्कूल अलॉट किया गया है।
जिन बच्चों को दूर के स्कूल अलॉट, उन्हें नहीं मिलेगी राहत
पत्र में कहा गया कि जिन बच्चों को स्कूल दूर अलॉट हुआ है, ऐसे सभी बच्चों को यह स्पष्ट कर दिया जाए कि स्कूल बदलने का कोई प्रावधान नहीं है। ऐसे किसी भी निवेदन की स्वीकार नहीं किया जाएगा। साथ ही जिला व खंड स्तर के अधिकारियों को इस तरह की शिकायतों से संबंधित किसी भी छात्र-छात्रा के अभिभावक को निदेशालय न भेजने की सलह दी।