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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020

जुड़वा बेटों की जिद पर मां ने लिया यूनिवर्सिटी में दाखिला, अंग्रेजी में किया ग्रेजुएशन

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  • दोनों बेटों और मां ने फ्लोरिडा की ए एंड एम यूनिवर्सिटी में एडमिशन लिया था
  • मां ने अंग्रेजी में ग्रेजुएट किया, इसी हफ्ते उन्हें डिग्री मिलेगी

टालाहासी. साउथ फ्लोरिडा में दो जुड़वा भाइयों आरोन और औब्रे हॉग ने एक मिसाल कायम की। उन्हें जब फ्लोरिडा की ए एंड एम यूनिवर्सिटी में पढ़ाई का मौका मिला तो उन्होंने मां मेडलिन मैकक्लारे को घर में अकेला छोड़ने की बजाए उन्हें भी दाखिला दिलाना बेहतर समझा। मां ने पहले इनकार किया, लेकिन बेटों की जिद के आगे उनकी एक न चली। अब 11 मई को उन्हें अंग्रेजी माध्यम से ग्रेजुएट की डिग्री मिलने वाली है। 

मैकक्लारे की कहानी वाकई प्रेरणा देने वाली है, क्योंकि तलाक के बाद साउथ फ्लोरिडा में फुल टाइम जॉब करते हुए बेटों का पालन पोषण करना तस्वीर का एक पहलू है। उनके साथ यूनिवर्सिटी जाकर डिग्री हासिल करने की कहानी लोगों को हैरत में डालने वाली है।

मां का साथ जुड़वा भाइयों के लिए भी फायदेमंद

यूनिवर्सिटी में मां के साथ रहना जुड़वा भाइयों के लिए भी फायदेमंद साबित हुआ। औब्रे इस साल म्यूजिक बिजनेस में अपनी डिग्री पूरी करने जा रहे हैं। आरोन 2020 में म्यूजिक कंपोजिशन की स्पेशल डिग्री हासिल कर लेंगे। खास यह है कि अपने हुनर की बदौलत दोनों को प्रतिष्ठित ब्रॉवर्ड कॉलेज में बगैर फीस दिए पढ़ने का मौका मिल जाएगा।

बेटों ने साथ चलने के लिए कहा तो हैरान रह गईं

मैकक्लारे का कहना है कि जब बेटों ने उसे अपने साथ टालाहासी आने के लिए कहा तो वे हैरान रह गईं। उन्हें लगा कि स्कूल की नौकरी को छोड़कर वे उनके साथ कैसे जा सकेंगी, लेकिन उन्हें बेटों की बात माननी पड़ी। उनके साथ जाने के लिए मैकक्लारे ने स्कूल से एक साल की छुट्टी ली। दोनों भाई यूनिवर्सिटी कैंपस में रहते हैं। वहीं, मैकक्लारे टालाहासी के कम्यूनिटी कॉलेज में पढ़ने वाले बड़े बेटे ब्लैक के साथ रहती हैं।

प्रतिभा की धनी हैं मैकक्लारेः प्रोफेसर नटाली  

यूनिवर्सिटी के डिपार्टमेंट ऑफ इंग्लिश के एसोसिएट प्रोफेसर नटाली किंग-पेडरॉसो का कहना है कि मैकक्लारे प्रतिभा की धनी हैं। बेटों के साथ उनका जुड़ाव अद्भुत है। मैकक्लारे भी अब अपनी यात्रा को यहीं खत्म नहीं करना चाहतीं। अब वे एक स्पेशल मल्टी डिसिप्लिनरी ग्रेजुएट प्रोग्राम में दाखिला लेने जा रही हैं। मैकक्लारे का कहना है कि पढ़ाई के लिए उन्हें बहुत सी सुविधाओं को छोड़ना पड़ा, लेकिन एक दूसरे की खुशी में शरीक होना और उनका जश्न मनाने से उम्दा कोई और काम उन्हें नहीं लगता।