गुरुग्रामः 25 अप्रैल
गुरुग्राम शहर के सेक्टर-10 स्थित नागरिक अस्पताल में इस वर्ष के प्रारंभ में स्थापित किया गया न्यूबार्न केयर यूनिट डाक्टरों के बिना महज खानापूर्ति बन कर रह गया है।
मानव आवाज संस्था के संयोजक एडवोकेट अभय जैन एवं प्रवक्ता बनवारी लाल सैनी ने बताया कि न्यूबार्न केयर यूनिट को अधिकारिक तौर पर शुरु हुए आज 3 माह हो गए है, लेकिन डाक्टरों की नियुक्ति अभी तक नहीं हो सकी है और यह महज एक औपचारिकता बन कर रह गया है। डाक्टरों के न होने से शिशुओं को आपातकाल स्थिति में उचित देखरेख और इलाज न मिलने का खतरा बना हुआ है, जो घातक भी हो सकता है।
जनवरी 2019 में शुरु किए गए न्यूबार्न केयर यूनिट की जिम्मेवारी नर्सो पर छोड़ दी गई है। 26 नवम्बर 2018 को सेक्टर-10 नागरिक अस्पताल के प्रधान चिकित्सा अधिकारी द्वारा सिविल सर्जन को लिखे गए पत्र में इस यूनिट को सुचारु ढंग से चलाने के लिए 3 चिकित्सा अधिकारी और एक बाल रोग विशेषज्ञ की नियुक्ति की मांग की गई थी, जो अब तक पूरी नहीं हुई हैं।
अस्पताल में न्यूबार्न यूनिट मे नवजात शिशुओं की देखरेख के लिए अति गम्भीरता की जरुरत है विशेषकर इस बात को ध्यान में रखते हुए कि नवजात शिशु संक्रामकता के शिकार होने में बहुत संवेदनशील होते है। उन्हे अक्सर पीलिया, उल्टी दस्त तथा सर्दी और फ्लू का खतरा बना रहता है। इसके अतिरिक्त वह त्वचा, श्वास, उदर रोगों तथा कम वजन तथा रक्त की कमी से पीड़ित रहते हैं। इस को देखते हुए न्यूबार्न केयर यूनिट में डाक्टरों, विशेषकर बाल रोग विशेषज्ञ की नियुक्ति बहुत जरुरी है।
डाक्टरों का टोटा न सिर्फ न्यूबार्न केयर यूनिट अपितु पूरे अस्पताल में है। डाक्टरों के 55 स्वीकृत पद है, जिनमें 34 पद ही भरे गए हैं। अस्पताल में स्टाफ नर्सों की भी भारी कमी हैं। यहां नर्सों के 90 स्वीकृत पदों में केवल 21 नर्से ही काम कर रही है। लेब टेकनीशियन के 14 स्वीकृत पदों में सभी 14 पद रिक्त पड़े हैं। रेडियोग्राफर के 06 स्वीकृत पदों में सभी 06 पद रिक्त पड़े हैं। आप्रेशन थियेटर सहायक के 10 स्वीकृत पदों में से 8 पद रिक्त पड़े हैं। इसी तरह अस्पताल में अन्य श्रेणी के पदों पर भी स्टाफ की कमी को लेकर स्थिति चिंताजनक है।
इस सब के मद्देनजर मानव आवाज संस्था ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खटट्र को पत्र लिखकर अपील की है कि वे हरियाणा के स्वास्थ्य विभाग को उचित आदेश दें ताकि सेक्टर-10 नागरिक अस्पताल में न्यूबार्न केयर यूनिट में डाक्टरों की शीघ्र नियुक्ति की जाए और अस्पताल में अन्य खाली पड़े महत्वपूर्ण पदों को भी भरा जाए ताकि नवजात शिशुओं की देखभाल के साथ, अन्य मरीजों को भी इलाज की बेहतर सुविधा मिल सके।