गैजेट डेस्क. साल 2018 में करीब 14.5 फीसदी भारतीय कंपनियां अपने नेटवर्क पर हुए एक भी साइबर हमले को नहीं पकड़ पाईं। वैश्विक स्तर पर यह आंकड़ा 22 फीसदी है। इस दौरान दुनिया भर में साइबर हमलों की संख्या में करीब 32 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई। यह जानकारी साइबर सिक्योरिटी फर्म एफ-सिक्योर के सर्वे से सामने आई है।
दूसरी छमाही में तेजी से बढ़े साइबर हमले: एफ-सिक्योर के मुताबिक, 2018 की पहली छमाही की तुलना में दूसरी छमाही के दौरान साइबर हमलों की संख्या में तेज बढ़ोतरी हुई। रिपोर्ट में कहा गया है कि साइबर हमले लगातार बढ़ रहे हैं, लेकिन कई कंपनियां अभी भी इनका पता लगाने के लिए संघर्ष कर रही हैं।
फाइनेंस और आईसीटी कंपनियों ने पकड़े सबसे ज्यादा हमले: सर्वे में शामिल 20% कंपनियां 12 महीनों के दौरान केवल एक हमले का पता लगा पाईं। वहीं, 31 फीसदी कंपनियों ने 2-5 हमलों का पता लगाया। इस दौरान हेल्थकेयर और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर वाली कंपनियों ने सबसे कम हमले पकड़ पाईं जबकि, फाइनेंस और इंफॉर्मेशन एंड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी (आईसीटी) वाली कंपनियों ने सबसे ज्यादा साइबर हमले पकड़े।
5 साल वाले खतरों से अगल: एफ सिक्योर के साइबर सिक्योरिटी प्रोडक्ट्स रिसर्च और डेवलपमेंट के वाइस प्रेसिडेंट लेस्जेक तासीमेस्की का कहना है कि आज के खतरे 10 या 5 साल पहले वाले खतरों से पूरी तरह अलग हैं। बचाव के उपाय और रणनीतिसब कुछ रोक नहीं पाएंगी। वे कहते हैं कि बहुत सी कंपनियां सिक्योरिटी का वैल्यू तब तक नहीं समझतीं जब तक किसी दुर्घटना से उन्हें अच्छा खासा नुकसान नहीं होता। इसलिए सालभर में एक भी अटैक न पकड़ने वाली कंपनियों का आंकड़ा देखकर मुझे तनिक भी आश्चर्य नहीं है।
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