नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार रात राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक बुलाई। इसमें जैश-ए-मोहम्मद सरगना मसूद अजहर के कथित रूप से मारे जाने की खबर पर चर्चा हुई। रविवार को अजहर के मारे जाने की खबर सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी। हालांकि पाकिस्तानी मीडिया ने पुलवामा हमले के मास्टरमाइंड अजहर के मारे जाने की खबरों को खारिज किया है। जियो टीवी ने मसूद के परिवार के करीबी सूत्रों के हवाले से कहा कि वह जिंदा है।
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जैश ने भी मसूद के जिंदा होने का दावा किया है। हालांकि, पाक सरकार और उसकी आर्मी की ओर से भी इस पर कोई बयान नहीं आया है।न्यूज एजेंसी आईएएनएस ने भी एक रिपोर्ट के हवाले से कहा था कि बालाकोट में भारतीय वायुसेना की एयर स्ट्राइक में वह मारा गया। पुलवामा हमले की जिम्मेदारी जैश ने ही ली थी।
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मोदी द्वारा अपने आवास 7, लोककल्याण मार्ग पर बुलाई गई बैठक में रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण, वित्त मंत्री अरुण जेटली, गृह मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल और विदेश सचिव विजय गोखले शामिल हुए।
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मीटिंग में एयर स्ट्राइक के बाद के हालात पर भी चर्चा हुई। जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में सुरक्षा बलों के साथ 48 घंटे चली मुठभेड़ में 2 आतंकी मारे गए और 5 जवान शहीद हो गए। इसमें एक सिविलियन की भी जान गई।
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14 फरवरी को कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए फिदायीन हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे। 26 फरवरी को वायुसेना के मिराज-2000 लड़ाकू विमानों ने मुजफ्फराबाद, चकोटी और बालाकोट में बम गिराए। इसके दूसरे दिन पाक के विमानों ने भारतीय सीमा का उल्लंघन किया और भारत के सैन्य संस्थानों को निशाना बनाने की कोशिश की। जवाबी कार्रवाई में मिग-21 ने पाक के एफ-16 विमान को मार गिराया।
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कार्रवाई के दौरान विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान कि मिग क्रैश हो गया था और वह पीओके में पाक के कब्जे में आ गए थे। हालांकि भारत और अंतरराष्ट्रीय दबाव के चलते 1 मार्च को पाक ने अभिनंदन को भारत को सौंप दिया। उन्हें वाघा बॉर्डर के रास्तेलाया गया था।
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भारत की खुफिया एजेंसियां यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि जैश चीफ अजहर की मौत की खबरों में कितनी सच्चाई है। एक अधिकारी ने बताया कि वह आर्मी के अस्पताल में अपना इलाज करवा रहा है, इसके अलावा हमारे पास कोई सूचना नहीं है।
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अजहर का भाई अम्मार एक ऑडियो में कह रहा है कि भारतीय सेनाओं ने मजहबी तालीम देने वाले संस्थानों को निशाना बनाया। यहां प्रशिक्षण पाने वालों को जिहाद का सिद्धांत समझाया जाता था। यहां तालीम पाने वाले लोग कश्मीर के मुसलमानों की मदद को अपना फर्ज समझते थे और वहां की मां-बहनों के दर्द को अपना दर्द समझते थे। उसने (भारत) हमारे मुल्क में घुसकर हमला किया। ऐसा करके उसने खुद ही हमारे मुल्क के खिलाफ जंग का ऐलान कर दिया।