- घर के हालातों में सुधार नहीं हुआ तो लोन लेकर खुंबी उत्पादन शुरू किया
- सतीश अब प्रतिमाह चार से पांच किंवटल तक खुंबी बेच देते हैं
हिसार । आठ साल पहले डीसी रेट पर लगने के बाद भी घर के हालातों में सुधार नहीं हुआ तो लोन लेकर खुंबी उत्पादन शुरू किया और अब प्रतिमाह 80 से 90 हजार रुपए तक कमाने लगे हैं। डूमरखां गांव के सतीश अब प्रतिमाह चार से पांच किंवटल तक खुंबी बेच देते हैं। उन्होंने इस दौरान एसी (कंट्रोल कंडीशन) में खुंबी उगाई हुई है जिसका बाजार में रेट भी अच्छे मिल रहे हैं। वहीं लोगों को भी काफी पसंद आ रही है। क्योंकि इसका टेस्ट भी आम खुंबी से अलग है।
इतना ही नहीं वह आसपास दूसरे गांव के किसानों को भी खुंबी उत्पादन के प्रति जागरूक कर रहे हैं। ट्रेनर के रूप में इतने मशहूर हो चुके हैं कि कैथल, हिसार व आसपास जहां भी कृषि से संबंधित कार्यक्रम हो। इनको जरूर बुलाया जाता है। उनको हिसार में वर्ष 2011-12 में डीसी रेट पर नौकरी मिल गई। कुछ जमा नहीं था तो घर आकर खेती करने की सोची। लेकिन उसके पास केवल एक एकड़ ही जमीन थी। फिर उसके मन में खुंबी उत्पादन करने का ख्याल आया। वह ट्रेनिंग लेने के लिए मुरथल, सोलन शहरों में गया। वहां से आकर बैंक से लोन लिया और खुंबी उत्पादन शुरू कर दिया। धीरे-धीरे उत्पादन अच्छा होने लगा और आसपास मंडियों में बिक्री भी होने लगी। अब उसने लगभग 100 गज एरिया में एसी (कंट्रोल कंडीशन) में खुंबी उगाई हुई है। वहीं कुछ एरिया में खुंबी का बीज भी लगाया हुआ है। अब वह खुंबी लुधियाना, पटियाला, चंडीगढ़ भी बेचने जाते हैं। जो लगभग 120 रुपए प्रति किलो के हिसाब से बिक रही है।
छोटे से लेकर बड़े सम्मेलनों में दे चुके हैं ट्रेनिंग
सतीश बताते हंै कि गांव के 4-5 युवा किसान भी उसके साथ जुड़े चुके हैं। उन्होंने भी खुंबी उत्पादन शुरू कर दिया है। आसपास के जिलों में होने वाले कृषि सम्मेलनों में उनको ट्रेनर के तौर पर बुलाया जाता है। वे भी चाहते हैं कि जो छोटे किसान आम खेती से आमदनी नहीं कर पाते। वे खुंबी की खेती कर अपनी आमदनी बढ़ाए। आम खेती के बजाए खुंबी उत्पादन में आमदनी अच्छी होती है। जब खुंबी उत्पादक ज्यादा हो जाएंगे तो खुंबी बेचने के लिए बाहर भी नहीं जाना पड़ेगा। यहीं पर उन्हंे अच्छे रेट मिल जाएंगे और आने-जाने का खर्च भी नहीं लगेगा।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today