मोगा (पंजाब)।आतंकी हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ की बस के ड्राइवर जैमल सिंह (45) की पत्नी सुरजीत कौर ने कहा, उसे केंद्र सरकार से न आर्थिक सहायता चाहिए न उसके पति की मौत का बदला। बस, केंद्र सरकार उसे उसका पति और अन्य परिवारों को उनके जवान लौटा दे। हमें और कुछ नहीं चाहिए। सुरजीत कौर ने नम आंखों से कहा, शादी के 16 साल बाद बेटे ने जन्म लिया था। 6 साल के इकलौते बेटे से वह दिन में 10-10 बार फोन कर बातें करते थे। अब मैं बेटे को क्या जवाब दूंगी…उसे अब भी अपने पिता का इंतजार है। उन्होंने सवाल किया… जम्मू-कश्मीर में जवान ही क्यों शहीद हो रहे हैं। अधिकारी और मंत्रीगण क्यों नहीं अपने सीने पर गोली खाते। मुझे इसका उत्तर चाहिए।
गुरुवार को जब सीआरपीएफ काफिले पर आतंकी हमले की खबर आई तो सुरजीत कौर जालंधर सीआरपीएफ क्वार्टर में अपने 6 साल के बेटे को पढ़ा रही थी। पति के शहीद होने के सूचना मिलते ही सास-ससुर के पास मोगा के गांव गलोटी पहुंची। एक दफा तो उसकी तबीयत भी बिगड़ गई थी। डॉक्टर बुलाकर इलाज कराया गया।
क्लर्क बन गए थे, 9 महीने बाद पहली दफा बस लेकर गए थे
सुरजीत कौर ने बताया कि 9 महीने पहले विभाग ने पति जैमल सिंह को हवलदार का रेंक देकर आॅफिस में क्लर्क लगा दिया था। तब से उन्होंने बस नहीं चलाई थी। 14 फरवरी को वह पहली बार बस लेकर गए और शहीद हो गए। उन्होंने बताया कि वीरवार सुबह 8.00 बजे पति से फोन पर बात हुई थी। तब उन्होंने कहा था कि कहीं बाहर जा रहा हूं। बाद में बात करूंगा। फिर शाम 4.00 बजे मैसेज आया कि पति के काफिले पर आतंकी हमला हुआ है। रात 7.00 बजे मैसेज आया कि इस हमले में उसका पति शहीद हो गया है।
जालंधर में अपने ट्रांसफर की कोशिश कर रहे थे
सुरजीत कौर ने बताया कि वह जालंधर में ट्रांसफर कराने की कोशिश कर रहे थे। कहते थे कि जालंधर आने के बाद प्री मेच्योर रिटायरमेंट लेकर बच्चे के भविष्य पर ही ध्यान देंगे।
बहन बोली-किसे बांधूंगी राखी, कोई मेरा वीर लाैटा दे
पत्नी सुरजीत कौर सुखी का कहना था कि उसे दुनिया की कोई दौलत नहीं चाहिए। उसे उसका पति लौटा दो। बहन हरजिंदर कौर ने कहा कि अब राखी के समय वो जैमल भाई को ढूंढती रहेगी, वो नहीं आएगा। उसकी जैमल से सितंबर, 2018 को राखी के समय ही बात हुई थी। अब मैं राखी किसे बांधूंगी, कोई मेरा वीर मुझे लौटा दे।
सहानुभूति के बाद ताउम्र दर्द हमने ही झेलना है
सुरजीत कौर ने बताया कि उसके पति ने कहा था कि जल्द ही वह फिर छुट्टी पर आएगा। अब कुछ नहीं हो सकता 4 दिनों की सहानुभूति के बाद सारी उम्र दर्द हमें ही झेलना है।
पंचकूला शिफ्ट होने की योजना बनाई थी शहीद की
गृह मंत्रालय पंजाब के आंकड़ों के अनुसार 1999 में जम्मू-कश्मीर के कारगिल में हुए हमले के बाद वहां तैनात पंजाब के अब तक 44 जवान शहादत पा चुके हैं। इनमें 36 मिलिट्री फोर्स, 6 बीएसएफ (पैरामिलिट्री फोर्स) और 2 सीआरपीएफ (पैरामिलिट्री फोर्स) के जवान शामिल हैं। वीरवार शाम को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में आतंकी हमले में शहीद होने वाला सीआरपीएफ का जवान भी इनमें शामिल है। शादी के 16 साल बाद हुए 6 साल के बेटे की भविष्य की चिंता करने वाले जैमल ने जल्द ही प्री मेच्योर रिटायरमेंट लेने के बाद जालंधर से पंचकूला शिफ्ट होने की योजना बनाई थी। शहीद जैमल सिंह के माता-पिता जसवंत सिंह व सुखविंदर कौर ने बताया कि उनके बेटे जैमल सिंह का जन्म 1974 को गांव गलोटी में हुआ था। 12वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद 19 साल की आयु में 1993 में सीआरपीएफ में बतौर ड्राइवर भर्ती हो गया। इस समय वह जम्मू-कश्मीर में तैनात था।
बहनअब राखी के समय वो जैमल भाई को ढूंढती रहेगी, पर वो नहीं आएगा
उसका एक छोटा भाई नसीब सिंह जो अपने काम-काज के सिलसिले में मलेशिया में रहता है। एक बहन हरजिंदर कौर है जो शादीशुदा है। अपने 6 साल के बेटे की पढ़ाई को लेकर जैमल सिंह और उनकी बहू सुरजीत कौर जालंधर में रह रहे थे। वे अपने बेटे को जालंधर के स्कूल में पढ़ाना चाहता था। पत्नी सुरजीत कौर सुखी का कहना था कि उसे दुनिया की कोई दौलत नहीं चाहिए। उसे उसका पति लौटा दो। बहन हरजिंदर कौर ने कहा कि अब राखी के समय वो जैमल भाई को ढूंढती रहेगी, वो नहीं आएगा। उसकी जैमल से सितंबर, 2018 को राखी के समय ही बात हुई थी।
पाक दोनों देशों के लोगों को मरवा रहा है : तोता सिंह
पूर्व कृषि मंत्री जत्थेदार तोता सिंह परिवार से सहानुभूति प्रगट करने के लिए शुक्रवार 11.00 बजे शहीद जैमल सिंह के घर गलोटी गांव पहुंचे। उन्होंने जैमल सिंह के पिता जसवंत सिंह से बात की और परिवार को सहानुभूति दी। उन्होंने कहा कि जैमल सिंह ही इस परिवार का कमाऊ बेटा था। यह काम पाकिस्तान का है। अगर उसने कोई बात करनी है तो बैठ कर करे। वो दोनों देशों के लोगों को मरवा रहा है। हम उससे डरने वाले नहीं। उन्होंने कहा कि वो डीसी मोगा को कहेंगे कि वो इनका केस स्ट्रोंग बनाकर भेजे, ताकि पंजाब व केंद्र सरकार इस परिवार की मदद कर सके।
परिवार को हरसंभव मदद दी जाएगी : डीसी
डिप्टी कमिश्नर संदीप हंस दोपहर 12.00 बजे शोकाकुल परिवार को मिलने पहुंचे। डीसी ने शहीद जैमल सिंह के पिता से घटना की जानकारी ली और उन्होंने केंद्र व पंजाब सरकार द्वारा उनके परिवार को हर संभव मदद देने का भरोसा दिया। विधान सभा के समागम को बीच में छोड़कर पहुंचे हलका धर्मकोट के विधायक सुखजीत सिंह काका लोहगढ़ ने कहा कि पंजाब सरकार इस परिवार की अधिक से अधिक आर्थिक सहायता करेगा। केंद्र सरकार की ढीली नीतियों के चलते हमारे जवान सीमा पर शहीद हो रहे हैं।
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