सिडनी. नीदरलैंड के रहने वाले वीब वेकर पिछले करीब तीन साल में 89 हजार किलोमीटर का सफर तय कर ऑस्ट्रेलिया पहुंचे हैं। अपने सफर में उन्होंने यूरोप, मिडिल ईस्ट और साउथ ईस्ट एशिया के 33 देश पार किए। हालांकि, यह कोई एडवेंचर राइड नहीं थी, बल्कि इसका मकसद ऑस्ट्रेलिया के लोगों को यह बताना है कि इलेक्ट्रिक वाहन जीवाश्म ईंधन से चलने वाले वाहनों का बेहतरीन विकल्प हैं।
दरअसल, ऑस्ट्रेलिया में ज्यादातर लोग इलेक्ट्रिक कारों को महंगा और कमजोर मानते हैं। लोगों का कहना है कि उन्हें हर दिन लंबी दूरी तक सफर करना पड़ता है। ऐसे में चार्जिंग से चलने वाली कारें उनके लिए नहीं हैं। ऑस्ट्रेलियाई लोगों की इसी भ्रांति को तोड़ने के लिए वेकर ने अपनी 2009 की कनवर्टेड फोक्सवैगन इलेक्ट्रिक कार से एडिलेड तक का सफर तय किया।
ऑस्ट्रेलिया में भी बढ़ाएंगे जागरुकता
वेकर के मुताबिक, उन्हें पहले लगा था कि इतने लंबे सफर के बाद वे बुरी तरह थक जाएंगे, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। वेकर का कहना है कि वे अभी भी काफी ऊर्जावान हैं और अभी एडिलेड से पर्थ, नुलार्बर, न्यूकासल और क्वींसलैंड जाएंगे। इसके बाद मेलबर्न और सिडनी दौरा करेंगे, ताकि पूरे ऑस्ट्रेलिया में इलेक्ट्रिक कारों के बारे में जागरुकता फैलाई जा सके।
वेकर ने अपनी यात्रा के लिए जिस कार को चुना है वह कोई आधुनिक कार नहीं बल्कि 2009 की फॉक्सवैगन है, जिसे इलेक्ट्रिक कार में बदला गया है। वेकर ने गार्जियन अखबार से बातचीत में कहा कि मार्केट में मौजूद आधुनिक कारें एक बार फुल चार्जिंग में 500 किलोमीटर तक का एवरेज देती हैं, जबकि मेरी खुद की कार का एक बार में 200 किमी ही जाती है। इसके बावजूद मैंने यह सफर पूरा किया।
पश्चिमी देशों में इलेक्ट्रिक कारों का प्रचार कर रहीं सरकारें
वेकर के मुताबिक, ऑस्ट्रेलिया में अगर आज लोग इलेक्ट्रिक कार खरीदें तो यह उन्हें काफी सस्ती पड़ेगी। हालांकि, उन्होंने चार्जिंग पॉइंट्स की कमी पर दुख जताया। वेकर ने कहा कि ज्यादातर पश्चिमी देश इलेक्ट्रिक कारों को बढ़ावा देने के लिए कई सुविधाएं मुहैया कराते हैं। नॉर्वे में तो आयात शुल्क में 25% छूट भी दी जाती है। इसके अलावा उन्हें मुफ्त पार्किंग और टोल की सुविधा भी मिलती है।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today