गैजेट डेस्क. फेसबुक-इंस्टाग्राम और ट्विटर पर इन दिनों #10YearChallenge नाम से एक चैलेंज चल रहा है जिसके तहत लोग 10 साल पुरानी और आज की फोटो को जोड़कर शेयर कर रहे हैं। लेकिन अब सवाल उठ रहे हैं कि इस चैलेंज को फेसबुक ने शुरू किया ताकि लोगों का डेटा जुटाया जा सके और उसका इस्तेमाल फेशियल रिकग्निशन एल्गोरिदम को बेहतर बनाने में किया जा सके। टेक जर्नलिस्ट केट ओ’नील ने wired.com पर एक आर्टिकल लिखा है, जिसमें उन्होंने इस चैलेंज के जरिए लोगों की प्राइवेसी के साथ समझौता होने की आशंका जताई है।
Me 10 years ago: probably would have played along with the profile picture aging meme going around on Facebook and Instagram
Me now: ponders how all this data could be mined to train facial recognition algorithms on age progression and age recognition— Kate O’Neill (@kateo) January 12, 2019
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केट ने सबसे पहले 13 जनवरी को ट्वीट कर लिखा, ‘‘10 साल पहले फेसबुक और इंस्टाग्राम पर चल रहे इस एजिंग मीम के साथ मैं शायद खेलती,लेकिन अब मैं सोच रही हूं कि फेशियल रिकग्निशन एल्गोरिदम को इंप्रूव करने के लिए एज प्रोग्रेसन और एज रिकग्निशन के डेटा का कैसे इस्तेमाल किया जा सकता है?” wired.com में लिखे आर्टिकल में केट ने कहा किइस ट्वीट के जरिए उनका इरादा इस मीम (चैलेंज) को खतरनाक बताने का नहीं था, पर फेशियल रिकग्निशन के बारे में जानने के बाद लोगों को इस बारे में पता होना भी जरूरी है।’’
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“लेकिन कुछ लोग अपनी प्रोफाइल पिक्चर में कार्टून्स, वर्ड इमेज या अलग-अलग पेंटिंग्स और फिल्टर का इस्तेमाल करते हैं, ऐसे में उनका सही डेटा मिलना काफी मुश्किल हो सकता है। इसके साथ ही ये भी पता नहीं चलता कि फेसबुक पर पोस्ट की गई प्रोफाइल फोटो किस दिन ली गई है, इसमें मेटा-डेटा भी सही तारीख को एक्सेस नहीं कर पाता क्योंकि कई बार लोग फोटो को स्कैन कर उसे ही प्रोफाइल पिक्चर बना लेते हैं या फिर एक ही फोटो को कई बार अपलोड कर देते हैं।”
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केट ने लिखा, “फेसबुक के #10YearChallenge में लोग अपनी फोटो के साथ साल भी लिख रहे हैं, जैसे ‘मी इन 2008 और मी इन 2018।’ इसके अलावा कुछ यूजर्स अपनी फोटो की लोकेशन भी बता रहे हैं, जिससे एक चैलेंज के जरिए ही एक बड़ा डेटा तैयार हो गया है कि लोग 10 साल पहले और अब कैसे दिखते हैं।’’ उन्होंने बताया कि इस डेटा का इस्तेमाल फेशियल रिकग्निशन एल्गोरिदम को ट्रेन्ड करने में किया जाता है।
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फेसबुक ने इन दावों को खारिज किया है। उसने इसेयूजर जनरेटेड मीम बताया है। फेसबुक का कहना है कि, ‘‘हमने यह चलन शुरू नहीं किया।मीम में इस्तेमाल किए गए फोटो फेसबुक पर पहले से ही मौजूद हैं। फेसबुक को इस मीम से कुछ नहीं मिल रहा। फेसबुक यूजर्स फेशियल रिकग्निशन को कभी भी ऑन या ऑफ कर सकते हैं।’’