रोहतक/सिरसा.सिरसा के पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड में गुरमीत राम रहीम पर शुक्रवार को सीबीआई कोर्ट के फैसले को लेकर सुनारिया जेल की सुरक्षा बढ़ा दी है। ड्रोन से भी नजर रखी जा रही है। सूत्रों के अनुसार फैसले केअनुमान केसंबंध मेंवकील की ओर से कुछ जानकारी मिलने के बाद से गुरमीत गुरुवार दोपहर से शांत है। वह किसी भी नंबरदार से बातचीत नहीं कर रहा।
वहीं जेल में रहने से गुरमीत कावजन अब पहले से कम हो गया। दाढ़ी भी काफी हद तक सफेद हो गई। इन दिनों राम रहीम जेल में बागवानी कर रहा है। हालांकि जेल के अधिकारियों ने राम रहीम के बारे में कुछ भी बताने से चुप्पी साधी हुई है।
रोहतक एसपी जशनदीप सिंह रंधावा ने बताया कि जेल की सुरक्षा के लिए डीएसपी ताहिर हुसैन को जिम्मेदारी दी है। जेल के पास 8 नाके लगाए हैं। इसके अतिरिक्त ड्रोन कैमरे से जेल के आसपास की व्यवस्था पर नजर रखी जा रही है। इधर, सिरसा में सुरक्षा के मद्देनजर जींद, फतेहाबाद , हिसार व मधुबन से 1200 जवान बुलाए गए हैं। सीमावर्ती सभी राज्यों में सूचना दी गई है।
सोशल मीडियापर खुफिया विभाग की निगरानी
पुलिस की ओर से सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर नाम चर्चा घरों की चेकिंग और उनके प्रतिनिधियों से संपर्क किया जा रहा है। सीआईए टीम और खुफिया तंत्र को असामाजिक तत्व और संदिग्ध व्यक्ति पर निगरानी रखने की जिम्मेदारी सौंपी है। सोशल साइटों पर अफवाहें रोकने के लिए आईटी सेल और साइबर सेल की जिम्मेदारी लगाई है। कोई भी भड़काऊ पोस्ट करने पर केस दर्ज किया जाएगा। इसके साथ संदिग्ध या असामाजिक तत्व की जानकारी देने के लिए पुलिस कंट्रोल रूम के तीन नंबर भी जारी किए हैं।
छत्रपति हत्याकांड में चले कोर्ट ट्रायल पर एक नजर:
- डेरा प्रमुख गुरमीतराम रहीम सिरसा के पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या के मामले का आरोपी है। यह हत्याकांड 16 साल पुराना है।
- 2002 में पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की गोली मारकर हत्या कर दी थी। वो लगातार अपने समाचार पत्र में डेरे में होने वाले कृत्यों से जुड़ी खबरों को छाप रहे थे। पत्रकार के परिवार ने इस संबंध में केस दर्ज कराया था।
- उनकी याचिका पर अदालत ने इस हत्याकांड की जांच नवंबर 2003 को सीबीआई के हवाले कर दी थी।
- 2007 में सीबीआई ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल करते हुए डेरामुखी गुरमीत सिंह राम रहीम को हत्या की साजिश रचने का आरोपी माना था। पिछले सप्ताह इस मामले में कोर्ट सुनवाई पूरी कर ली।
- अब 11 जनवरी को इस मामले पर फैसला आने की उम्मीद है। बता दें कि छत्रपति को डेराप्रेमी कुलदीप और निर्मल ने गोली मारी थी, जो उस समय पकड़े गए थे। उनसे पूछताछ में डेरा के तत्कालीन मैनेजर किशन सिंह का नाम सामने आया था। तभी जाकर डेरा प्रमुख पर हत्या कराने का शक जाहिर हुआ था।
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