पानीपत(मनोज कुमार).सितंबर में हुई तेज बारिश से प्रदेश में आई बाढ़ की वजह से फसलों के नुकसान की गिरदावरी रिपोर्ट पूरी तैयार हो गई है। मुआवजा भी तय हो चुका है, लेकिन बीमा कंपनियों की वजह से मुआवजा वितरण में पेच फंसा हुआ है।
सरकार के नियमों के अनुसार सहकारी बैंकों से लोन लेने वाले किसानों का प्रीमियम काटकर उनकी फसलों का प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बीमा किया गया, लेकिन कंपनियों के पास किसानों के फसलों की पूरी जानकारी ही नहीं है। क्योंकि उन्होंने सहकारी बैंकों से केवल किसानो के नाम ले लिए, लेकिन यह नहीं पता कि उसकी फसल कितने क्षेत्र में थी, कौनसी फसल किसान ने बिजाई की थी।
ऐसे में अब यह आंकड़ा जुटाया जा रहा है। जब बीमित किसानों की पूरी रिपोर्ट बन जाएगी, तभी मुआवजा दिया जा सकेगा। 22-23 सितंबर को हुई तेज बारिश से प्रदेश के 15 जिलों में एक लाख 85 हजार 92 एकड़ में खड़ी खरीफ की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई थी।
गिरदावरी की आई रिपोर्ट के अनुसार किसानों का मुआवजा 161 करोड़ 99 लाख रुपए बन रहा है, लेकिन बीमा कंपनी का पेच खत्म होने पर ही इसे वितरित किया जाएगा। ऐसे में सरकार के पास अभी अंतिम रिपोर्ट नहीं पहुंची है। क्योंेकि जिन किसानों को कंपनियोंको मुआवजा देना है, उन्हें सरकार अपने खजाने से नहीं देगी।
बारिश से सबसे ज्यादा नुकसान भिवानी, हिसार, यमुनानगर, अम्बाला, रोहतक और जींद में हुआ था। इधर, विधानसभा में गिरदावरी पर सवाल उठने पर विधानसभा में मुख्यमंत्री मनोहर लाल जांच कराने का आश्वासन दिया था। इसके बाद अब सभी मंडलायुक्तों को चिट्ठी लिख दी गई है। भिवानी, हिसार, यमुनानगर सबसे ज्यादा और फरीदाबाद में सबसे कम नुकसान हुआ है।
7 जिलों में 7136 एकड़ में रबी की बिजाई नहीं
राज्य सरकार की ओर से विधानसभा में उन किसानों को भी प्रति एकड़ 6 हजार रुपए देने की घोषणा की थी, जो खरीफ की फसल खराब होने के बाद जलभराव की वजह से रबी की बिजाई नहीं कर पाए। प्रदेश के 9 जिले ऐसे हैं, जहां कुछ क्षेत्र में बिजाई नहीं हुई।
सरकार के पास अभी 7 हजार 136 एकड़ क्षेत्र की रिपोर्ट पहुंची है। इनमें अंबाला का 56, यमुनानगर का 25, कैथल का 33, रोहतक का 3315, झज्जर का 1230, चरखी दादरी का 1840 और भिवानी का 637 एकड़ क्षेत्र शामिल है। जबकि हिसार और जींद की रिपोर्ट अभी तक सरकार के पास नहीं पहुंची है।
किस फसल के कितने नुकसान पर कितना मिलेगा मुआवजा
- गेहूं, पैडी, कॉटन और गन्ने की फसल के 25 से 50 फीसदी नुकसान पर किसान को 7 हजार रुपए प्रति एकड़ मुआवजा दिया जाएगा। जबकि 50 से 75 फीसदी पर 9500 और 75 फीसदी से ज्यादा नुकसान पर प्रति एकड़ 12 हजार रुपए दिए जाएंगे।
- सरसों और अन्य फसलों के 25 से 50 फीसदी नुकसान पर प्रति एकड़ 55सौ रुपए किसानों को दिए जाएंगे। जबकि 50 से 75 फीसदी पर 7 हजार और 75 फीसदी से अधिक नुकसान पर प्रति एकड़ 10 हजार रुपए मुआवजा दिया जाएगा।
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