2018 में प्रोफेशनल से लेकर प्राइमरी एजुकेशन तक के क्षेत्र में कई नियम-कायदे बदलने वाले हैं। इंजीनियरिंग और मेडिकल के पेपर पैटर्न बदलेंगे। बच्चों के स्कूल बैग का वजन हल्का होगा। पेपर लीक रोकने के लिए भी और सख्त कदम उठाए जाने की तैयारी है।
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- ऑल इंडिया काउंसिल ऑफ टेक्निकल एजुकेशन (एआईसीटीई) ने इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट के पेपर पैटर्न में बदलाव किया है। पेपर खास सॉफ्टवेयर से अप्रूव होने के बाद ही फाइनल होंगे। तय पैरामीटर पर पेपर खरा नहीं उतरा तो सॉफ्टवेयर अप्रूव ही नहीं करेगा।
- दूसरा बदलाव यह है कि पेपर में प्रैक्टिकल नॉलेज आधारित सवालों का वेटेज बढ़ेगा, ताकि छात्रों में रट्टा मारने की फितरत कम हो। इस साल परीक्षा देने वाले एआईसीटीई के इंजीनियरिंग-मैनेजमेंट के करीब 15 लाख छात्रों को नए पैटर्न से परीक्षा देनी होगी।
- एआईसीटीई इंजीनियरिंग छात्रों को अब 700 घंटे इंटर्नशिप जरूरी होगी।
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- सीबीएसई भी इस सेशन से 10वीं की बोर्ड परीक्षाओं के पैटर्न में बदलाव कर रही है। अब छात्रों को पास होने के लिए थ्योरी और प्रैक्टिकल में अलग-अलग 33% अंक नहीं लाने होंगे। अब उन्हें दोनों ही परीक्षाओं को मिलाकर कुल 33% अंक प्राप्त करने होंगे।
- पेपर लीक रोकने के लिए सीबीएसई अब परीक्षा केंद्रों पर पेपर की हार्ड कॉपी नहीं, ई-लिंक और सीडी भेजेगा। 10वीं, 12वीं की परीक्षा में पेपर इसी तरह भेजे जाएंगे। परीक्षा सेंटर भी उन्हीं स्कूलों में बनाया जाएगा, जहां प्रिंटर, इंटरनेट और बिजली की पर्याप्त व्यवस्था हो।
- सीबीएसई के करीब 8 हजार स्कूलों को भी मान्यता मिल सकती है।
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- इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (आईआईएम) 2019-21 सेशन से कोर्स में रोल प्ले और लाइव प्रोजेक्ट्स का वेटेज बढ़ाएगा। फोकस कोर्स को इंडस्ट्री की मांग के अनुसार ढालने पर है। इसके लिए पिछले एक साल से आईआईएम के कोर्सेज को तब्दीली की जा रही है।
- छात्रों को मशीन टेक्नोलॉजी और आर्टिफिशियल इंटेजिलेंस से वाकिफ कराने पर फोकस है। आईआईएम-कोलकाता ने पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम इन मैनेजमेंट की समीक्षा भी शुरू कर दी है, जिसमें पहला स्टेप ही है- ओरिएंटेशन में 15 घंटे की प्रैक्टिकल वर्कशॉप।
- आईआईएम-कोझिकोड ने लीडरशिप-4.0 कोर्स शुरू कर दिया है।