चंडीगढ़ (सुखबीर सिंह बाजवा).पंजाब में 1960 के बाद तीसरे सरकारी मेडिकल काॅलेज का निर्माण जनवरी में शुरू हो जाएगा। इससे पहले अमृतसर और पटियाला में दो सरकारी मेडिकल काॅलेज हैं, जो 1960 में बने थे। सरकार ने यह भी फैसला लिया है कि मेडिकल काॅलेज के साथ ही यहां आयुवेर्दिक काॅलेज और सरकारी डेंटल काॅलेज बनाया जाएगा। कुछ समय पहले हेल्थ मिनिस्टर ब्रहम मोहिंद्रा ने यह घोषणा की थी, लेकिन यह नहीं बताया गया था कि आयुवेर्दिक और डेंटल काॅलेज कहां बनेंगे। अब मोहिंद्रा ने इसकी पुष्टि कर दी है।
मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) की टीम मोहाली में कुछ दिन पहले इंस्पेक्शन करके गई है। उसके बाद मेडिकल काॅलेज बनाने का प्रोसेस शुरू कर दिया गया है। मोहाली के फेज-6 में जिस जगह मेडिकल काॅलेज बनाया जाना है, उस जगह फिलहाल पंजाब हेल्थ सिस्टम्स काॅर्पोरेशन का ऑफिस कैंपस है। काॅर्पोरेशन को शिफ्ट होने को कह दिया गया है। उसके लिए दो बिल्डिंग्स देखी गई हैं और एकाध महीने में ऑफिस शिफ्ट कर दिया जाएगा।
पंजाब हेल्थ सिस्टम्स काॅर्पोरेशन के साथ ही मोहाली का सिविल अस्पताल चल रहा है। यह अस्पताल इसी जगह रहेगा। पंजाब हेल्थ सिस्टम्स काॅर्पोरेशन की बिल्डिंग की जगह मेडिकल काॅलेज बनाया जाएगा। मोहाली मेडिकल काॅलेज के लिए नया ट्रस्ट बनाकर सारा स्टाफ नया तैनात किया जाएगा। यहां हर तरह की मेडिकल सुविधा का बंदोबस्त किया जाएगा। मोहाली के साथ चंडीगढ़ के सेक्टर 32 में भी मेडिकल काॅलेज है।
बलबीर सिद्धू स्टैंड न लेते तो संगरूर चला जाता काॅलेज :
मोहाली में बनने वाले मेडिकल काॅलेज की घोषणा 2014 में अकाली-भाजपा सरकार ने की थी, लेकिन उसके बाद कोई काम न होने के कारण यह ठंडे बस्ते में चला गया। कांग्रेस सरकार बनने पर इसे संगरूर में बनाने की बात चली, लेकिन मोहाली के विधायक एवं कैबिनेट मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने स्टैंड ले लिया और इसे मोहाली में ही बनाने को लेकर सरकार पर दबाव बनाया। इस पर सरकार ने इसे मोहाली में ही बनाने का फैसला किया।
60 परसेंट राशि केंद्र सरकार देगी :
नए मेडिकल काॅलेज का बजट 189 करोड़ है। इसमें से 60 परसेंट राशि केंद्र सरकार देगी, जबकि 40 परसेंट पंजाब सरकार को देनी होगी। ऐसे में केंद्र से पंजाब सरकार को करीब 112 करोड़ मिलेंगे।
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