नोएडा. मुंबई में रहने वाले एक व्यक्ति सुनील, पत्नी राधा और बेटे अभिषेक को नोएडा पुलिस ने गिरफ्तार किया गया है। आरोपी के भाई ने धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई थी। यह भी कहा था आरोपी ने 285 करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी के लिए दस्तावेजों में मृत मां को जिंदा बता दिया। तीनों आरोपियों को 15 दिसंबर को मुंबई के पवई स्थित हीरानंदानी गार्डन से अरेस्ट किया गया था।
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विजय गुप्ता ने नोएडा के सेक्टर-20 में अपने बड़े भाई सुनील, भाभी, उनके दो बेटों और पांच अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। केस पांच साल पुराना है।
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थाना प्रभारी मनोज कुमार पंत के मुताबिक- “मां के निधन के बाद सुनील गुप्ता ने फर्जी दस्तावेज बनवाए, जिसमें उन्हें (मां) जिंदा दिखाया गया। इसके बाद सुनील ने धोखे से प्रॉपर्टी को अपने और परिवार के नाम करा लिया। इसके चलते शिकायतकर्ता को 285 करोड़ का नुकसान हुआ।”
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सुनील की मां कमलेश रानी का निधन 7 मार्च 2011 को हो गया था। उनकी संपत्ति 285 करोड़ रुपए की है जिसमें मुंबई में एक मोमबत्ती बनाने की फैक्ट्री भी शामिल है। फैक्ट्री का एक ऑफिस नोएडा में भी है।
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कमलेश रानी ने अपनी वसीयत में लिखा था कि मरने के बाद उनके बेटों में यह जायदाद बांट दी जाए। विजय गुप्ता ने जिला कोर्ट में अपने बड़े भाई पर आरोप लगाया कि उसने गलत दस्तावेज बनवाए और कंपनी पर कब्जा कर लिया, जबकि कंपनी में वह भी पार्टनर था।
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अफसर के मुताबिक- “सुनील ने मुंबई स्थित रजिस्ट्रार ऑफिस में पेश दस्तावेजों में बताया कि मोमबत्ती बनाने वाली कंपनी उसे मां से तोहफे के रूप में मिली है। इसकी वसीयत (गिफ्ट डीड) भी कराई जा चुकी है। नियम के मुताबिक गिफ्ट डीड किसी मृत व्यक्ति के नाम से नहीं बनवाई जा सकती। डीड में मृत मां को जिंदा बताया गया था।”
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विजय ने यह आरोप भी लगाया कि सुनील (बड़े भाई) ने मां की मौत के बाद कंपनी से 29 करोड़ रुपए का ट्रांसफर अपने एक दोस्त की कंपनी में किया। इसके लिए किसी से भी सलाह-मशविरा नहीं किया गया। जब विजय ने बड़े भाई का विरोध करना शुरू किया तो उसने जान से मारने की धमकी दी।
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सबूत जुटाने के बाद नोएडा से पुलिस टीम मुंबई रवाना हुई, जहां सुनील, उसकी पत्नी और बेटे को गिरफ्तार कर ट्रांजिट रिमांड पर नोएडा लाया गया। उन्हें कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया है।