सिओल. एक एग्जाम के लिए पूरा दक्षिण कोरिया रुक सा जाता है। गुरुवार को कॉलेज स्कोलास्टिक एबिलिटी टेस्ट (यूनिवर्सिटी के लिए प्रवेश परीक्षा) में करीब 6 लाख से ज्यादा छात्र शामिल हुए। इस परीक्षा को सुनयुंग नाम से भी जाना जाता है। परीक्षा आयोजित करने वाली संस्था की कोशिश होती है इस दौरान छात्रों को किसी तरह की परेशानी न हो और उनका ध्यान भंग न हो।
हर साल नवंबर में होने वाली सुंगयुन में छात्रों को लगातार आठ घंटे परीक्षा देनी होती है। परीक्षा के दौरान पूरा देश खामोश हो जाता है। दुकानें, बाजार, बैंक बंद रहते हैं, शेयर बाजार देर से खुलता है। ज्यादातर निर्माणकार्य स्थगित कर दिए जाते हैं। इतना ही नहीं विमान सेवा और मिलिट्री ट्रेनिंग को भी रोक दिया जाता है।
पुलिस भी छात्रों को सेंटर पर पहुंचाती है
परीक्षा में लेट न हो जाएं, इसके लिए पुलिस भी छात्रों को सेंटर तक पहुंचाने में मदद करती है। सड़क खाली रहे, इसके लिए पुलिस की गाड़ी साइरन बजाते चलती है। परीक्षा के दौरान माता-पिता तनाव दूर करने के लिए बौद्ध मंदिर या चर्च जाते हैं। इस बार सुंगयुन के दौरान दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे-इन आसियान समिट में हिस्सा लेने सिंगापुर में थे। उन्होंने भी फेसबुक पर बच्चों को बेस्ट ऑफ लक का मैसेज भेजा।
छात्र कई साल करते हैं तैयारी
पहली बार सुंगयुग में बैठीं 18 साल की को युन-सूह के मुताबिक- हमारे सुनहरे भविष्य का रास्ता इसी परीक्षा से खुलता है। इस एक दिन के लिए हम 12 साल तैयारी करते हैं। मैं ऐसे लोगों को भी जानती हूं जो 5 से ज्यादा बार यह परीक्षा दे चुके हैं। 20 साल के ली जीन-योंग तीसरी बार परीक्षा में बैठीं। ली बताती हैं कि परीक्षा के दिन में 6 बजे उठ जाती हूं ताकि दिमाग को इसके लिए बेहतर तरीके से तैयार कर सकूं। मैं अपने आप यही कहती हूं कि तुमने मेहनत तो काफी की है, बस अब उसे दिखाना है। ली के मुताबिक, पिछले साल जब मैं सुबह 7.30 बजे परीक्षा सेंटर पहुंची तो एक ग्रुप गाना गाकर छात्रों का उत्साह बढ़ाने की कोशिश कर रहा था। गुड लक के लिए टॉफियां भी बांटी जा रही थीं।
500 टीचर्स को दी जाती है ट्रेनिंग
परीक्षा के लिए हर साल पूरे देश से 500 शिक्षकों को चुना जाता है। इन्हें पहाड़ी प्रांत गांगवोन में रखा जाता है। एक महीने के लिए उनके फोन जब्त कर लिए जाते हैं। बाहरी दुनिया से उनका संपर्क पूरी तरह से खत्म कर दिया जाता है। ट्रेनिंग के दौरान टीचर्स को छुट्टी नहीं मिलती। उन्हें परिवार से बात करने की भी इजाजत नहीं होती। सुंगयुन के रिजल्ट की घोषणा एक महीने बाद होती है। हर छात्र के अंक नेशनल वेबसाइट पर दिए जाते हैं। इसी आधार पर छात्र तय करते हैं कि उन्हें किस यूनिवर्सिटी में दाखिला मिलेगा।
सबसे ज्यादा पढ़े-लिखे देशों में से एक है दक्षिण कोरिया
दक्षिण कोरिया में दुनिया की सबसे ज्यादा पढ़ी-लिखी आबादी है। यहां यूनिवर्सिटी की डिग्रीधारी एक तिहाई लोग बिना नौकरी वाले हैं। इसके चलते देश में बेरोजगारी की समस्या भी बढ़ रही है। एक आकलन के मुताबिक, दक्षिण कोरिया में 70% हाईस्कूल पासआउट यूनिवर्सिटी में दाखिला लेंगे लेकिन 2% से भी कम छात्रों को मनपसंद संस्थान में दाखिला मिलेगा।
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