नवंबर के पहले हफ्ते से लगातार रात का पारा गिर रहा है। शुक्रवार-शनिवार को यह 9 डिग्री तक पहुंच गया। नवंबर शुरुआत में न्यूनतम तापमान 10 साल में पहली बार इस लेवल पर आया है। दिन का पारा (मैक्सिमम) भी 3 डिग्री तक घटा है। आजकल मैक्सिमम टेंपरेचर 26-28 डिग्री है। हवा में नमी की मात्रा 90% से ज्यादा रिकॉर्ड हुई। पहाड़ों में लगातार बर्फबारी के साथ बारिश मैदानी इलाकों का मौसम प्रभावित कर रही है। नॉर्थ-वेस्ट से आ रहीं हवाएं नमी-ठंडक ला रही हैं, इसलिए ठंड बढ़ रही है। वहीं, सामान्य: 7 एमएम बारिश होती है, शुरुआती 10 दिन में 2.6 एमएम पानी बरस चुका है। यह भी पिछले 10 साल का रिकॉर्ड है।
इधर, सर्दी के ये साइड इफेक्ट
<img src=\"images/p2.png\"पिछले चार सालों बाद ऐसा मौसम अबकी बार आया है कि सर्दी समय से पहले ही आ गई। सर्दी के कपड़ों का रिस्पांस बहुत ही बढ़िया मिल रहा है। इस बार उम्मीद है कि स्टॉक क्लीयरेंस का झंझट नहीं रहेगा और ऑफिस जैसी समस्याएं नहीं आएंगी। इस बार अच्छे दामों पर विंटर के परिधान बिकेंगे। यह सीजन इस समय भरपूर सेल का बना हुआ है। -कुंतल जैन, ड्यूक फैशन लुधियाना।
बुरा. नमी से पॉल्यूशन छंट नहीं रहा, एलर्जी, दमा के मरीजों को दिक्कत
अच्छा. होजरी कारोबार को बढ़िया रिस्पॉन्स मिलने की उम्मीद
<img src=\"images/p3.png\"आगे क्या. 12 के बाद बूंदाबांदी के आसार: जेएंडके के पास बने वेदर सिस्टम का असर यहां भी दिखेगा। आंशिक रूप से बादल छाएंगे और हल्की सर्द हवा चलेगी। इससे पराली और पटाखों के प्रदूषण से थोड़ी राहत मिलेगी। हवा चलने से नमी में जमा प्रदूषण छटेंगा। 12 के बाद हल्की बूंदाबांदी के भी आसार हैं।
पिछले 10 साल में पारा इस तरह रहा : पिछले 10 सालों में मैक्सिमम पारा नवंबर के दूसरे सप्ताह तक 29 से 31 डिग्री के बीच रहा, जबकि मिनिमम माह के आखिरी में 7 से 8 डिग्री तक रिकॉर्ड किया गया।
साल मैक्सिमम पारा मिनिमम
2008 31.80 0.70
2009 31.10 7.20
2010 30.40 7.00
2011 30.90 8.00
2012 30.30 7.10
2013 28.20 6.80
2014 30.90 5.10
2015 30.40 7.50
2016 31.10 6.70
2017 29.10 6.90
<img src=\"images/p2.png\"जिन लोगों को एलर्जी, दमा और सांस फूलने की दिक्कतें हैं, उनमें चाहे बुजुर्ग, महिलाएं या बच्चे हों, उनको ये मौसम दिक्कत दे सकता है। जब पॉल्यूशन ग्राफ बढ़ा हो लोग घर में ही रहें। सुबह-शाम पॉल्यूशन धुंध में ज्यादा होता है और सांस के साथ अंदर जाने से ये बीमारियां पैदा कर सकता है। इस लिहाज से मौसम साफ होने पर ही सैर-सपाटा किया जाए तो बेहतर होगा। -डॉ. राजिंदर गुलाटी, सीनियर मेडिकल अफसर, खन्ना
<img src=\"images/p2.png\"पिछले साल के मुकाबले इस बार बढ़िया रिस्पॉन्स मिल रहा है। इस बार सोचा था कि प्रोडक्शन में थोड़ी कमी लाएंगे, परंतु समय पर सर्दी का आना और अभी से ही सर्दी के कपड़े बिकने से प्रोडक्शन में कमी की जगह बढ़ौतरी होने की उम्मीद है। इस सीजन में मौसम ने बिजनेस में को तेजी लाने में बहुत ही बढ़िया काम किया है। -संदीप जैन, मोंटी कार्लो लुधियाना।
आईएमडी के मुताबिक इस डाटा में मैक्सिमम पारा 1 से 15 नवंबर के बीच दिया गया है। इसी तरह मिनिमम पारा 25 से 30 नवंबर के बीच का है।
<img src=\"images/p2.png\"मॉनसून सीजन के बाद आए वेस्टर्न डिस्टरबेंस ज्यादा स्ट्रॉन्ग नहीं थे। पर हिमालय रीजन में इनका खासा असर रहा। इस समय हवा भी नॉर्थ-वेस्ट चलने लगी है। यह पहाड़ों में स्नोफॉल की ठंडक सीधे मैदानी इलाकों में ला रही है। इससे दिन-रात का पारा तेजी से गिरने लगा है। अमूमन ऐसी स्थिति नवंबर के आखिरी हफ्ते तक बनती थी। पहले हफ्ते में हुई बारिश ने भी ठंड बढ़ा दी। सर्दी जल्दी शुरू हो गई। 12 के बाद ठंड और बढ़ने के आसार हैं। -डॉ. केके गिल, मौसम विशेषज्ञ, पीएयू
<img src=\"images/p2.png\"समय में थोड़ा घाटा जरूर उठाना पड़ा था। लेकिन इस बार सीजन की सर्दी बढ़िया और जल्दी शुरू होने से ये घाटा पूरा होने वाला है। विंटर के इस समय बढ़िया रिस्पांस है। आर्डरों की भरमार है। -अखिल जैन, मेडाम एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today