अबोहर (पंजाब)।बल्लुआना विधानसभा स्थित कुंडल गांव के सरकारी कन्या एलिमेंट्री स्कूल के शौचालय में 31 अक्टूबर को सेनेटरी पैड मिलने के बाद 12 लड़कियों के कपड़े उतरवाने के मामले में मंगलवार को सीएम के आदेश पर स्कूल की मुख्य अध्यापिका कुलदीप कौर और शिक्षिका ज्योति को सस्पेंड कर दिया गया। साथ ही कंडक्ट रूल्ज आॅफ रूल-8 के अधीन चार्जशीट भी किया जाएगा। शुरुआती जांच में दोनों टीचरों की लापरवाही साबित हुई है। अभी मामले में और भी कार्रवाई हो सकती है, क्योंकि प्रिंसिपल ने मामले को रफा-दफा करने का भी प्रयास किया था। प्रिंसिपल का तर्क था कि उसे 1 नवंबर को घटना का पता चला, लेकिन इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई। उधर, छात्राओं के परिजनों ने दोनों के खिलाफ मामला दर्ज करने की भी मांग की है।
सीएम के आदेश पर सोमवार शाम तक हुई जांच के बाद विभाग ने लिया फैसला
सीएम दफ्तर से जारी प्रेस नोट में मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके पास आई रिपोर्ट में स्कूल अध्यापकों की घोर कोताही, लापरवाही और संवेदनहीनता सामने आई है। मामले में कोई ढील न बरतने की सख्त हिदायतें जारी की है। शिक्षा सचिव कृष्ण कुमार को सोमवार तक जांच पूर्ण करने और जरूरत अनुसार अगली कार्रवाई करने के आदेश जारी किए थे। रिपोर्ट के मुताबिक स्कूल प्रिंसिपल कुलदीप कौर और अध्यापिका ज्योति की हिदायतों पर उनकी पूरी जानकारी में छात्राओं की दो बार तलाशी ली गई। अबोहर की एसडीएम पूनम सिंह के दफ्तर में सोमवार को कुलदीप कौर और ज्योति के बयान दर्ज किए गए। जिसके मुताबिक पहली बार तो लड़कियों के कपड़ों की तलाशी ली गई और उसके बाद कपड़े उतरवाकर तलाशी ली गई। जांच कमेटी में फाजिल्का के जिला शिक्षा अधिकारी कुलवंत सिंह, सदर थाना प्रभारी अंग्रेज सिंह और फाजिल्का के जिला बाल सुरक्षा अधिकारी ऋतु शामिल थीं। इन्होंने अपनी रिपोर्ट में बताया कि ये घटना स्कूल के अंदर बनीं मिड-डे-मील की रसोई में हुई थी और इस समूची प्रक्रिया के दौरान स्कूल की प्रिंसिपल कुलदीप कौर बाहर खड़ी रहीं।
प्रशासन बच रहा बयानबाजी से…
कोई भी प्रशासनिक अफसर मामले में किसी प्रकार का बयान देने को तैयार नहीं है। जिला फाजिल्का के डीसी मनप्रीत सिंह के अनुसार सीएम के आदेशों पर बनाई टीम मामले की जांच कर रही है। अब जैसे-जैसे वह कार्रवाई के लिए लिखेंगे वैसे-वैसे कार्रवाई होगी। शुरुआती कड़ी के तहत सोमवार की रात को पहली जांच रिपोर्ट मिलने के बाद तबादले के आदेश जारी हो गए थे। मामले सभी फूंक-फूंककर कदम रख रहे हैं।
मामला दबाने का हुआ था प्रयास
मामला मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह के सामने आ जाने के कारण सख्त कार्रवाई हो गई वर्ना घटना वाले दिन से ही इसे दबाने का प्रयत्न किया जा रहा है। स्कूल प्रिंसिपल की कार्यशैली अच्छी है। वो हेंडीकैप्ड हैं, लेकिन मामले उन्होंने कार्रवाई क्यों नहीं की, इसके बारे में प्रत्येक गांव वासी भी हैरान हैं।
एक छात्रा के बयान और 11 गवाह, फिर भी स्कूल स्टाफ का दिया साथ
जब शिक्षा विभाग और प्रशासनिक अफसर जांच करने के लिए पहुंचे, तब 8वीं कक्षा की एक छात्रा ने सारी घटना को बताया। बार-बार पूछने पर भी कोई तथ्य नहीं बदला, 11 छात्राओं ने गवाही दी और कहा कि उनकी क्लासमेट जो कह रही हैं वो सहीकह रही है, लेकिन शिक्षा विभाग के कुछ कर्मचारियों और जिला फाजिल्का के प्रशासनिक अफसरों ने तुरंत कार्रवाई करने की जगह स्कूल स्टाफ का साथ दिया और कार्रवाई के लिए उल्टा एक कमेटी का गठन कर दिया। ये तो सीएम की दखलअंदाजी हो गई नहीं तो इस घटना की फाइल ने भी बंद हो जाना था।
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