गैजेट डेस्क. आप रोबोट हैं या इंसान, यह तय करने के लिए गूगल यूजर्स के लिए कैप्चा कोड का इस्तेमाल करता है। लेकिन आज से इसे बंद कर दिया जाएगा। इस कोड को लागू करने के बाद से उसका काफी समय खराब हो रहा था। इस कोड के जरिए कंपनी यह पता लगाती थी कि कहीं आप रोबोट तो नहीं।
लेकिन अब कंपनी का मानना है कि रोबोट कैप्चा कोड को पढ़ ही नहीं सकते। इसलिए अब अंकों के आधार पर रिकैप्चा वी3 कोड लागू किया जा रहा है। इसमें यूजर्स को लंबे समय तक कोड टाइप करने की परेशानी नहीं होगी।
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गूगल में पहले कैप्चा कोड आड़े-तिरछे अक्षरों के जिफ फार्मेट में होते थे या फिर एमपी 3 वॉइस रिकॉर्डिंग के। सॉफ्टवेयर प्रोग्राम वाले इन कैप्चा कोड को रोबोट टाइप नहीं कर सकते थे और समझ भी नहीं पाते। इसके जरिए ही गूगल को इंसान और रोबोट में फर्क पता चल जाता था।
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इन्हीं वजह को ध्यान में रखते हुए गूगल शनिवार से नया कैप्चा सिस्टम लागू कर रहा है। यह वेबसाइट पर बैकग्राउंड में 0.1 से 1 तक के स्कोर को दर्शाएगा। इसमें 0.1 खराब स्कोर होगा और 1 अच्छा स्कोर होगा।
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इस प्रक्रिया से वेबसाइट पर आगे बढ़ने में सहायता मिलेगी और बार-बार ब्राउजर को वेरिफाई नहीं करना पड़ेगा। इस नए कोड को सैनफ्रांसिस्को की कंपनी ने बनाया है।
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पहला : शुरुआती तौर पर यह तय किया जा सकता है, कब यूजर को आगे बढ़ने दिया जा सकता है। या कब उसके और वेरिफिकेशन की जरूरत है। जैसे कि दो फैक्टर्स का ऑथेंटिकेशन और फोन वेरिफिकेशन।
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दूसरा : आप खुद के सिग्नल से स्कोर को जोड़ सकते हैं जहां रिकैप्चा नहीं पहुंच सकता। जैसे कि यूजर प्रोफाइल या ट्रांजैक्शन का इतिहास।
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तीसरा: आप रिकैप्चा स्कोर को मशीन लर्निंग मॉडल को ट्रेंड करने में एक सिग्नल के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं, जिससे एब्यूज या छेड़खानी को रोका जा सके।