इस्लामाबाद. संयुक्त राष्ट्र में घोषित आतंकी और 26/11 मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के संगठन जमात-उद-दावा (जेयूडी) और फलाह-ई-इंसानियत फाउंडेशन(एफईएफ) अब पाकिस्तान में प्रतिबंधित नहीं है। इसका कारण पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति की ओर से बनाए गए अध्यादेश का खत्म होना बताया जा रहा है, जिसकी मदद से संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंधित लिस्ट में शामिल इन संगठनों पर बैन लगाया गया था।
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फरवरी 2018 में तत्कालीन राष्ट्रपति ममनून हुसैन ने आतंकवाद विरोधी अधिनियम 1997 के तहत एक अध्यादेश पास किया था। इसके तहत उन संगठनों को प्रतिबंधित सूची में दाखिल किया गया था, जिन्हें संयुक्त राष्ट्र ने आतंकी संगठन घोषित कर रखा है। हाफिज सईद के जमात-उद-दावा और फलाह-ए-इंसानियत के खिलाफ इसी अध्यादेश के तहत कार्रवाई की गई थी।
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फरवरी में जारी इस अध्यादेश के तहत नवाज शरीफ सरकार ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा समिति की प्रतिबंधित सूची में दर्ज जमात-उद-दावा और फलाह-ए-इंसानियत समेत अन्य आतंकी संगठनों को चंदा देने पर प्रतिबंध लगा दिया था। संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंधित सूची में अल-कायदा, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान, लश्कर-ए-झांग्वी और लश्कर-ए-तैयबा आदि आतंकी संगठन भी शामिल हैं।
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हाफिज सईद ने इस अध्यादेश के खिलाफ इस्लामाबाद हाईकोर्ट में अपील की थी। सईद के वकीलों राजा रिजवान अब्बासी और सोहेल वरैच ने गुरुवार को हाईकोर्ट को बताया कि पूर्व राष्ट्रपति ममनून हुसैन की ओर से जारी अध्यादेश अब खत्म हो चुका है। वहीं, पाकिस्तान की वर्तमान इमरान सरकार ने इस अध्यादेश की अवधि अब तक नहीं बढ़ाई है।
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सईद ने दावा किया कि यह अध्यादेश पाकिस्तान की संप्रभुता और संविधान के खिलाफ था। सईद के वकीलों ने इस्लामाबाद हाईकोर्ट के जज आमेर फारुक को बताया किइस अध्यादेश को कानून बनाने के लिए संसद में अब तक कोई प्रस्ताव भी नहीं रखा गया। जज ने कहा कि अगर सरकार ने अध्यादेश की अवधि नहीं बढ़ाई है तो सईद की याचिका भी प्रभावी नहीं है।