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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020

ब्रिटिश संसद में भी मी टू: रिपोर्ट में खुलासा- महिलाओं को गलत तरीके से छूते थे सांसद

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लंदन. ब्रिटेन की संसद में भी मी टू कैम्पेन चल रहा है। ब्रिटिश सांसदों के स्टाफ ने पिछले साल उत्पीड़न की शिकायत की थी। इसके बाद बनी जांच समिति की रिपोर्ट सोमवार को पेश की गई। ब्रिटेन के अखबार द गार्डियन के मुताबिक, इसरिपोर्ट में खुलासा हुआ कि ब्रिटेन के पूर्व और मौजूदा सांसद महिलाओं को गलत तरीके से छूते थे, उन्हें पकड़ने की कोशिश करते थे। करियर खराब होने की धमकी दिखाकर महिलाओं को शिकायत करने से रोक दिया जाता था।

संसद में परेशान करने की संस्कृति

हाईकोर्ट की पूर्व जज लॉरा कॉक्स की अध्यक्षता वाली संसदीय समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि ब्रिटेन की संसद में लंबे समय से डराने-धमकाने, दुर्व्यव्हार और यौन उत्पीड़न को सहने और छिपाने की संस्कृति है।

महिलाओं का अलग-अलग तरीके से उत्पीड़न

रिपोर्ट में कहा गया है कि सांसददुर्व्यव्हार की घटनाओं को छिपाने के लिए कई तरह की कोशिश करते हैं और उत्पीड़न का खुलासा करने वाले लोगों को कोई संरक्षण भी नहीं दिया जाता। कॉक्स ने रिपोर्ट में कहा है कि उच्च वर्ग के नेता से लेकर निचले दर्जे के अधिकारी भी यही चलन फॉलो करते हैं।

वरिष्ठ अधिकारियों की विदाई तक खत्म नहीं होगा चलन

155 पन्नों की रिपोर्ट में कहा गया है कि जब तक ‘हाउस ऑफ कॉमन्स’ (ब्रिटिश संसद) से कुछ वरिष्ठ अधिकारियों की विदाई नहीं हो जाती, तब तक इस संस्कृति का खत्म होना मुश्किल है। बदलाव लाने के लिए सभी को अपनी तरफ से प्रतिबद्धता दिखानी होगी। लेकिन पुराने प्रशासन के तहत यह बेहद मुश्किल है।

पूरी संसद की गरिमा खराब हो रही

रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि सिर्फ कुछ सांसदों पर आरोपों की वजह से सभी सांसदों की गरिमा खराब हो रही है। इस पर हाउस ऑफ कॉमन्स ने बयान जारी कर कहा कि डराने-धमकाने और उत्पीड़न की संसद में कोई जगह नहीं है और लोगों की सलामती सभी की प्राथमिकता है। स्टाफ को आश्वस्त होना चाहिए कि गलत व्यवहार करने वालों के साथ सख्ती से निपटा जाएगा।

संसद के स्पीकर पर लगे थे उत्पीड़न के आरोप

रिपोर्ट की शर्तों के मुताबिक, उत्पीड़न के गंभीर आरोपियों के नाम भी सार्वजनिक नहीं किए जा सकते। हालांकि, संसद के स्पीकर जॉन बर्काओ पर हाउस ऑफ कॉमन्स स्टाफ ने डराने-धमकाने के आरोप लगाए हैं, जिसके चलते उन पर इस्तीफा देने का दबाव है।

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Shocking and abhorrent abuse rampant in U.K. Parliament, report says