अमृतसर। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि पंजाब में उद्योग बढ़ाने के लिए ङ्क्षसगल विंडो सिस्टम शुरू करने की नीति बनाएगी, ताकि बाहरी उद्योगपति को राज्य में उद्योग शुरू करने में अलग-अलग विभागों में चक्कर नहीं लगाने पड़ें। एक ही ङ्क्षवडो से उन्हें सभी सुविधाएं मिलें और वे लोग अपना पूरा ध्यान उद्योग की ओर केंद्रित कर सकें।
मुख्यमंत्री ने चैंबर्स आफ कामर्स के पांच दिवसीय ट्रेड फेयर का किया उद्घाटन
वह वीरवार को रंजीत एवेन्यू में चैंबर्स आफ कामर्स की ओर से आयोजित 5 दिवसीय ट्रेड फेयर का शुभारंभ करते हुए कही। उन्होंने देश-विदेश के उद्योगपतियों को नए उद्योग स्थापित करने के लिए पंजाब में निवेश करने का आह्वान करते हुए शर्तों को भी नरम किए जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि पंजाब में कौशल विकास के क्षेत्र में निपुण नौजवानों की कमी थी। अब सरकार न केवल युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा कर रही है, बल्कि उन्हें कौशल विकास के क्षेत्र में भी निपुण बनाने के प्रयास कर रही है।
कैप्टन ने कहा कि पिछले वर्षों के दौरान पंजाब के औद्योगिक विकास में रूकावट पैदा हो गई थी और ङ्क्षसगल ङ्क्षवडो को मल्टी विंडो में बदल दिया गया था। अब पंजाब सरकार ने सिंगल विंडो को पारदर्शी बनाने की दिशा में कई अहम कदम उठाने का फैसला किया है।
उद्योगपतियों ने 2,268 करोड़ के 29 एमओयू साइन किए
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व सरकारों की अनदेखी के चलते पंजाब की औद्योगिक हब के रूप में पहचान समाप्त हुई है। इसके चलते राज्य सरकार ने कंडी क्षेत्र और सीमावर्ती क्षेत्र के औद्योगिक विकास के लिए विशेष नीति लागू की है।
इस दौरान स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब में औद्योगिक विकास को शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ाने की जरूरत पर दिया। उन्होंने कहा कि पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा आयोजित कार्यक्रम ने उद्योगपतियों को अपना उत्पाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाने के लिए विशेष मंच प्रदान किया है। पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष एवं सांसद सुनील जाखड़ ने कहा कि पीएचडी चैंबर ने उद्योगपतियों व सरकार के बीच सेतु का काम किया है। उन्होंने निजी क्षेत्र में भी रोजगार के अवसर पैदा करने पर जोर दिया।
इससे पहले पीएचडी चैंबर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष अनिल खेतान ने मुख्यमंत्री का यहां पहुंचने पर स्वागत किया आैर उद्योगपतियों को पेश आने समस्याओं से उनको अवगत कराया। उन्होंने मुख्यमंत्री को बताया कि इस बार अमृतसर के अलावा देश और विदेश के उद्योगपतियों के बीच 2,268 करोड़ रुपये के 29 एमओयू साइन किए गए हैं।
इस अवसर पर पीएचडी चैंबर ऑफ कामर्स के महासचिव सौरव सान्याल, प्रधान निदेशक डॉ.रणजीत मेहता, पंजाब कमेटी के चेयमरैन आरएस सचदेवा, को-चेयरमैन करण गिल्होत्रा, डिप्टी कमिश्नर कमलदीप ङ्क्षसह संघा, पुलिस कमिश्नर एसएस श्रीवास्तव, एसडीएम नितिश सिंगला तथा एडीसीपी लखबीर सिंह आदि मौजूद थे।
फूड प्रोडक्ट और मेडिसिन इंस्ट्रूमेंट के उद्योग रहेंगे बेहतर
फूड प्रोडक्ट और मेडिसिन इंस्ट्रूमेंट के उद्योग रहेंगे बेहतर
अनिल खेतान ने कहा कि पंजाब में फूड प्रोसेसिंग उद्योग और साइंटिफिक इंस्ट्रूमेंट्स लगाने के उद्योग फायदे वाले हैं। क्योंकि, पंजाब खेतीबाड़ी प्रधान प्रदेश है और उक्त दोनों उद्योगों से वायु या पानी प्रदूषण नहीं होता। उन्होंने बताया कि इस चीज की पंजाब में सबसे ज्यादा जरूरत भी है।
मुख्यमंत्री ने उद्योगपतियों को दस्तावेज दिए
अमृतसर के उद्योगपतियों के अलावा देश के विभिन्न राज्यों और विदेशों के उद्योगपतियों ने मुख्यमंत्री के समक्ष अमृतसर में उद्योग लगाने के करार किए। कंपनियों के प्रतिनिधियों ने इन पेपरों पर हस्ताक्षर किए। राज्य स्तरीय इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री कैप्टन अमङ्क्षरदर ङ्क्षसह ने समझौते साइन करने वालों को दस्तावेज सौंपे।