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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020

त्योहारों की तरह चुनाव भी निर्धारित समय पर हो: पीएम मोदी

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा और विधानसभा चुनाव साथ कराने की पैरवी करते हुए शुक्रवार को कहा कि त्योहारों की तरह चुनाव भी निर्धारित समय पर होना चाहिए.

देश में लगातार चुनाव होते रहने के सवाल के जवाब में पीएम मोदी ने कहा कि आज लगातार देश चुनावी मोड़ में रहता है. साथ ही चुनाव आने से देश के संघीय ढांचे को गहरी चोट लगती है. राजनीतिक रूप से बयान देना पड़ता है लेकिन इससे तनातनी हो जाती है. कोई बात त्रिपुरा के लिए कही गई हो लेकिन वह बात गोवा में भी जाती है.

बकौल मोदी, ‘तार्किक रूप से देखें तो अलग-अलग तारीखों पर अलग-अलग चुनाव कराने से देश की जनता पर बोझ पड़ता है. राजनेता भी हर समय तनाव में रहते हैं. इसलिए मुझे लगता है कि विधानसभा और लोक सभा चुनाव संगठित तरीके से कराए जाने चाहिए. इससे मनी और मैनपावर बचेगा.’

वार्षिक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे पीएम
पीएम मोदी ने आगे कहा कि दुनिया भारत की नीतियों और वृद्धि की क्षमता के बारे में सीधे सरकार के मुखिया के मुंह से सुनना चाहती है. मोदी ने कहा कि वह दावोस में 125 करोड़ भारतीयों की सफलता की कहानी बताने को लेकर गौरवान्वित महसूस करेंगे.

विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) के स्विट्जरलैंड के दावोस में होने वाले वार्षिक शिखर सम्मेलन में इस बार प्रधानमंत्री भी भाग लेने जा रहे हैं. मोदी ने जी न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा कि भारत ने दुनिया में अपनी एक पहचान बनाई है और इसका फायदा उठाने की जरूरत है.

तेजी से बढ़ रही भारतीय अर्थव्यवस्था
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है और दुनिया की सभी रेटिंग एजेंसियों ने भी इसे माना है. मोदी ने कहा कि दावोस देश के लिए भारतीय बाजार के बारे में बताने का एक अच्छा अवसर प्रदान करता है. उन्होंने कहा कि भारत के पास अपनी युवा आबादी का लाभ है.

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘भारत ने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) में जोरदार उछाल देखा है. यह स्वाभाविक है कि दुनिया सीधे भारत से बात करना चाहती है. सीधे सरकार के मुखिया से नीतियों और क्षमताओं के बारे में जानना चाहती है. यदि आप नेता से सुनते हैं तो उसका मतलब होता है. दावोस बैठक को वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं का सबसे बड़ा समागम बताते हुए मोदी ने कहा कि अभी तक वह वहां नहीं जा पाए थे. उन्होंने कहा कि इस बैठक में दुनियाभर के उद्योगपति, वित्तीय संस्थान और नीति निर्माता शामिल होंगे.