दक्षिण पूर्व देशों से अच्छे संबंधों के नए युग की दिशा में गणतंत्र दिवस समारोह पर ASEAN देशों के प्रमुखों की मौजूदगी मील का पत्थर साबित होगी. इससे पहले गुरुवार से शुरू होने वाली आसियान-भारत वार्ता की शिखर बैठक पर भी सभी की नजरे हैं. मंगलवार को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आसियान-इंडिया यूथ अवार्ड्स की अध्यक्षता की. इसमें आसियान देशों और भारत के युवाओं को विभिन्न क्षेत्रों में उपलब्धियां हासिल करने के लिए सम्मानित किया गया.
मंगलवार को ही इन सभी देशों की संस्कृति और टैक्सटाइल्स को दर्शाने के लिए फैशन शो का आयोजन किया गया. इस फैशन शो में युवा फैशन डिजाइनर्स ने अपनी रचनात्मक प्रतिभा का लोहा मनवाया. इस मौके पर सूचना और प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी और विदेश राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह मौजूद रहे.
भारत और आसियान देशों के संबंधों की जड़ें कितनी गहरी हैं, इसकी बानगी के लिए देश के विभिन्न हिस्सों में 10 दिवसीय रामायण उत्सव का आयोजन किया जा रहा है. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा, ‘ये मौका जश्न का है, साथ ही आसियान देशों के साथ ऐतिहासिक संबंधों को संजोने का है. हमें इन्हें आने वाली पीढ़ियों के लिए सहेज कर रखना है.’
आसियान के 10 देशों के राष्ट्राध्यक्ष/शासन प्रमुखों के नई दिल्ली पहुंचने का सिलसिला बुधवार को शुरू हो गया. एक नई पहल के तहत आसियान के ये सभी नेता गणतंत्र दिवस परेड के मौके पर विशिष्ट अतिथि के तौर पर शिरकत करेंगे. इसके साथ ही आसियान देशों के नेताओं से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अलग अलग द्विपक्षीय वार्ता भी करेंगे. 10 में से 9 देशों के नेता प्रधानमंत्री मोदी के साथ बुधवार से लेकर शुक्रवार तक द्विपक्षीय वार्ता करेंगे. सिर्फ एक देश कंबोडिया ही ऐसा होगा जिससे द्विपक्षीय वार्ता नहीं होगी. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने इसका कारण स्पष्ट करते हुए कहा कि कंबोडिया के प्रधानमंत्री हुन सेन का 27 जनवरी से भारत का औपचारिक दौरा शुरू हो रहा है, उसी दौरान द्विपक्षीय वार्ता होगी.
प्रधानमंत्री मोदी का बुधवार को वियतनाम के प्रधानमंत्री न्गुयेन हुआ फुक, फिलीपींस के राष्ट्रपति रोड्रिगो रोआ दुतेर्ते और म्यांमार की नेता आंग सान सू की से मिलना तय है. वहीं गुरुवार को उनका थाईलैंड के प्रधानमंत्री प्रयट चैन ओचा, सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली शियान लॉन्ग और ब्रुनेई के सुल्तान हसनल बोल्किया के साथ द्विपक्षीय वार्ताओं का कार्यक्रम है. शुक्रवार को प्रधानमंत्री मोदी इंडोनेशिया जोको विदिदो, मलेशिया के प्रधानमंत्री नजीब तुन रजक और लाओस के प्रधानमंत्री तंजोगलु सिसोलिथ के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे.
अंतरराष्ट्रीय संबंधों के कुछ जानकार भारत की इस सारी कवायद को क्षेत्र में चीन के दबदबे को चुनौती के तौर पर देख रहे हैं. इस संबंध में भारत में थाईलैंड के राजदूत चुंटिटर्न गॉन्गसाक्डी का कहना है कि इसे किसी तरह के ‘नियंत्रण’ की कोशिश के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए. थाईलैंड के राजदूत दिल्ली स्थित आसियान के सभी राजनयिकों के प्रमुख भी हैं. थाईलैंड के राजदूत ने कहा, ‘ये सारा प्रयत्न सभी सदस्य देशों के समान तौर पर तरक्की करने से जुड़ा है. भारत के साथ ब्लॉक के तौर पर पूरे आसियान को एक मजबूत समूह के तौर पर देखा जाना चाहिए.’
गणतंत्र दिवस समारोह से एक दिन पहले गुरुवार को आसियान नेताओं के साथ राष्ट्रपति भवन में रिट्रीट सेशन होगा. इसमें ‘समुद्री सहयोग और सुरक्षा’ पर फोकस रहेगा. सेशन के बाद सभी आसियान नेता मुगल गार्डन्स को भी देखेंगे.
गुरुवार शाम को ही आसियान-भारत वार्ता शिखर बैठक के उद्घाटन सत्र की शुरुआत सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली शियान लॉन्ग के भाषण के साथ होगी. इसके बाद आसियान-भारत के कलाकारों की 20 पेंटिग्स की प्रदर्शनी होगी. फिर सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन होगा. साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सभी विशिष्ट अतिथियों के लिए भोज आयोजित करेंगे. प्रधानमंत्री आसियान नेताओं की उपस्थिति में ‘स्मारक स्टैंप्स’ भी जारी करेंगे.
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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020