यूवीएम के प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय गृहराज्य मंत्री से मिलकर अन अरनेड प्रोफिट समाप्त करने,...
यूवीएम के प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय गृहराज्य मंत्री से मिलकर अन अरनेड प्रोफिट समाप्त करने, बूथों की ऊपरी मंजिल की मंजूरी दिए जाने व सेल्सटैक्स...
पतंजलि योग समिति कार्यकारिणी का गठन किया गया
पतंजलि योग समिति कार्यकारिणी का गठन किया गया
चंडीगढ़। ईको सिटी -1, न्यू चंडीगढ़ में गत दो वर्षों से श्री रमेश चन्द्र शारदा द्वारा स्थापित...
नगर निगम के मेयर चुनावों के समय पार्षदों की कथित खरीदोफरोख्त की रिपोर्टों के...
नगर निगम के मेयर चुनावों के समय पार्षदों की कथित खरीदोफरोख्त की रिपोर्टों के मद्देनज़र चंडीगढ़ कांग्रेस ने भाजपा से अपील की है कि...
पंजाबी बाग महिला मंडल (पंजी. ) संस्था की तरफ से ...
इस संकट काल में मानव ही मानव की मदद के लिए आगे आए : मीना गुप्ता, संस्थापक अध्यक्षा
करोना संक्रमित मरीजों व उनके ...
हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि प्रदेश में केन्द्र व राज्य...
चण्डीगढ़ 29 जुलाई- हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि प्रदेश में केन्द्र व राज्य सरकार की आवासीय योजनाओं के तहत गरीब,...
Ministry of Jal Shakti launches the 5th National Water Awards, 2023
Ministry of Jal Shakti launches the 5th National Water Awards, 2023
Invites applications through Rashtriya Puraskar portal https://awards.gov.in/
New Delhi, 13th October, 2023
The Department of Water...
Mercedes-Benz adds the 10th product to its ‘Made in India’
Chandigarh,sunita shastri: India’s largest luxury carmaker Mercedes-Benz today launched the ‘Made in India’ GLC Coupé in two variants, the 300d 4MATIC diesel and GLC...
“न्यायव्यवस्थाकी भारतीय परम्परा” के विषय पर एक विशिष्ट व्याख्यान का आयोजन किया गया।
Chandigarh August 26, 2022
आजसंस्कृतविभागद्वारा“न्यायव्यवस्थाकी भारतीय परम्परा” के विषय पर एक विशिष्ट व्याख्यान का आयोजन किया गया। इसमें मुख्य वक्ता के रूप में प्रो. सन्तोष कुमार शुक्ल, आचार्य, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो. वीरेन्द्र कुमार अलंकार ने की। प्रो. शुक्ल ने भारतीय न्यायव्यवस्था के आदिग्रन्थ धर्मसूत्रों से लेकर स्मृतिग्रन्थों में वर्णित न्यायव्यवस्था का आधुनिक सन्दर्भ में प्रचलित न्यायव्यवस्था से तुलना करते हुए कहा कि हमारे प्राचीन धर्मशास्त्र न्यायव्यवस्था, न्याय तथा आचार-व्यवहार के अक्षय स्रोत हैं। आजकल न्यायालयों में प्रचलित न्यायपद्धति प्राचीन धर्मसूस्त्रों में पूर्ण रूप से परिलक्षित होती है। धर्मसूत्रों के अनुसार राज्य के अङ्ग, अभियोगविधि, धर्मस्थीय, कण्टकशोधन आदि अनेक विषयों पर विशद् विवेचन करते हुए विभिन्न प्रकार के व्यवहारपदों की चर्चा की। कार्यक्रम के अध्यक्ष प्रो. अलंकार ने भी आधुनिक न्यायपद्धति का स्त्रोत भारतीय धर्मसूत्रों को बताकर उन संस्कृत ग्रन्थों की सही व्याख्या करने की प्रेरणा दी साथ ही शब्दार्थ के माध्यम से व्याख्या न कर विषय के भावार्थ एवं गुणों के अभिप्राय से व्याख्या करने का मूलमन्त्र भी दिया। कार्यक्रम में होश्यारपुर संस्कृत संस्थान के आचार्य प्रो. एन्.सी. पण्डा, विभाग के अध्यापक डॉ. शिवजी पाण्डेय, विजय भारद्वाज, तथा शोधच्छात्र भी उपस्थित रहे। अन्त में प्रो. अलंकार ने सभी का धन्यवाद करते हुए प्रत्येक कार्य में उचित निर्णय लेने का दिशा निर्देश किया।
IBRO Global Engagement Virtual Public Lecture
Chandigarh April 8, 2021
For the very first time, Professor Walter J. Koroshetz, Director, NIH National Institute of Neurological Disorders and Stroke (NINDS), NIH...
The Show Cause Notice has been served to M/s Gupta Medicos as per the...
PGIMER STATEMENT
08.09.2022
In cognizance of the news items published in various news papers regarding deaths reported in PGIMER suspected to be caused by the adverse...