स्पेन और हरियाणा राज्य के विश्वविद्यालयों के बीच होंगे एमओयू – बंडारू दत्तात्रेय
कुवि कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने स्पेन यात्रा के अनुभव राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय किए सांझा
चंडीगढ़, 25 जुलाई। हरियाणा के राज्यपाल व कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलाधिपति बंडारू दत्तात्रेय ने भारतीय विश्वविद्यालय संघ (ए.आई.यू) की ओर से आयोजित स्पेन दौरे पर गए प्रतिनिधिमंडल में शामिल कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा को उनके दौरे की सफलता के लिए बधाई दी और आशा प्रकट की कि आने वाले समय में स्पेन और हरियाणा राज्य के विश्वविद्यालयों के बीच जो एमओयू होंगे उससे स्पेन के विद्यार्थी भी हरियाणा में आकर यहां की शिक्षा पद्धति एवं संस्कृति से रूबरू होंगे। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने गुरुवार को हरियाणा के राज्यपाल एवम् कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलाधिपति बड़ारू दत्तात्रेय से शिष्टाचार भेंट की।
इस दौरान कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने कुलाधिपति बंडारू दत्तात्रेय को बताया कि स्पेन में लगभग 80 विश्वविद्यालय हैं जिनमें से 45 सरकारी एवं बाकी गैर सरकारी विश्वविद्यालय हैं। इन विश्वविद्यालयों की वर्ल्ड रैंकिंग बहुत अच्छी है। दौरे के दौरान एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज (ए.आई.यू) के क्रू जो कि स्पेन यूनिवर्सिटीज के रेक्टर (भारतीय विश्वविद्यालयों के कुलपति पद के समकक्ष) की एक एसोसिएशन के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए।
कुलपति प्रो. सोमनाथ ने बताया कि इस पूरे दौरे को एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज (ए.आई.यू) ने स्पेनिश सर्विसेज फॉर द इंटरनेशनलाइज ऑफ एजुकेशन (एस.ई.पी.आई.ई) और स्पेन में भारतीय राजदूत की मदद से संपन्न किया गया। हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने जानना चाहा कि वहां कितने भारतीय विद्यार्थी पढ़ रहे हैं और उनके शैक्षणिक कार्यक्रम किस भाषा में चलते हैं जिसमे कुवि कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने बताया कि काफी संख्या में भारतीय विद्यार्थी स्पेन के विश्वविद्यालयों के विभिन्न कोर्सेज में दाखिला लेते हैं।
कुलपति प्रो. सोमनाथ ने बताया कि वहां दाखिला लेना काफी कठिन है और अधिकतर शैक्षणिक कार्यक्रम जिसमे इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट भी शामिल हैं, वह स्पेनिश भाषा में पढ़ाए जाते हैं। स्पेन में वहां के एक विश्वविद्यालय के अधिकारी ने बताया कि भारतीय छात्र वहां पर लगभग 3 महीने में स्पेनिश भाषा को बोलना, लिखना और समझना सीख जाते हैं। अभी वहां के विश्वविद्यालयों ने भी अपने लगभग 40 प्रतिशत पाठ्यक्रमों को अंग्रेजी भाषा में पढ़ाना शुरू कर दिया है।