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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020

उम्र छोटी मुकाम बड़ा ‘दस्तक युवा पीढ़ी’ कवि सम्मेलन

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उम्र छोटी मुकाम बड़ा
‘दस्तक युवा पीढ़ी’ कवि सम्मेलन

राष्ट्रीय कवि संगम चंडीगढ़ प्रांत की ओर से मितासो होटल, जीरकपुर में एक कवि सम्मेलन ‘दस्तक युवा पीढ़ी’ के नाम से आयोजित किया गया। यह आयोजन राष्ट्र कवि रामधारी सिंह दिनकर जी की याद में किया गया। सबसे पहले संस्था की प्रांतीय अध्यक्ष श्रीमती संतोष गर्ग ने मुख्य अतिथि राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगदीश मित्तल, वशिष्ट अतिथि जड़ों से जुड़ो की अध्यक्ष श्रीमती एकता नागपाल व संरक्षक श्री रमेश मित्तल, क्षेत्रीय प्रभारी श्री सुरेंद्र सिंगला, श्री आलोक गोयल, ट्रस्टी विनोद बंसल एवं दिलीप तिवारी, मंडी से पधारे समाजसेवी नवदीप बंसल आदि गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ कोयल कंठी, ग़ज़ल- गीत गायिका दर्शना सुभाष पाहवा की सरस्वती वंदना से हुआ। संस्था के महासचिव अनिल शर्मा चिंतक ने मंच संचालन करते हुए दिनकर जी की जीवनी पर प्रकाश डाला।
इस दस्तक युवा पीढ़ी के कवि सम्मेलन में चंडीगढ़ से करन सहर, डॉ खुशबू ,पंचकूला से सन्नी सागर, राम प्रसाद, मुकुल गर्ग व मोनिका, मोहाली से आतिश व सानविका पाहवा ने भाग लिया। इन कवियों ने अपनी कविताओं के माध्यम से समाज में संस्कारों का, सेवा का व देश प्रेम का संदेश दिया। राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगदीश मित्तल जी ने अपने संदेश में कहा कि ऐसे कार्यक्रमों की सार्थकता तभी है जब राष्ट्र चेतना को जगाने के लिए नई युवा पीढ़ी आगे आए। नए बच्चों की संभावनाओं पर हमें ध्यान देना है उन्हें मंच प्रदान करना है ताकि वो राष्ट्रीयता हेतु अपना योगदान दे सकें। किसी कवि की पंक्तियों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, ‘उनकी दौलत रह जाएगी महलों और चौबारों तक, इनके अक्षर राज करेंगे सूरज, चाँद- सितारों तक’।

काव्य पाठ करने वाले युवा कवियों को मुख्य अतिथि द्वारा पटका व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
इस कार्यक्रम के दूसरे चरण में वरिष्ठ
कवि बालकृष्ण गुप्ता, सतपाल सिंह, बिजेंद्र चौहान, सागर सिंह भूरिया एवं सविता गर्ग ने भी काव्य पाठ किया।

विशिष्ट अतिथि एकता नागपाल ने अपने वक्तव्य में कहा कि आज के दौर में बच्चों को मॉल घुमाने के लिए, थियेटर में फ़िल्म दिखाने के लिए, लांग ड्राइव के लिए आपको सैंकड़ों लोग मिल जाएंगे लेकिन राष्ट्रीय कवि संगम ने राष्ट्र से जुड़ने के लिए, संस्कारों की जड़ों से जुड़ने के लिए युवाओं को जो मंच दिया है यह कार्य वास्तव में सराहनीय है।

मुख्य अतिथि ने अपने सम्बोधन में ‘युवा पीढ़ी की दस्तक’ को रेखांकित करते हुए वर्तमान में बिखरते परिवारों पर चिंता जताते हुए कहा कि सब टच में बिजी हैं लेकिन टच में कोई नहीं। युवा कवियों एवं बच्चों को प्रोत्साहित करते हुए उन्होंने कहा ‘उम्र छोटी है मगर मुकाम बड़ा हो। तुझसे ज्यादा तेरा नाम बड़ा हो।’ उन्होंने बताया कि उनके पास अपना कुछ भी नहीं जो भी है सब राष्ट्र और समाज को समर्पित कर चुके हैं।
श्रोता रूप में नीशू पाहवा, अनिता बंसल, अमरदीप, चंचल, मनि, अनिल अग्रवाल, आलोक मित्तल, अंकुश उप्पल, रिद्धि वर्मा एवं सुरेंद्र वर्मा आदि उपस्थित रहे।