कार्रवाईः साइबर ठगों के 20,545 मोबाइल नंबर करवाए ‘‘ब्लॉक‘‘
स्टेट क्राइम ब्रांच ने किये संदिग्ध ‘34 हजार‘ मोबाइल नंबर चिन्हित
देश में मोबाइल नंबर ब्लॉक करने में हरियाणा पहुंचा पहले स्थान पर
चंडीगढ़ 18 मई – हरियाणा पुलिस द्वारा साइबर ठगी के तंत्र पर कड़ा प्रहार करते हुए फर्जी एवं जाली दस्तावेजों के आधार पर जारी किए गए 20,545 मोबाइल नंबर को ब्लाॅक करवाया गया है। साथ ही हरियाणा का जामताड़ा घोषित हो चुके मेवात एरिया के खासतौर से निशानदेही किये गए 40 गाँवों और प्रदेशभर में संचालित साइबर धोखाधड़ी में संलिप्त करीब 34000 से अधिक मोबाइल नंबर को चिन्हित कर रिर्पोट किया गया है। साइबर ठगी में संलिप्त अन्य 14 हजार मोबाइल नंबरों को भी भारत सरकार के दूरसंचार विभाग के माध्यम से जल्द ही ब्लॉक करवा दिया जाएगा।
प्रदेश है मोबाइल नंबर ब्लॉक करने में प्रथम स्थान पर, सबसे अधिक सिम आंध्र प्रदेश के
साइबर नोडल संस्था, स्टेट क्राइम ब्रांच वर्तमान में साइबर अपराध में संलिप्त सभी मोबाइल नंबरों पर नजर रख रही है और प्रति दिन जिलों से उपरोक्त बाबत रिपोर्ट ले रही है। इसी कारण से वर्तमान में साइबर ठगी में उपयोग किये गए मोबाइल नंबर ब्लॉक करने में हरियाणा प्रथम स्थान पर है। पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि वर्तमान में ऐसे क्षेत्रों और गाँवों पर ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है जहाँ से साइबर ठगी की वारदातों को अंजाम दिया जा रहा है। हाल ही में केंद्र सरकार ने 9 राज्यों में जो 32 साइबर क्राइम के हॉटस्पॉट बताए थे, उनमें मेवात, भिवानी, नूह, पलवल, मनोटा, हसनपुर, हथन गांव शामिल थे। विदित है कि हाल ही के समय में प्रदेश सरकार, साइबर अपराधियों के प्रति कठोर एक्शन लेने में गुरेज नहीं कर रही है। अभी कुछ दिन पहले ही हरियाणा पुलिस के 5000 पुलिसकर्मियों ने साइबर केंद्र बन चुके मेवात के 14 गाँवों में 102 टीमों ने रेड की गई थी। दरअसल मेवात को प्रदेश की सीमा पर स्थित होने का लाभ मिलता था। इसके अलावा वहां भी साइबर ठगों के पास, अपराध करने के पश्चात् पडोसी राज्यों जैसे की राजस्थान व दिल्ली भागने का मौका होता है। इसके अलावा जानकारी देते हुए बताया कि रिपोर्ट के अनुसार वर्तमान में साइबर अपराध में लिप्त मोबाइल नंबर सबसे अधिक आंध्र प्रदेश से जारी किये गए है और उनका संचालन प्रदेश में साइबर अपराध करने के लिए हो रहा है। इस वक्त कुल फेक आईडी पर खरीदे गए चिन्हित मोबाइल नंबरों में, 12822 मोबाइल नंबर आंध्र प्रदेश से, 4365 पश्चिम बंगाल से, 4338 दिल्ली से, 2322 असम से, 2261 नॉर्थ ईस्ट राज्यों से और 2490 हरियाणा प्रदेश से जारी किये गए है। सभी नंबर वर्तमान में हरियाणा के अलग अलग क्षेत्रों से संचालित हो रहे है, जिनको ब्लॉक करने के लिए दूरसंचार विभाग को लिखा जा चुका है।
स्टेट क्राइम ब्रांच चीफ, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, ओ पी सिंह, आईपीएस, ने बताया कि वर्तमान में प्रदेश की साइबर हेल्पलाइन टीम में 40 पुलिस कर्मी 24 घंटे काम कर रहे है। प्रदेश में आने वाली साइबर ठगी की शिकायतों को दर्ज कर, संदिग्ध मोबाइल नंबरों को ब्लॉक करने के लिए तुरंत पोर्टल पर अपडेट कर दिया जाता है। फर्जी और अवैध दस्तावेजों पर खरीदे गए इन सिम को रोकने से साइबर ठगों के मंसूबों को विफल किया जा रहा है। साइबर ठगी को रोकने के लिए प्रदेश में स्टेट क्राइम ब्रांच में गृह मंत्रालय, भारत सरकार के निर्देशानुसार हरियाणा स्टेट साइबर कोआर्डिनेशन सेंटर की स्थापना की गई है। वर्तमान में स्टेट क्राइम ब्रांच में बतौर डी आई जी अपनी सेवाएं दे रहे आईपीएस अफसर हामिद अख्तर को इस कोआर्डिनेशन सेंटर का नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। हरियाणा स्टेट साइबर कोआर्डिनेशन सेंटर (एच4सी) की स्थापना प्रदेश में साइबर ठगों का डेटाबेस बनाने, उनके बैंक अकाउंट, मोबाइल नंबरों की जांच करने व साइबर अपराध बाबत पुलिस कर्मियों को प्रशिक्षण देने हेतु की गई है। इसके अलावा प्रदेश में कार्यरत साइबर हेल्पलाइन 1930 के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी भी इस सेंटर को दी गई है। वहीँ साइबर अपराध की मोडस ऑपरेंडी बाबत सोशल मीडिया पर जागरूकता कार्यक्रम भी चलाये जा रहे है।
पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों के निर्देश दिए जा चुके है कि जिले में साइबर अपराध में संलिप्त मोबाइल नंबरों को प्रोफार्मा अनुसार साइबर नोडल संस्था को सूचित करें ताकि उन सभी नंबरों को साइबर क्राइम पोर्टल पर अपलोड किया जा सके। जैसे ही मोबाइल नंबर साइबर पोर्टल पर अपलोड होता है, दूरसंचार विभाग उस नंबर को ब्लॉक या निष्क्रिय कर देता है। इसके अतिरिक्त साइबर कोआर्डिनेशन सेंटर ने पुरे वर्ष के लिए ट्रेनिंग कैलेंडर भी जारी कर दिया गया है। जहाँ प्रदेश में साइबर अपराध पर कार्य कर रहे अनुसंधान अधिकारियों को ट्रेनिंग दी जा रही है।
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