सुप्रीम कोर्ट का इलेक्टोरल बॉन्ड को रद्द करने का फैसला लोकतांत्रिक भावनाओं की जीत- पवन बंसल
“भाजपा ने अपना खज़ाना भरने और विरोधियों को नुकसान पहुंचाने के लिए किया था इलेक्टोरल बॉन्ड्स का बेधड़क इस्तेमाल”
पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पवन कुमार बंसल ने इलेक्टोरल बॉन्ड को रद्द करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को ऐतिहासिक बताते हुए उसका स्वागत किया है । बंसल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरकार की चुनावी बॉन्ड योजना को संसद द्वारा पारित कानूनों के साथ-साथ भारत के संविधान की भी उल्लंघना माना है। क्योंकि भाजपा ने इसे काले धन को सफेद करने और अपनी पार्टी को मज़बूत करने का ज़रिया बना लिया था, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है, हम इस फैसले का स्वागत करते हैं।
“सभी विपक्षी दलों ने लगातार इस योजना को राजनीतिक फंडिंग की सबसे अपारदर्शी प्रणाली करार दिया था। सरकार ने अपने खज़ाने को भरने और अपने विरोधियों को नुकसान पहुंचाने के लिए इसका बेधड़क इस्तेमाल किया। लेकिन अब तक गुप्त तरीके से फंडिंग जमा कर रही भाजपा को इसका हिसाब देना होगा, इससे सूचना के अधिकार की भी जीत हुई है।”
कांग्रेस नेता ने ये भी कहा कि भाजपा ने इलेक्टोरल बॉन्ड को सूचना के अधिकार से बाहर कर लोकतंत्र को कमज़ोर करने की कोशिश की थी, लेकिन अदालत का फैसला नोटों पर वोट की शक्ति को मजबूत करेगा। ये लोकतंत्र के लिए आशा की बड़ी किरण है। ये स्कीम बीजेपी को मजबूत करने के लिए लाई गई थी। हर किसी को पता है कि बीजेपी सत्ता में है और चुनावी बॉन्ड के जरिए सबसे ज़्यादा चंदा बीजेपी के पास ही आएगा। और जो आरोप विरोधी पक्ष हमेशा से लगाता था कि भाजपा कॉर्पोरेट्स से मोटा पैसा लेकर सिर्फ उनके लिए ही काम करती है, वो बात भी आज साफ हो गई।