सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता – राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय
– विद्यार्थी भारतीय संस्कृति, वेदों व उपनिषदों में निहित नैतिक मूल्यों को अपनाएं
– नवाचार, प्रौद्योगिकी और अनुसंधान को बढ़ावा देने में विश्वविद्यालयों की भूमिका है बहुआयामी
– विश्वविद्यालय परिसर में विद्यार्थियों के साथ किया संवाद
चंडीगढ़, 8 जनवरी-हरियाणा के महामहीम राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने स्थानीय दादा लखमी चंद स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ परफॉर्मिंग एंड विजुअल आर्ट्स के विद्यार्थियों से विशेष संवाद करते हुए कहा कि जीवन में सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता है। विद्यार्थी अपने जीवन का लक्ष्य निर्धारित कर दृढ़ निश्चय के साथ एकाग्रचित होकर कड़ी मेहनत कर इस लक्ष्य को प्राप्त करें। उन्होंने छात्रों को भारतीय संस्कृति, वेदों और उपनिषदों में निहित नैतिक मूल्यों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया ताकि वे खुद को समाज के लिए उपयोगी बना सकें।
महामहिम राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने विश्वविद्यालय के वरिष्ठ संकाय सदस्यों और अधिकारियों की उपस्थिति में फिल्म और टीवी संकाय में खचाखच भरे मिनी-ऑडिटोरियम में छात्रों के सवालों के जवाब दिए। सवालों के जवाब में राज्यपाल ने छात्रों को जीवन में सार्वजनिक सेवा लक्ष्य निर्धारित करने और एकाग्रचित्त होकर उनका पालन करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का उदाहरण दिया और कहा कि राष्ट्र के प्रति उनकी विनम्र, समर्पित और निस्वार्थ सेवा ने उन्हें देश के सर्वाेच्च पद तक पहुँचाया। अपने अनुभव के आधार पर उन्होंने कहा कि वे गरीब परिवार से संबंध रखते है तथा युवावस्था में समाज सेवा के लिए घर का त्याग किया और 1968 से 1988 तक एक बार भी घर आए बिना, लोगों की सेवा करते हुए 20 साल बिताए। अंत में जनता ने उन्हें जिम्मेदारी के महत्वपूर्ण राजनीतिक पदों का आशीर्वाद दिया।
राज्यपाल ने नवाचार, प्रौद्योगिकी और अनुसंधान को बढ़ावा देने में विश्वविद्यालय की भूमिका पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि नवाचार, प्रौद्योगिकी और अनुसंधान को बढ़ावा देने में विश्वविद्यालयों की भूमिका बहुआयामी और अपरिहार्य है। शैक्षणिक कार्यक्रमों, परामर्श और व्यावहारिक अनुभवों के माध्यम से, छात्रों को अपने संबंधित क्षेत्रों में नवीनतम प्रगति से अवगत कराया जाना चाहिए। प्रौद्योगिकी के साथ युवा प्रतिभाओं के लिए दर्शकों के एक विस्तृत समूह के सामने अपनी कला को निखारना और विपणन करना संभव हो गया है। उन्होंने खुशी प्रकट करते हुए कहा कि डीएलसी सुपवा में ऐसे कुशल छात्र हैं और उन्हें अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए मंच और अवसर प्रदान किए जा रहे हैं। उन्होंने युवा कलाकारों को प्रोत्साहित करने और सलाह देने के लिए कुलपति गजेंद्र चौहान की सराहना की। उन्होंने हरियाणा में महिलाओं की भागीदारी और सशक्तिकरण को बड़े स्तर पर सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
विश्वविद्यालय के कुलपति गजेंद्र चौहान ने राज्यपाल के साथ विश्वविद्यालय के लिए अपना दृष्टिकोण सांझा करते हुए कहा कि वे शिक्षा के लिए एक समग्र दृष्टिकोण रखते है, जिसका लक्ष्य न केवल ज्ञान प्रदान करना है बल्कि छात्रों के बीच महत्वपूर्ण सोच, रचनात्मकता और सामाजिक जिम्मेदारी की भावना का पोषण करना भी है। वे लगातार बदलते वैश्विक परिदृश्य में कार्य करने के लिए आवश्यक कौशल और मानसिकता के साथ छात्रों को सशक्त बनाने में विश्वास करते हैं। विश्वविद्यालय के छात्र सिर्फ शिक्षोन्मुखी ही नहीं हैं, बल्कि वे भविष्य के नेता, विचारक और समाज के लिए योगदानकर्ता भी हैं।
इस अवसर पर उपायुक्त अजय कुमार, पुलिस अधीक्षक हिमांशु गर्ग, रजिस्ट्रार डॉ. गुंजन मलिक मनोचा, परीक्षा नियंत्रक वीपी नांदल, डीन छात्र कल्याण प्रोफेसर ज्ञानेंद्र सिंह, डीन अकादमिक डॉ. अजय कौशिक सहित सभी वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020