भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री गौरव भाटिया द्वारा न्यूज़क्लिक के फर्जीवाड़े के संबंध में प्रेस वार्ता के मुख्य बिंदु
कुछ तथाकथित पत्रकार जिस तरह से पत्रकारिता का चोला ओढ़ कर भारत विरोधी गतिविधियों में लिप्त है और ऐसे देश से आर्थिक सहायता ले रहे हैं जो परस्पर भारत का विरोध करता है, वह बहुत ही निंदनीय है।
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न्यूजक्लिक अपने आप को पत्रकारिता से जुड़ी वेबसाइट बताती है लेकिन उस पर राष्ट्र की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ के आरोप हैं। क्या पत्रकारिता का मुखौटा पहन कर आप देश के खिलाफ काम करोगे? और, जांच एजेंसी जब अपना काम करेगी तो आप कहेंगे कि पत्रकारिता करने से रोका जा रहा है?
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अगर कोई विदेशी ताकत भारत को कमजोर करने के लिए फंडिंग करती है और उस पर जांच एजेंसी ठोस कार्रवाई करती है तो ख़ास कर कांग्रेस गठबंधन के नेताओं और कुछ पत्रकारों को दर्द क्यों होने लगता है?
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विदेशी एजेंडे पर काम करने वाले लोग ईमानदार पत्रकारिता को बदनाम करते हैं। ऐसे पत्रकारों और घमंडिया के कुछ नेताओं का घिनौना चेहरा अब खुल कर देश के सामने आ गया है। पत्रकारिता लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है लेकिन एक सच्चा ईमानदार पत्रकार विरोधी देश से फंडिंग नहीं लेगा।
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कांग्रेस गठबंधन एक ओर आप देशविरोधी प्रोपेगैंडा चलाने वाले कुछ पत्रकारों के समर्थन में खड़ी हो जाती है तो वहीं दूसरी ओर, जो पत्रकार अपना काम ईमानदारी से कर रहे हैं, उसे काम नहीं करने देती है।
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2 करोड़ रुपये से ज्यादा की रिश्वत लेना, पार्टी टू पार्टी MoU साइन करना, जो आज तक सार्वजनिक नहीं हुआ लेकिन जब जांच एजेंसियां पुख्ता जानकारी के आधार पर अपना काम करती है, तो आप दबाव बनाने का काम करते हैं। कोई भी चीनी दलाल कानून से ऊपर नहीं है।
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देश की जनता ने इस घमंडियों के I.N.D.I. अलायंस का बॉयकॉट कर दिया है। ये ईमानदार पत्रकारों का क्या बॉयकॉट करेंगे!
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आज सवाल है कि जब न्यूजक्लिक जैसी चीनी फंडेड एजेंसी पर कार्रवाई होती है, तब घमंडियां गठबंधन में शामिल राहुल गांधी, प्रमोद तिवारी जैसे तमाम नेता इनका बचाव क्यों करने लगते हैं। चीन के कांग्रेस से क्या लिंक हैं, ये देश की जनता जानती है।
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यह सवाल देश की जनता पूछ रही है कि जब देश की जनता जांच एजेंसी के साथ खड़ी है, आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के साथ खड़ी है, तो क्या मजबूरी है कि राहुल गांधी, ममता बनर्जी और घमंडिया नेताओं की कि वे राष्ट्र विरोधी ताकतों के साथ खड़े हैं?
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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री गौरव भाटिया ने आज बुधवार को पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में न्यूजक्लिक के फर्जीवाड़े के संबंध में मीडिया बंधुओं को संबोधित किया और इस संस्था के देशविरोधी गतिविधियों पर प्रकाश डाला। श्री भाटिया ने दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने यूएपीए के तहत दर्ज केस में न्यूज पोर्टल न्यूजक्लिक से जुड़े पत्रकारों और उसके दफ्तर पर कार्रवाई पर बोलते हुए कहा कि कुछ तथाकथित पत्रकार जिस तरह से पत्रकारिता का चोला ओढ़ कर भारत विरोधी गतिविधियों में लिप्त है और ऐसे देश से आर्थिक सहायता ले रहे हैं जो परस्पर भारत का विरोध करता है, वह बहुत ही निंदनीय है।
श्री भाटिया ने कहा कि न्यूजक्लिक अपने आप को पत्रकारिता से जुड़ी वेबसाइट बताती है लेकिन यह बताना आवश्यक है उस पर राष्ट्र की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ के आरोप हैं। क्या पत्रकारिता का मुखौटा पहन कर आप देश के खिलाफ काम करोगे? और, जांच एजेंसी जब अपना काम करेगी तो आप कहेंगे कि पत्रकारिता करने से रोका जा रहा है? हैरानी की बात तो यह है कि जब न्यूज़क्लिक पर कार्रवाई होती है चीन से वित्त पोषित कुछ पत्रकारों और नेताओं को बड़ा दर्द होने लगता है। ये लोग ईमानदार पत्रकारिता को बदनाम करते हैं। ऐसे पत्रकारों और घमंडिया के कुछ नेताओं का घिनौना चेहरा अब खुल कर देश के सामने आ गया है। अगर सबूत है, पुख्ता जानकारियां हैं तो जांच एजेंसी क्यों नहीं अपना काम करेगी?
राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि अगर कोई विदेशी ताकत भारत को कमजोर करने के लिए फंडिंग करती है और उस पर जांच एजेंसी ठोस कार्रवाई करती है तो घमंडिया गठबंधन के नेताओं और कुछ पत्रकारों को दर्द क्यों होने लगता है? उनकी आस्था न्यायालय में नहीं है क्योंकि आज की खबर है कि दिल्ली की कोर्ट ने न्यूजक्लिक के फाउंडिंग एडिटर प्रबीर पुरकायस्थ को 7 दिन की पुलिस कस्टडी में भेजा है। यदि आपने देश के खिलाफ काम किया है, देश के कानूनों का उल्लंघन किया तो आप पर कार्रवाई होगी ही।
श्री भाटिया ने कहा कि पत्रकारिता की बात करी जा रही थी कि लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है। जी हाँ, पत्रकारिता निश्चित रूप से लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है लेकिन एक सच्चा ईमानदार पत्रकार विरोधी देश से फंडिंग नहीं लेगा। घमंडिया गठबंधन एक ओर आप देशविरोधी प्रोपेगैंडा चलाने वाले कुछ पत्रकारों के समर्थन में खड़ी हो जाती है तो वहीं दूसरी ओर, जो पत्रकार अपना काम ईमानदारी से कर रहे हैं, उसे काम नहीं करने देती है। यह बताना आवश्यक है कि चाहे आप उनसे सहमत हो या ना हो लेकिन आप एक पत्रकार को उसका काम करने से रोक नहीं सकते हैं यदि वह अपना काम ईमानदारी से कर रहा है।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि देश की जनता ने इस घमंडियों के I.N.D.I. अलायंस का बॉयकॉट कर दिया है। ये ईमानदार पत्रकारों का क्या बॉयकॉट करेंगे। इसीलिए, आज सवाल है कि जब न्यूजक्लिक जैसी चीनी फंडेड एजेंसी पर कार्रवाई होती है, तब घमंडियां गठबंधन में शामिल राहुल गांधी, प्रमोद तिवारी जैसे तमाम नेता इनका बचाव क्यों करने लगते हैं। चीन के कांग्रेस से क्या लिंक हैं, ये देश की जनता जानती है। 2 करोड़ रुपये से ज्यादा की रिश्वत लेना, पार्टी टू पार्टी MoU साइन करना, जो आज तक सार्वजनिक नहीं हुआ लेकिन जब जांच एजेंसियां पुख्ता जानकारी के आधार पर अपना काम करती है, तो आप दबाव बनाने का काम करते हैं।
श्री गौरव भाटिया ने आगे कहा कि कोई भी चीनी दलाल कानून से ऊपर नहीं है। कानून अपना कार्य कर रहा है लेकिन यह सवाल देश की जनता पूछ रही है कि जब देश की जनता जांच एजेंसी के साथ खड़ी है, आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के साथ खड़ी है, तो क्या मजबूरी है कि राहुल गांधी, ममता बनर्जी और घमंडिया नेताओं की कि वे राष्ट्र विरोधी ताकतों के साथ खड़े हैं?
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