Chandigarh Today

Dear Friends, Chandigarh Today launches new logo animation for its web identity. Please view, LIKE and share. Best Regards http://chandigarhtoday.org

Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020

नेफिस सिस्टम से मिली बड़ी सफलता, प्रदेश पुलिस ने की 11 डेड बॉडीज की पहचान।

0
164

नेफिस सिस्टम से मिली बड़ी सफलता, प्रदेश पुलिस ने की 11 डेड बॉडीज की पहचान।

2022 – 23 में किये 31,451 फिंगर प्रिंट नेफिस सिस्टम पर अपलोड।

पुलिस महानिदेशक प्रशांत अग्रवाल ने की फिंगरप्रिंट ब्यूरो के प्रयासों की सराहना।

– स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो पर है ज़िम्मेदारी।
– प्रदेश में है 69 वर्कस्टेशन, 64 थानों में है कार्यरत।
– प्रदेश का 4 लाख से अधिक फिंगर प्रिंट का डेटा किया गया है नेफिस पर अपलोड

चंडीगढ़, 29 जून -हर इंसान की शक्ल की तरह उसके फिंगर प्रिंट्स भी अलग अलग पाए जाते है। किसी भी दो इंसान के फिंगर प्रिंट एक जैसे नहीं होते है। जन्म के साथ ही व्यक्ति के जो फिंगर प्रिंट्स होते हैं, वे ताउम्र वैसे ही रहते हैं, इनमें चोट लगने या किसी अन्य वजह से भी इनमें बदलाव नहीं होता। फिंगर प्रिंट्स को इंसान की यूनिक आइडी माना जाता है। और अब इसी विधि का फायदा प्रदेश पुलिस भी उठा रही है। वैसे तो फिंगर प्रिंट्स का उपयोग पुलिस शुरू से ही अपराधियों की धरपकड़ के लिए किया जाता रहा है, पर अब अज्ञात शवों की पहचान उजागर करने का काम भी फिंगर प्रिंट्स की सहायता से किया जा रहा है। प्रदेश पुलिस में इसकी ज़िम्मेदारी स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो, हरियाणा पर है जिसने पिछले एक वर्ष में लगभग 11 डेड बॉडीज की पहचान उजागर करने में सफलता हासिल की है। इनमें से 7 डेड बॉडीज प्रदेश के अलग अलग थानों में दर्ज आपराधिक प्रवृति के व्यक्तियों की है और अन्य 4 डेड बॉडीज अन्य राज्यों से संबंधित है। विदित है कि नेफिस सिस्टम में हर उस आपराधिक प्रवृति के व्यक्ति का डेटा उपलब्ध है जो किसी न किसी अपराध में या तो गिरफ्तार हुए है या फिर मामला दर्ज किया गया है। पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि वर्ष 2022 – 23 में स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो ने तक़रीबन 31,451 विभिन्न गिरफ्तार, सज़ायाफ्ता अपराधियों और लावारिस डेड बॉडीज और मौकाए वारदात से उठाये गए फिंगर प्रिंट डेटाबेस में अपलोड किये गए है।

7 डेड बॉडीज प्रदेश से, 4 की अन्य राज्यों के निवासी के तौर पर हुई पहचान ।
पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो को फरीदाबाद, जींद, करनाल, सोनीपत, सिरसा, अम्बाला आदि जिलों से विभिन अज्ञात शव प्राप्त हुए थे जिनकी पहचान करने में समस्या आ रही थी। सभी शवों के फिंगर प्रिंट स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो, हरियाणा को अवलोकन करने के लिए भेजे गए। जिनपर कार्रवाई करते हुए सभी प्रिंट्स को नेफिस के सिस्टम से मैच किया गया तो तक़रीबन 11 शवों कि पहचान करने में सफलता हासिल की है। 11 डेड बॉडीज में से 7 हरियाणा के ही ट्रेस हुए व अन्य 4 दिल्ली, तेलंगाना और पंजाब राज्यों से सम्बंधित है। नेफिस सिस्टम में पुरे देश के गिरफ्तार, सज़ायाफ्ता अपराधियों और लावारिस डेड बॉडीज और मौकाए वारदात से उठाये गए फिंगर प्रिंट डेटाबेस उपलब्ध है, जिससे मैच करने से अज्ञात शवों की पहचान करने में आसानी हो जाती है।

एक साल में किया 87 कागज़ातों का विश्लेषण, संगीन मुकदमें सुलझाने में मिलती है सहायता।

पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि एससीआरबी में वर्ष 2022 और वर्ष 2023 में मई माह तक विभिन्न केसों में 87 डाक्यूमेंट्स प्राप्त हुए थे। कई केसों में महत्वपूर्ण कागज़ातों की प्रमाणिकता की जांच की जाती है। स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो ने सभी कागज़ातों का परीक्षण कर उनकी रिपोर्ट बनाकर जिला पुलिस को आगामी कार्रवाई के लिए सौंप दिया है।

इसके अतिरिक्त स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के फोटो सेक्शन में वर्ष 2022 में 185 केसों में और 2023 मई माह में 173 केसों में विभिन्न फोटोज विश्लेषण के लिए प्राप्त हुए है। वर्तमान में स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो में बतौर इंचार्ज इंस्पेक्टर प्रीतम, इंस्पेक्टर रमेश चंद्र व उप निरीक्षक करनैल सिंह व उनकी टीम कार्यरत है जो अलग अलग मुकदमों से संबंधित प्रिंट्स, कागजात व फोटो का विश्लेषण करने का काम कर रही है।

मौकाए वारदात से मिले फिंगर प्रिंट से सुलझाए 2 महत्वपूर्ण केस।
पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि मौकाए वारदात से फिंगर प्रिंट उठाकर उनपर काम करने की ज़िम्मेदारी भी स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो पर है। दोनों ही केसों में आरोपियों को पकड़ने के लिए क्राइम इन्वेस्टिगेशन का आधुनिक फिंगर प्रिंट नेफिस सिस्टम सबसे बड़ा हथियार साबित हुआ। पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि जिला पुलिस के 2 महत्वपूर्ण केस में एससीआरबी ने फिंगर प्रिंट्स को अवलोकन करने के बाद अपराधियों तक पहुँचने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि दोनों की चोरी के केसों में उपलब्ध फिंगर प्रिंट्स पर टीम द्वारा काम किया गया और नेफिस सिस्टम की सहायता से फिंगर प्रिंट्स का मिलान किया गया है। एससीआरबी की रिपोर्ट के आधार पर आरोपियों की पहचान करने में जिला पुलिस को सफलता मिली।

नेफिस सिस्टम हुआ था 2022 में लांच, प्रदेश में है 69 वर्कस्टेशन : निदेशक एससीआरबी

अतिरिक्त पुलिस महानिदेश, ओ पी सिंह, आईपीएस, जो की वर्तमान में स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के निदेशक के तौर पर ज़िम्मेदारी संभाल रहे है, बताया कि नेफिस वर्ष 2022 में लांच हुआ था, जिस पर प्रदेश भर में वर्तमान में 69 वर्कस्टेशन तक़रीबन 64 थानों में स्थापित किये गए है। वहां पर प्रशिक्षित पुलिस अधिकारी ज़िम्मेदारी संभाल रहे है। सभी नियुक्त अधिकारीयों को एससीआरबी द्वारा ट्रेनिंग भी दिलवाई गई है ताकि डेटा समन्वय करने में समस्या ना आये । इसके अतिरिक्त सभी प्रकार के फिंगर प्रिंट को सभी जिलों के नोडल अधिकारीयों की निगरानी में अपलोड किया जा रहा है ताकि नेफिस सिस्टम का कार्यान्वयन सही तरीके से किया जा सके और देश भर में डेटा की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके। प्रदेश में नियुक्त पुलिस अधिकारीयों द्वारा तक़रीबन 31,451 फिंगर्स का डेटा 2022 – 23 में नेफिस सिस्टम पर अपलोड कर दिया गया है। वर्तमान में हरियाणा प्रदेश का तक़रीबन 4 लाख से अधिक फिंगर प्रिंट का डेटा नेफिस सिस्टम पर अपलोड किया गया। इस डेटा की सहायता से ना सिर्फ संगीन अपराधियों की पहचान होती है, बल्कि अज्ञात शवों की पहचान भी हो जाती है। इन अज्ञात शवों से संबंधित केस को सुलझाने के अलावा एक मानवीय संवदेना भी जुडी होती है। पिछले एक वर्ष में 11 अज्ञात शवों की पहचान की गई है और सभी में आगामी कार्रवाई की गई है।