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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020

विश्व एकता दिवस के रूप में मनाया गया बहु भाषीय कवि सम्मेलन

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विश्व एकता दिवस के रूप में मनाया गया बहु भाषीय कवि सम्मेलन

राष्ट्रीय कवि संगम चंडीगढ़ प्रांत व टी एस स्टेट सेंट्रल लाइब्रेरी के संयुक्त तत्वाधान में सेक्टर17 लाइब्रेरी सभागार में विश्व एकता दिवस पर प्रांतीय अधिवेशन एवं बहु भाषीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। इसी अवसर पर संगम की अध्यक्ष कवयित्री श्रीमती सविता गर्ग द्वारा रचित बाल काव्य संग्रह ‘प्यारी सोनपरी’ का विमोचन भी किया गया।
इस समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में भाषा विभाग मोहाली के जिला भाषा अधिकारी अफसर डॉक्टर दविंदर सिंह बोहा पधारे और अध्यक्षता डी ए वी कालेज चंडीगढ से रिटायर्ड प्रोफेसर अलका काँसरा ने निभाई। इस समारोह का उत्कृष्ट संचालन कवि संगम के प्रांतीय महासचिव अनिल शर्मा चिंतक ने किया। विशिष्ट अतिथि के रूप में कवि संगम के उत्तर प्रदेश प्रभारी श्री सुरेंद्र सिंगला, ट्रस्टी श्री बलदेव गोयल व उर्दू के प्रसिद्ध साहित्यकार श्री अशोक नादिर भंडारी, संस्कार भारती के महामंत्री श्री सतीश अवस्थी, संगम के मोहाली जिला अध्यक्ष रंजन मगोत्रा, बद्दी हिमाचल के प्रभारी यश कंसल, कवयित्री संगीता पुखराज, श्रीमती पुष्पा हंस व एम एल अरोड़ा रहें।
दो साहित्यकार हुए सम्मानित
इस प्रांतीय अधिवेशन में हरियाणा व हिमाचल प्रदेश के दो साहित्यकारों को कविताओं के माध्यम से समाज में देश प्रेम व एकता का संदेश देने हेतु सम्मानित भी किया गया। हरियाणवी कवयित्री श्रीमती शकुंतला काजल ‘शकुन’ व मंडी, हिमाचल के पदाधिकारी साहित्यकार जीवन लाल शर्मा को प्रांतीय अध्यक्ष वरिष्ठ कवयित्री श्रीमती संतोष गर्ग व मंचासीन अधिकारियों ने फूलमाला, पटका, स्मृति चिन्ह व नगद राशि देकर सम्मानित किया।
इस बहु भाषीय कवि सम्मेलन में
लगभग 40 रचनाकारों ने संस्कृत, हिंदी, पंजाबी, हरियाणवी व उर्दू भाषा में अपनी कविताओं के माध्यम से विश्व एकता संगठन का संदेश दिया।इस कार्यक्रम में मोहाली व पंचकूला जिलों की महासचिव नीलम नारंग व सीमा गुप्ता भी उपस्थित रहीं। कवयित्री नीरजा शर्मा, अरुणा डोगरा, सोमेश गुप्त, गौरव शर्मा ‘समर’, किरण आहूजा, डेज़ी बेदी, सुरेन्द्र सोनी ‘काकड़ौद’, सत्यवती आचार्य, डा० अनीश गर्ग, कृष्णा गोयल, लवेश शर्मा, अंबाला से माधुरी शर्मा, विनोद शर्मा, हरेंद्र सिन्हा, चेन्नई से डॉ. संजय रामन, मोहन कुमार नादान व आस्था आदि ने काव्य पाठ किया। लाइब्रेरी स्टाफ से मनप्रीत सिंह लाइब्रेरियन, शालू सहरावत, गीता, कृष्णा व अन्य स्टाफ का भरपूर सहयोग रहा।
मुख्य अतिथि महोदय डॉक्टर दविंदर बोहा ने अपने वक्तव्य में कहा कि कविता के माध्यम से समाज को खूबसूरत बनाने में हर भाषा के कवि अपना योगदान दे रहे हैं और ऐसे परिवेश में बहु भाषीय कवि सम्मेलन सबको एक साथ जुड़ने का मंच प्रदान करता है। इस मंच से धागे के माध्यम से सबको बांधने की बात हो या इंकलाब लिखने की बात हो या रिश्तों पर बात हो, इन सबके माध्यम से सन्देश एक ही जाता है कि समाज से जुड़ी हुई कविता ही समाज को आगे बढ़ाती है।
कार्यक्रम अध्यक्ष प्रो. अलका काँसरा ने सबकी कविताओं की सराहना करते हुए सभी भाषाओं की कविताओं के सांझा मंच की आवश्यकता को प्रकट किया। उन्होंने कहा कि किसी भी कार्यक्रम में लोग केवल अपनापन और स्नेह भाव देखकर ही जुड़ते हैं। राष्ट्रीय कवि संगम के प्रत्येक समारोह में उपस्थित सभी अतिथियों को सदैव भरपूर सम्मान मिलता है।
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