जलविद्युत परियोजनाओं के निष्पादन की समीक्षा हेतु एसजेवीएन के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक ने नेपाल के प्रधानमंत्री की शिष्टाचार भेंट
शिमला: 28.12.2022
जलविद्युत परियोजनाओं के निष्पादन की समीक्षा हेतु एसजेवीएन के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक नन्द लाल शर्मा ने आज नेपाल के माननीय प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल से काठमांडू में शिष्टाचार भेंट की। नन्द लाल शर्मा 900 मेगावाट अरुण-3, 669 मेगावाट लोअर अरुण और 490 मेगावाट अरुण-4 जलविद्युत परियोजनाओं के निष्पादन की समीक्षा करने एवं नेपाल के विभिन्न प्राधिकारियों के साथ विचार-विमर्श करने के लिए नेपाल की आधिकारिक यात्रा पर हैं।
नन्द लाल शर्मा ने माननीय प्रधानमंत्री को निर्माणाधीन 900 मेगावाट अरुण-3 जलविद्युत परियोजना और 217 कि. मी. लंबी संबद्ध ट्रांसमिशन सिस्टम की प्रगति से अवगत करवाया। शर्मा ने अरुण घाटी में एसजेवीएन द्वारा विकसित की जा रही 669 मेगावाट लोअर अरुण और 490 मेगावाट अरुण 4 जलविद्युत परियोजनाओं की मंजूरी में हुई प्रगति के बारे में भी जानकारी दी।
एसजेवीएन का अरुण-3 जलविद्युत परियोजना को निर्धारित समय से पहले पूरा करने और इस संबंध में आवश्यक संस्वीकृतियां मिलते ही लोअर अरुण जलविद्युत परियोजना का निर्माण कार्य आरंभ करने का लक्ष्य प्रस्तावित है। बैठक के दौरान नन्द लाल शर्मा ने नेपाल की विशाल जलविद्युत क्षमता के विकास के बारे में विचार-विमर्श किया। उन्होंने परियोजनाओं के तीव्र और आर्थिक रूप से व्यवहार्य निष्पादन और क्षेत्र के समग्र सामाजिक-आर्थिक विकास में एक बेसिन एक विकासकर्त्ता विजन के संलाभों पर बल दिया।
नन्द लाल शर्मा ने माननीय प्रधानमंत्री से नेपाल में और अधिक जल विद्युत परियोजनाओं के विकास के लिए एसजेवीएन पर विचार करने का अनुरोध किया। प्रधानमंत्री ने परियोजनाओं की प्रगति पर संतोष व्यक्त किया और नेपाल एवं भारत के मध्य विद्युत क्षेत्र में सहयोग के लिए एसजेवीएन की भूमिका की सराहना की । उन्होंने एसजेवीएन की सभी परियोजनाओं के निष्पादन और नेपाल की जल विद्युत क्षमता के इष्टतम विकास के लिए अपनी पूर्ण सहायता का आश्वासन दिया।
वर्तमान में एसजेवीएन के पास कुल 45000 मेगावाट का पोर्टफोलियो है, जिसमें से नेपाल में 2059 मेगावाट की तीन जलविद्युत परियोजनाओं को निष्पादित किया जा रहा है । एसजेवीएन का लक्ष्य वर्ष 2023 तक 5000 मेगावाट, 2030 तक 25000 मेगावाट और वर्ष 2040 तक 50000 मेगावाट के अपने साझा विजन को हासिल करना है और वर्ष 2030 तक नेपाल में 5000 मेगावाट की परियोजनाओं का भी लक्ष्य है।