कवयित्री नीलम नारंग की पुस्तक अनकही दास्ताँ का विमोचन
राष्ट्रीय कवि संगम मोहाली इकाई
चंडीगढ़ प्रांत द्वारा हिन्दी पखवाड़े के उपलक्ष्य में प्रथम ऑफलाइन काव्य गोष्ठी इकाई अध्यक्ष श्री रंजन मगोत्रा जी के घर आयोजित हुई। इसमें मुख्य अतिथि के रूप में मुंबई से पधारी कवयित्री व अभिनेत्री श्रीमती उषा मौर्या उपस्थित रही। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार श्री एम एल अरोड़ा जी ने की। दीप प्रज्वलित करने के बाद कवि व गायक सोमेश गुप्त ने अपनी मधुर आवाज से माँ सरस्वती की वंदना और अपनी कविता ‘माँ’ प्रस्तुत की। महासचिव श्रीमती नीलम नारंग जी के संचालन से कार्यक्रम की शुरुआत हुई और उनके काव्य संग्रह ‘अनकही दास्ताँ’ का विमोचन प्रांतीय अध्यक्ष श्रीमती संतोष गर्ग व अन्य वरिष्ठ अतिथियों द्वारा किया गया।
श्रीमती गर्ग की मधुर आवाज़ में कविता मेरे मन की भाषा हिंदी है – का तालियों की गड़गड़ाहट से स्वागत हुआ।
प्रांत महासचिव श्री अनिल चिंतक ने विशेष रूप से राष्ट्रीय कवि संगम की विस्तृत जानकारी दी। कवयित्री अरुणा डोगरा के दोहों ने सभी का मन मोह लिया। अमिता रंजन जी के जुगलबंदी गीतों ने गोष्ठी का समय बांधा। इस गोष्ठी में कवयित्री ऊषा पाण्ड्य, नेहा नूपुर, दिलप्रीत चहल, महेन्द्र सिंह, अक्षय नारंग, स्वाति, नीलम अरोड़ा आदि भी शामिल रहे और विशेष रूप से सबसे कम उम्र की कवयित्री सुकुमारी सुमेधा ने भी अपनी कविताएँ सुनाईं और स्वयंरचित प्रथम पुस्तक ‘आदि- द बेगनिंग’ की प्रतियाँ सभी रचनाकारों को भेंट की।
अंत में अध्यक्ष महोदय एम एल अरोड़ा ने ‘राष्ट्र जागरण धर्म हमारा’ पर अपने विचार प्रस्तुत किए। रंजन जी ने कहा कि भविष्य में भी मोहाली इकाई द्वारा ऐसी और गोष्ठियां होती रहेंगी।