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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020

देश का इतिहास बलिदानियों की वीर गाथाओं से भरा पड़ा है और कारगिल युद्ध में वीरगति को प्राप्त हुए बीएसएफ के डिप्टी कमांडेंट सुखबीर सिंह यादव की वीरगाथा भी उसमें शामिल है।

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चंडीगढ़, 26 मई। देश का इतिहास बलिदानियों की वीर गाथाओं से भरा पड़ा है और कारगिल युद्ध में वीरगति को प्राप्त हुए बीएसएफ के डिप्टी कमांडेंट सुखबीर सिंह यादव की वीरगाथा भी उसमें शामिल है। अब गुरूग्राम के हीरोे होंडा चौक से बसई चौक तक का मार्ग बलिदानी सुखबीर सिंह यादव मार्ग के नाम से जाना जाएगा। गुरूग्राम नगर निगम ने अपनी सदन की बैठक में इस आशय का प्रस्ताव पारित किया था और राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने विधिवत् रूप से आज इस सड़क के नामकरण के बाद इस मार्ग का शुभारंभ किया।
मार्ग के शुभारंभ उपरांत अल्पाइन कान्वंेट स्कूल सैक्टर – 10 मंे बलिदानी सुखबीर सिंह यादव के बलिदान दिवस पर उनकी स्मृति में आयोजित कार्यक्रम मंे बोलते हुए श्री दत्तात्रेय ने देश के सभी बलिदानियों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि देश की सीमाओं की रक्षा करते हुए हरियाणा के वीर सपूतों ने अपने प्राणों की आहुति देने से कभी परहेज नहीं किया और उन वीरों के अदम्य साहस व शौर्यगाथा को याद किया जाता है। उन्होंने कहा कि 12 दिसंबर 1961 को जन्मे बलिदानी सुखबीर सिंह यादव 26 मई 1999 को कारगिल में दुश्मनों से लोहा लेते हुए वीरगति को प्राप्त हो गए थे। उन्होंने कहा कि वे पूर्व सांसद डा. सुधा यादव के पति थे, जिन्होंने बाद में जनसेवा को अपना ध्येय बना लिया। उन्होंने बताया कि पूर्व सांसद डा. सुधा यादव अपने गांव के 25 निर्धन परिवारों के बच्चों की पढ़ाई का खर्च उठा रही हैं, जोकि सही मायने में बलिदानी सुखबीर सिंह यादव के प्रति उनकी सच्ची श्रद्धांजलि है।
देश की सीमाओं की रक्षा करते हुए अपने प्राणों का सर्वोच्च बलिदान देने वाले रणबांकुरों के आश्रितों को केंद्र व राज्य सरकार द्वारा दी जा रही सहायता का उल्लेख करते हुए राज्यपाल ने कहा कि देश सेवा करते हुए स्थाई अंग भंग होने पर सैनिक को हरियाणा सरकार 15 से 35 लाख रुपए की सहायता राशि देती है और वीरगति प्राप्त होने पर बलिदानी के आश्रितों को 50 लाख रूपए की राशि दी जा रही है। बलिदानी के गांव के स्कूल का नामकरण भी उसके नाम पर किया जाता है। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार की तरफ से भी ऐसे परिवारों को 25 से 45 लाख रुपए की सहायता राशि दी जाती है। श्री दत्तात्रेय ने कहा कि भारत की एकता व अखंडता बनाए रखने के लिए पाकिस्तान और चीन की सीमाओं पर हमारी सेनाएं पूरी सतर्कता से निगरानी रखे हुए हैं। आज हमारा देश सन् 1962 का भारत नहीं है बल्कि 2022 का भारत है जब आधुनिकतम तकनीक लाकर प्रधानमंत्री ने ‘आत्मनिर्भर भारत’ के तहत हमारी रक्षा सेनाओं को मजबूत किया है। ऐसे में हमारे देश की तरफ कोई भी तिरछी नजर से देखता है तो हमारी सेनाए उसे मुंह तोड़ जवाब देने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि जहां सशस्त्र सेनाएं हमारे देश की सीमाओं की रक्षा कर रही हैं, वहीं हम सभी को भी सभी प्रकार के भेदभाव भुलाकर देश को ऐकता के सूत्र में बांधे रखना है। जब सभी देशवासी ‘नेशन फर्स्ट‘ की अवधारणा अपनाएंगे तो भारत मजबूत होगा।
इससे पहले अपने विचार रखते हुए केंद्रीय श्रम एवं रोजगार, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेंद्र यादव ने बलिदानी सुखबीर सिंह यादव को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि जो नेक कार्य वे अधूरे छोड़ गए थे उन सबको डा. सुधा यादव ने धैर्य  और गरिमा के साथ आगे बढाने का काम किया है। उन्होंने बताया कि डा. सुधा यादव के नेतृत्व में पिछड़े वर्गों के कल्याण के अनगिनत कार्य हुए हैं। इसी वजह से केंद्रीय विद्यालयों और मेडिकल कॉलेजों में ओबीसी से संबंधित परिवारों के बच्चों को दाखिलों में आरक्षण मिला है। यही नहीं, डा. सुधा यादव ने कई विषय लोकसभा में भी उठाए थे। उन्होंने कहा कि हरियाणा का इतिहास भारत के परिवर्तन का इतिहास है क्यांेकि महाभारत का युद्ध हरियाणा की धरती पर लड़ा गया, पानीपत की तीनों लड़ाइयां हुई और आजादी प्राप्ति के बाद भी 1962, 1965 और 1971 की लड़ाइयों में हरियाणावासियों ने भारी योगदान दिया। उन्होंने कहा कि आज ऐसे ही कारगिल युद्ध के बलिदानी सुखबीर सिंह यादव के नाम पर जो मार्ग समर्पित किया गया है उससे इलाके की युवाओं को देश के लिए जीने और जीवन बलिदान करने की प्ररेणा मिलेगी।
स्मृति समारोह में पहुंचे भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ ने भी बलिदानी सुखबीर सिंह यादव को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि बेशक से सशस्त्र सेनाओं मंे हरियाणावासियों की संख्या 10 प्रतिशत हो लेकिन प्राणों का सर्वोच्च बलिदान देने में हम 25 प्रतिशत होते हैं। श्री धनखड़ ने 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम से लेकर कारगिल युद्ध तक की सभी लड़ाइयों का विस्तार से उल्लेख किया और कहा कि आजादी आंदोलन में अंग्रेजों ने 79 लोगों को एक साथ फांसी दी थी, जिनका इतिहास में कोई जिक्र नही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने देश के इतिहास में बलिदानियों की वीरगाथाओं को छिपाया है। उन्होंने इजराइल का उल्लेख करते हुए कहा कि वहां पर हर एक किलोमीटर पर लिखा है-‘लड़ेंगे तो बचेंगे‘ और वे अपने बुरे दिनों को याद रखते हैं। श्री धनखड़ ने कहा कि हमें भी अपने स्वतंत्रता प्राप्ति से पहले के बुरे दिन याद रखने चाहिए क्योंकि भूल गए तो फिर से बुरे दिन आ जाएंगे।
बलिदानी डिप्टी कमांडेंट सुखबीर सिंह यादव की पत्नी एवं पूर्व सांसद डा. सुधा यादव ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। समारोह में उनकी पुत्री सोम्या यादव ने 12 मेधावी छात्राओं को लैपटॉप राज्यपाल के हाथों दिलवाए और पुत्र सिद्धार्थ यादव ने सभी का आभार जताया। समारोह में विद्यालय के विद्यार्थियों ने देशभक्ति से ओतप्रोत सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर माहौल को देशभक्तिमय बना दिया।
इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड़ के अलावा, पटौदी के विधायक सत्यप्रकाश जरावता, चरखी दादरी के विधायक सोमवीर सांगवान, भाजपा जिलाध्यक्ष गार्गी कक्कड़, भाजपा के वरिष्ठ नेता पूर्व डिप्टी स्पीकर गोपी चंद गहलोत, सुरेंद्र गहलोत, पूर्व डिप्टी स्पीकर संतोष यादव, भाजपा जिला मीडिया प्रभारी अजीत यादव, नगर निगम पार्षद कुलदीप यादव, अनूप सुखराली, डीसीपी टैªफिक रविंद्र तोमर, रेजांगला समिति से मेजर टी सी राव, नगर निगम के संयुक्त आयुक्त सुमित कुमार सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।