चंडीगढ़, 23 अप्रैल- हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि भारतीय संस्कृति में राम का नाम इतना रचा-बसा है कि देश में आज भी आपसी अभिवादन ‘राम राम’ से ही शुरू होता है। यह केवल श्री राम के कर्मों की दिव्यता के कारण ही उनके आचार, विचार और व्यवहार की श्रेष्ठता से सम्भव हुआ है।
राज्यपाल आज पंजाब राजभवन में आयोजित रामकथा में बतौर मुख्य अतिथि बोलते हुए कहा कि वे श्री राम कथा को सुनने आये है। उन्होंने पंजाब के राज्यपाल को बधाई देते हुए कहा कि आपने इस पद पर रहते हुए यह पवित्र कार्य किया। मर्यादा पुरुषोत्तम राम का नाम सुनते ही गर्व होता है। उन्होंने कहा कि श्रीराम ने जीवन प्रयन्त कभी अपने माता, पिता या गुरुजनों की आज्ञा की अवहेलना नहीं की। उनका जीवन हमेशा एक आदर्श पुत्र, आज्ञाकारी शिष्य, त्यागी भाई, तपस्वी पति, कुलीन पिता, पराक्रमी योद्धा तथा जनता के प्रति एक समर्पित राजा की भूमिका में रहा है। श्रीराम के सदाचार से पूर्ण आचरण और वचनबद्धता के कारण ही राज्य की प्रजा हमेशा पूर्णता का आभास करती थी।
इस अवसर पर राज्यपाल ने भगवान श्री राम की फोटो पर माल्यार्पण किया और दीप प्रज्वलित किया। इसके उपरांत कथा वाचक संत श्री विजय कौशल से प्रसाद ग्रहण किया।
कैप्शन- हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय पंजाब राजभवन में कथा श्रवण करते हुए।
कैप्शन- हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय पंजाब राजभवन में दीप प्रज्वलित कर रामकथा का शुभारंभ करते हुए।