2 दिन की बैंक हड़ताल दूसरे दिन भी बेअसर रही। ज्यादातर बैंक कर्मचारी काम पर लोटे।
2 दिन की बैंक हडताल दूसरे दिन भी बेअसर रही, क्योंकि बैंक कर्मचारियों को लगा कि जब यूनाइटेड फोरम ऑफ़ बैंक यूनियंस की 9 यूनियंस में से केवल लेफ्ट समर्थित 3 बैंक यूनियंस ही हड़ताल पर हैं तो ज्यादातर बैंक कर्मचारियों ने अपने को हड़ताल से अलग कर बैंक अटेंड कर लिया।
बैंक कर्मचारियों को समझ आने लगा है कि कब तक वामपंथियों की राजनैतिक हड़ताल का हिस्सा बनते रहेंगे। बैंक कर्मचारियों का कहना है कि यदि मांगे इतनी ही गंभीर हैं तो UFBU के साथ हड़ताल पर कयों नहीं जाते हैं ?
कोरोना से देश की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ा और अब देश की अर्थव्यवस्था पटरी पर आनी शुरू हुई है ऐसे में भारत बंद या बैंकिंग में हड़ताल उचित नहीं है।
यूनियंस को भी हड़ताल से हटकर विरोध और अपनी मांगों के लिये दबाव बनाने के लिये अन्य वैकल्पिक तरीकों के बारे में सोचना चाहिए।