हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्षा कुमारी सैलजा ने आज विधायक दल की बैठक में हिस्सा लिया और विधान सभा में कांग्रेस पार्टी जिन मुद्दों को उठाएगी उस पर चर्चा की। कुमारी सैलजा ने निमन्लिखित मुद्दों को उठाने पर बल दिया।
1- कोरोना से जान गंवाने वालों को मुआवजा नहीं – अनाथ बच्चों को पीएमकेयरफंड से 10-10 लाख रुपये की मदद मिलनी थी, प्रदेश से 124 आवेदन हुए, लेकिन एक को भी नहीं मिली। सरकारी आंकड़ों के अनुसार 68 बच्चे अनाथ हुए, इनमें से सिर्फ एक ही चाइल्डकेयरइंस्टीट्यूट में रखा गया है। 10 हजार से ज्यादा जान गई, लेकिन मुआवजे के आवेदन सिर्फ 1054 आए और इनमें से किसी को भी सहायता राशि नहीं दी गई। 18-45 साल की उम्र के बीपीएल कार्ड धारकों को 2-2 लाख रुपये मुआवजा दिया जाना था, इसके लिए 2200 आवेदन आए, जबकि योजना का लाभ 79 परिवारों को ही मिला।माता-पिता खो चुके बच्चों के लिए बनाई मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत 102 आवेदन आए। इनमें से 85 फाइनल हुए, 74 को ही लाभ मिला। इसमें हर बच्चे के लालन-पालन के लिए प्रति माह 2500 रुपये देने का प्रावधान है।
2- महिला सुरक्षा खतरे में : प्रदेश में साल 2021 में हर रोज औसतन दुष्कर्म के 5 मामले घटे। पानीपत से बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का नारा दिया गया था, लेकिन यह सरकार बेटियों की सुरक्षा करने में असफल साबित हो रही। भाजपा सरकार के 7 साल के कार्यकाल में 2021 में सबसे ज्यादा दुष्कर्म के मामले दर्ज किए गए। इनकी संख्या 1700 से अधिक रही।
3- कृषि कानूनों का विरोध करने पर किसानों से दुश्मनी निकाल रहे : मानसून सीजन में खराब फसल का मुआवजा पिछले दिनों जारी किया गया। जबकि, इसके बाद बार-बार खराब हुई फसलों में नुकसान की भरपाई को सरकार गंभीर नहीं। गेहूं के पूरे सीजन में कभी डीएपी तो कभी यूरिया की किल्लत बनी रही। हर रोज पुलिस व किसानों में नोकझोंक हुई। जगह-जगह रोड जाम किए गए। कई जगह ब्लेक में खाद बिकता पकड़ा गया। एनसीआर में ट्रेक्टर को 10 साल तक चलाने के आदेश का किसी तरह भी विरोध नहीं किया जा रहा। नूंह में 5 हजार एकड़ जमीन पर जलभराव रहा, इस वजह से किसान फसल नहीं बो सके। इन्हें कोई मुआवजा नहीं दिया गया। बसताड़ाटोल पर लाठीचार्ज के बाद बने जस्टिसएसएनअग्रवाल आयोग की रिपोर्ट को सरकार ने नहीं लिया, इसे भंग कर दिया। जिन किसानों की आंदोलन में जान गई, उन्हें सरकार ने अपनी तरह से अभी तक कोई राशि नहीं दी। बीजेपी की ओर से जरूर 5-5 लाख रुपये दिए गए। यमुनानगर जिले में जनवरी महीने में बारिश से करीब 30 हजार एकड़ जमीन पर जलभराव हुआ। किसान मुआवजा मांगते रहे, लेकिन सरकार नहीं चेती। एग्रोमॉल बेच रहे। करनाल, पानीपत, रोहतक, पंचकूला में बनाए थे, लेकिन यह सरकार नीलामी प्रक्रिया शुरू कर चुकी। सूरजमुखी का बीज पिछले साल 1600 रुपये प्रति एकड़ था, लेकिन इस बार पांच गुना तक अधिक दाम पर 9000 रुपये प्रति एकड़ बिका। सरकार कालाबाजारी नहीं रोक पाई।
सरकार से मांग है कि किसान आंदोलन के दौरान किसानों पर हरियाणा में दर्ज हुए मुकदमों को वापस लेने की प्रक्रिया तेज की जाए और सभी मुकदमे जल्द से जल्द वापस लिए जाएं।
4- गरीब परिवारों के बच्चों को दाखिला नहीं : पूरा सेशन चला गया, लेकिन निजी स्कूलों में गरीब परिवारों के बच्चों को दाखिला नहीं मिला। आज भी करीब 40 हजार बच्चे दाखिले से वंचित रह गए। इनमें से बहुत से ऐसे हैं, जिन्होंने पुराने स्कूल से एसएलसी ले लिया और फिर उन्हें कहीं दाखिला भी नहीं मिला। ये दाखिले हरियाणा एजुकेशनरूल134ए के तहत होने थे।
5- शिक्षा बोर्ड के तुगलकी फरमान : हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने प्रदेश में खुले सभी स्कूलों के आठवीं कक्षा के फाइनलएग्जाम कराने का फैसला ले लिया। चाहे ये स्कूल सीबीएसई से हों या फिर किसी अन्य अंतरराष्ट्रीय बोर्ड से संबद्ध हों। यह आदेश व्यवहारिक नहीं था। बड़े पैमाने पर विरोध हुआ, मामला हाईकोर्ट तक पहुंच गया, मुख्यमंत्री ने आदेश वापस लेने की घोषणा की।
6- फर्जी वैक्सीनेशन के आंकड़ों से वाहवाही : पंचकूला व फतेहाबाद समेत कई शहरों से फर्जी वैक्सीनेशन के मामले सामने आए। स्वास्थ्य विभाग ने वाहवाही लूटने के लिए फर्जी एंट्री कर दी। पंचकूला में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा पकड़ा गया। फतेहाबाद में तो जिनकी मौत हो चुकी, उनके नाम भी वैक्सीन लगवाने वालों में दर्ज कर दिए।
– कोरोना काल में लोगों को रेमडेसिविर, एटोपोसाइड, माेनोक्लोनलएंटीबॉडीज आदि इंजेक्शनजरूरतमंदों को मिले नहीं, लोग भटकते रहे। इधर, अकेले पीजीआईरोहतक में 15 लाख से अधिक के ये टीके एक्सपायर हो गए। जबकि, इनके लिए जब मारामारी थी, तो ये स्टॉक में आ चुके थे। पीजीआईरोहतक ने एन-95 मास्क और पीपीईकिट की खरीदारी में भी बड़ा घोटाला किया। एक मास्क280 रुपये का खरीदा गया। यह करोड़ों रुपये का घोटाला रहा।
7- रजिस्ट्री घोटाला : 23 हजार से अधिक रजिस्ट्रियों में गड़बड़ी। किसी में स्टांप शुल्क कम अदा किया तो कहीं रुपये लेकर अवैध कॉलोनी की रजिस्ट्री की गई। अनुमान है 400 करोड़ से अधिक का रेवेन्यूलॉसस्टांप शुल्क की चोरी से हुआ।
8- परीक्षा-भर्ती कांड : कोई भी पेपर, चाहे प्रदेश सरकार की किसी सरकारी नौकरी के लिए हो, चाहे राष्ट्रीय स्तर पर कोई इंट्रेंसएग्जाम हो या फिर यूजीसी-नेट के लिए हो, हरियाणा में सभी लीक हो रहे। सभी में गड़बड़ी हो रही। सिर्फ मुहरे पकड़े जा रहे, सरकार में बैठे लोगों पर कोई कार्रवाई नहीं। इन्हें सीधा संरक्षण, लगातार बचाया जा रहा। एचपीएससी का डिप्टी सेक्रेटरी रैकेट चलता पकड़ा गया, उसे बर्खास्त भी कर दिया, लेकिन आज तक एचसीएसप्री की परीक्षा रद्द नहीं की, जबकि उसने इसमें गड़बड़ी की बात स्वीकारी। बाकायदा उसके रिमांड पेपर में भी इस बात का जिक्र। सरकार इसलिए परीक्षा रद्द नहीं कर रही, क्योंकि उसके ईशारे पर भाजपा-जजपा नेताओं के चहेतों को भी गलत तरीके से पास कराया गया।
– तीन साल के दौरान विज्ञापित करीब 5321 पदों की 40 भर्तियों को एक झटके में रद्द कर दिया गया। अब सीईटी लागू किया गया, इसे पास करने वाले ही नौकरी पा सकेंगे।
– आरोही स्कूलों में 895 पदों के लिए सितंबर 2019 में परीक्षा हुई थी। करीब 35 हजार युवा परीक्षा में बैठे, लेकिन अचानक से अब इस भर्ती को ही रद्द कर दिया गया।
– बेरोजगारी भत्ता देने में विफल प्रदेश सरकार सक्षम योजना के तहत करीब 50 हजार युवाओं से काम ले चुकी या ले रही, लेकिन उन्हें अनुभव प्रमाण पत्र जारी नहीं कर रही।
9- देश में सबसे कम वन क्षेत्र वाला प्रदेश बना हरियाणा : जब भी यहां पेड़ काटे जाते तो उनकी जगह सिर्फ फाइलों में ही लगा रहे। वन क्षेत्र की 2100 हेक्टेयर भूमि पर पांच साल के अंदर अधिकृत प्रोजेक्ट बने, जबकि 1027 हेक्टेयर भूमि पर अतिक्रमण हो गया। फिलहाल प्रदेश में 1588 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में वन बचा है। 2019 में यह 1602 वर्ग किलोमीटर था। राज्य में सिर्फ 3.62 प्रतिशत में ही अब वन हैं। यही कारण है कि प्रदेश के 14 जिलो में प्रदूषण के कारण स्कूल तक बंद करने पड़े।
10- प्रदेश का माहौल खराब करने की कोशिश : अंबाला में 25 दिसंबर की रात को यीशु मसीह की प्रतिमा को तोड़ा गया। इसे 1843 में कैथोलिकचर्च परिसर में स्थापित किया गया था। इसके बाद 29 दिसंबर को पलवल जिले के चव्वननंगला गांव में डॉ भीमरावअंबेडर की प्रतिमा को तोड़ा गया।
11- अवैध खनन : डाडम में पहाड़ गिरने से 5 लोगों की मौत हुई। आज तक सिर्फ एक गिरफ्तारी हुई। यह भी खानापूर्ति के लिए की गई। खनन माफिया की सरकार से सांठगांठ। डाडम के पहाड़ से कुछ लोगों ने चंद सालों में बनाया है अरबों का साम्राज्य। गलत तरीके से करते रहे खनन-खुदाई। ग्रामीण शिकायत करते तो उन्हें थानों में पिटवाया जाता। घटना के बाद एनजीटी की टीम ने भी अपनी रिपोर्ट में लिखा, नीति अनुसार नहीं किया खनन, सामग्री निकालने के बाद समतल नहीं की भूमि। मंदिर तक की जमीन को भी नहीं बख्शा, फिर भी सरकार मौन।
– नांगल-चौधरी के जैनपुर-बिहारीपुर में अवैध माइनिग के दौरान एक व्यक्ति की मौत हुई तो माफिया शव को भी खुद ही उठा कर ले गए।
12- थानों में वूसली के लिए पिटाई, मौत : जींद जिले के पदार्थ खेड़ा गांव के युवक की गढ़ी पुलिस थाना में अवैध तौर से पिटाई की गई, बाद में अग्रोहा में इलाज के दौरान जान गई। अंबाला के समलेहड़ी गांव निवासी युवक की साहा पुलिस थाने में अवैध तौर से पिटाई की गई, बाद में युवक की मौत हो गई। पानीपत में सीआईए ने उद्यमी का अपहरण कर 25 लाख रुपये फिरौती वसूली, बाद में मामला उठा तो आरेपियों को सस्पेंड किया गया। कुरुक्षेत्र में भी फरवरी महीने में सीआईए-टू द्वारा एक युवक की बेरहमी से पिटाई का मामला सामने आया। युवक की दोनों टांगों ने काम करना ही बंद कर दिया।
13- बेरोजगारी में टॉप हरियाणा : देश की औसत बेरोजगारी 7.8 प्रतिशत, तो हरियाणा 34.1 प्रतिशत के साथ टॉप पर रहा। जिस सीएमआईई के आंकड़े हरियाणा की भाजपा सरकार झुठला रही, यूपी में उन्हीं के आधार पर वोट मांगती रही।
– सीएमआईई की रिपोर्ट के मुताबिक हरियाणा में हर तीसरा ग्रेजुएट बेरोजगार, 7.14 लाख लोग तो रोजगार की तलाश भी छोड़ चुके।
– मनरेगा में मांगने के बावजूद काम न देने के मामले में हरियाणा देश में चौथे स्थान पर रहा। 6.52 लाख लोगों ने काम मांगा, उनमें से 1.34 लाख लोगों को काम नहीं मिला। यानी, 20.7 प्रतिशत लोगों को कोई काम नहीं मिला।
14- महंगाई में भी टॉप हरियाणा : राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय की ओर से दिसंबर में जारी आंकड़ों के अनुसार देश में खुदरा महंगाई दर 5.59 प्रतिशत रही। लेकिन, हरियाणा में सबसे ज्यादा 6.64 प्रतिशत रही, यह प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में 5.53 प्रतिशत रही, तो ग्रामीण क्षेत्रों में कहीं अधिक 7.69 प्रतिशत रही।
– फरवरी में ये आंकड़े भी बदल गए और हरियाणा और आगे निकल गया। जनवरी के महीने में देश में महंगाई 6.01 प्रतिशत रही। लेकिन, हरियाणा में 7.23 प्रतिशत हो गई। हरियाणा के शहरी क्षेत्रों में महंगाई दर 6.03 प्रतिशत रही, जबकि ग्रामीण इलाकों में 8.23 प्रतिशत हो गई।
14- घोटालों की सरकार :
– अंबाला में अंतरराष्ट्रीय फुटबाल स्टेडियम के निर्माण में 46 करोड़ का घोटाला सामने आया।
– अंबाला में आरटीए ऑफिस का भ्रष्टाचार पकड़ा गया, एचसीएस अफसर भी जेल में है। यह मामला ट्रांसपोर्टर्स से ओवरलोडिंग की एवज में वसूली का था।
– खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अधिकारियों व राइसमिलर्स की सैटिंग को एफसीआई ने पकड़ा। 2200 टन चावल एफसीआई ने वापस भेज दिया। यह घटिया क्वालिटी का और मिलावटी था।
– सिरसा में घग्गर नदी के तटबंधों को मजबूत करने में घोटाला, कार-ऑटो-बाइक के नंबर बिल में लगाए, कहा इनसे डलवाई मिट्टी। मिलीभगत से पेमेंट भी हो गई।
– गुड़गांव नगर निगम में सफाई मशीन से शहरी की सफाई करने का घोटाला। मुख्यमंत्री पर्दा डालने की कोशिश में खुद रात को निगम दफ्तर भी गए थे। डिप्टी मेयर की शिकायत के बावजूद कार्रवाई नहीं हो रही थी। इसमें आरएसएस के लोग भी शामिल हैं।
– करनाल के दो गोदामों में करोड़ों का गेहूं खराब कर दिया। हैफेड के अफसरों ने मिलीभगत से अच्छा गेहूं बिकवा दिया, खराब गेहूं रखवा दिया।
– करनाल में बिजली निगम में पोर्टल पर बोगसएंट्री चढ़ाकर लाखों का गोलमाल। दो बार हुए ऑडिट में कई लाख का खुलासा।
– अंबाला में होम्योपैथिकमेडिकलकॉलेज की नींव पड़ते ही घोटाला। मिट्टी और सरिया में खेल कर करोड़ों के बिल मिलीभगत से करवा लिए पास।
– सोनीपत में एफसीआई के गोदाम में सबमर्सिबल चला कर गेहूं की 50 हजार बोरियों को भिगोते तीन कर्मचारी गिरफ्तार।
– बिजली निगम बिलासपुर में कर्मियों की ग्रेच्युटी व भत्तों के फर्जी भुगतान का बड़ा घोटाला, नाम आने पर एक आरोपी ने स्यूसाइड किया, कहा गलत तरीके से मुझे फंसाया जा रहा, मैं बेकसूर।
– रेवाड़ी जेल में कैदियों से वसूली के मामले में जेल अधीक्षक व उप अधीक्षक फंसे, दोनों फरार हो गए। दोनों की जमानत अर्जी हाईकोर्ट से निरस्त हुई तो उप अधीक्षक ने स्यूसाइड किया।
– गुड़गांव में बिल्डर परिसर से करोड़ों रुपये की चोरी का मामला, डीसीपी को भगोड़ा तक घोषित किया। अब हाईकोर्ट से राहत मिली, लेकिन अन्य अफसरों पर कार्रवाई से बच रही सरकार।
– खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के उप निरीक्षक ने भ्रष्टाचार व वसूली से परेशान होकर इस्तीफा दिया।
15- निजी नौकरियों में 75 प्रतिशत आरक्षण सिर्फ दिखावा :in hv hvडोमिसाइल के साल कम करना हरियाणवियों पर सीधा प्रहार। इस मामले पर जजपा-भाजपा में आपसी खींचतान। मामला कोर्ट तक ले जाने के पीछे भाजपा का हाथ, वकील भी भाजपाई, संगठनों पर भी भाजपा की छाया।
16- पासपोर्ट घोटाला : करनाल व फतेहाबाद में बड़ा खेल हुआ। पुलिस व एजेंटों की मिलीभगत के चलते भ्रष्टाचार चलता रहा, पासपोर्ट बनते रहे।
17- वृद्धावस्था पेंशन : परिवार पहचान पत्र में परिवार की दो लाख आय दर्ज होते ही 20 हजार से ज्यादा बुजुर्गों की पेंशन सरकार ने काट दी। कहां चुनाव में वायदा 5100 रुपये पेंशन देने का कर रहे थे, अब जो मिल रही थी, उसे भी बंद करने पर आमादा।
18- बिल्डर-टाउन एंड कंट्रीप्लानिंग व सरकार का गठजोड़ : गुड़गांव में सेक्टर-109 में चिंटल्सपैराडिसोसोसायटी में बड़ा हादसा हुआ। छठी मंजिल से एक फ्लैट की छत गिरनी शुरू हुई, नीचे तक गिर गई। कई जान गई। यहां की शिकायत पहले भी कई बार लोगों ने की। लेकिन, बिल्डर-टाउन एंड कंट्रीप्लानिंग व सरकार के भ्रष्टाचार के गठजोड़ के कारण कोई कार्रवाई नहीं हुई।
19- प्रदेश में शराब पीने व बेचने की उम्र 21 साल करना भी गलत।
20- छात्रा से रैगिंग : पंडित लख्मीचंद यूनिवर्सिटी आफपरफोर्मिंग एंड विजुअलआर्ट्स (पीएलसीसुपवा) में छात्रा से रैगिंग। मामला दबाने की कोशिश, यूजीसी तक पहुंचा मामला। यहां नियमों में बदलाव कर सी-ग्रेड फिल्मों के हीरो गजेन्द्रचौहान को वीसी लगाया गया है। उनकी नियुक्ति पहले से संदेह के घेरे में है।
21- नशे का पता, लेकिन प्रहार नहीं : जब प्रदेश सरकार खुद मान रही कि 10 जिले नशे की चपेट में, तो अभी तक कार्रवाई क्यों नहीं? किसके ईशारे पर चल रहा कारोबार? अब दिखावे के लिए शुरू कर रहे ड्रगफ्री मिशन।
22- पिछड़ा वर्ग के क्रीमीलेयर का मामला।
23- पदकवीरों को डीएसपीभर्तीकरे सरकार : ओलंपिक के पदकवीरों को मध्यप्रदेश व असम की सरकार ने पुलिस में सीधे डीएसपीभर्ती किया है। हरियाणा में पहले पदकवीरडीएसपी बने भी हैं, लेकिन इस सरकार ने नियमों को बदल दिया। खेलों को प्रदेश में बढ़ावा देना है तो ओलंपिक के पदकवीरों को डीएसपी बनाना चाहिए। महिला हॉकी टीम की खिलाड़ियों का ओलंपिक में आज तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा है, उन्हें भी सरकारी नौकरी मिलनी चाहिए।
24- आउटसोर्सिंग की कंपनी का विरोध : आउटसोर्सिंग पर कर्मचारी लगाने के लिए प्रदेश सरकार ने कंपनी का गठन किया है। इस समय सरकारी दफ्तरों में ज्यादातर कार्य आउटसोर्सिंग के तहत हो रहा है। छोटी-छोटी कई फर्म और इनका स्टाफ कार्य में लगा है। अगर, आउटसोर्सिंग की सरकारी कंपनी भर्ती करेगी तो फिर ये फर्म, इनमें लगा स्टाफ खाली हो जाएगा। आउटसोर्सिंग कंपनी अगर भर्तियां करेगी तो फिर वह सरकार के ईशारे पर ही नौकरी देगी। असली जरूरतमंद, काबिल को नौकरी नहीं मिलेगी।
25- कितने लोगों के सिर पर छत दी : साल 2022 तक सभी के सिर पर छत का सपना दिखाने वाली सरकार इस सिलसिले में कतई गंभीर नहीं है। एक भी व्यक्ति को अभी तक छत मुहैया नहीं कराई गई है। साल 2022 के दो महीने चले भी गए हैं। कब छत देंगे? कहां मकान बन रहे हैं? कितने मकान बन रहे हैं? किन्हें दिए जाएंगे? क्या रोडमैप है?
26- किसान की आमदनी हो गई दोगुणी : साल 2022 तक किसान की आमदनी दोगुणी करने का वादा भी हवा हवाई ही साबित हुआ। फसलों के एमएसपी में जितनी वृद्धि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने की, उसके बराबर तो 7 साल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर भी नहीं पाए। साल 2022 आ चुका है, किसान की आमदनी दोगुणी हो गई क्या?
27- कॉलेजों में स्टाफ न होने का खामियाजा भुगत रहे छात्र : प्रदेश के सरकारी कॉलेजों में शिक्षा देना फिलहाल भगवान भरोसे है। करीब 5 लाख छात्र सरकारी कॉलेजों में पढ़ते हैं, लेकिन इन्हें पढ़ाने के लिए महज3647 लेक्चरर्स/प्रोफेसर ही तैनात हैं। इस समय जरूरत के मुकाबले सिर्फ 48 प्रतिशत स्टाफ ही यहां तैनात है। यानी, 52 प्रतिशत स्टाफ की कमी है। ऐसे में स्टाफ न होने का खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ रहा है। उनकी पढ़ाई प्रभावित हो रही है। प्रदेश में 172 सरकारी कॉलेज हैं। हायरएजुकेशन डिपार्टमेंट के अनुसार इन कॉलेजों में वर्कलोड के हिसाब से 7559 लेक्चरर/प्रोफेसर होने चाहिएं, लेकिन स्वीकृत पद सिर्फ 5068 ही हैं। इन स्वीकृत पदों के अगेंस्ट सिर्फ 3647 लेक्चरर ही तैनात हैं। कहने को 1984 एक्सटेंशनलेक्चरर भी तैनात किए गए हैं, लेकिन इनकी कोई जवाबदेही तय नहीं होती। नियमित न होने की वजह से ये उतना ध्यान भी नहीं दे पाते। स्टाफ की कमी को पूरा करने के लिए सरकार या तो इन एक्सटेंशनलेक्चरर को ही नियमित करे या फिर नई भर्ती कर छात्रों की उच्च शिक्षा से हो रहे खिलवाड़ को बंद करे।
28.भाखड़ाब्यासमैनेजमेंट बोर्ड में हरियाणा की स्थाई सदस्यता खत्म की गई :-
भाखड़ाब्यासमैनेजमेंट बोर्ड में हरियाणा की स्थाई सदस्यता खत्म कर दी गई। केंद्र सरकार का यह फैसला हरियाणा के अधिकारों पर सीधा हमला है।
केंद्रीय विद्युत मंत्रालय ने 23 फरवरी को भाखड़ा-ब्यासमैनेजमेंट बोर्ड (संशोधन) नियम-2022 लागू कर दिया है, जो भाखड़ाब्यासमैनेजमेंट बोर्ड नियम 1974 की जगह लेगा। इससे अब बीबीएमबी से हरियाणा की स्थायी सदस्यता समाप्त हो गई है।
संशोधित नियमों के तहत सदस्यों के चयन के मापदंड भी ऐसे रखे गए हैं, जिन्हें हरियाणा के बिजली विभाग संबंधी अधिकारियों द्वारा पूरा कर पाना संभव नहीं है।
29.यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को लेकर मांग :-
यूक्रेन में बड़ी संख्या में भारतीय छात्र युद्ध के बीच फंसे हुए हैं।
हरियाणा के भी 1786 छात्र यूक्रेन में पढ़ाई करते हैं। जिनमें से सिर्फ सौ के करीब ही छात्र अभी देश वापस लौटे हैं।
केंद्र सरकार यूक्रेन में फंसे सभी भारतीय छात्रों को जल्द से जल्द सुरक्षित देश वापस लाए।
छात्रों की वापसी के लिए लगाए गई फ्लाइट की संख्या तुरंत प्रभाव से बढ़ाई जाए।
साथ ही हरियाणा के छात्रों की देश वापसी का पूरा खर्च हरियाणा सरकार वहन करे।
30.आंगनबाड़ी और आशा कार्यकर्ताओं की मांगें माने सरकार :-
आंगनबाड़ी और आशा कार्यकर्ता अपनी लंबित मांगों को लेकर बीते कई दिनों से आंदोलनरत हैं। सरकार आंगनबाड़ी और आशा कार्यकर्ताओं की मांगों को जल्द से जल्द पूरा करे।
आंगनबाड़ीवर्कर्स एवं हेल्पर्स की मुख्य मांगें:-
प्रधानमंत्री जी द्वारा सितंबर 2008 में की गई वर्कर्स व हेल्पर्स की 1500 एवं 750 रु की बढ़ोतरी को एरियर समेत दिया जाए
2018 में की गई घोषणा अनुसार कुशल-अकुशल का दर्जा देते हुए महंगाई भत्ते की तमाम किस्त मानदेय में जोड़ कर दिया जाए
आंगनवाड़ीवर्कर और हेल्पर को रिटायरमेंट से पूर्व साधारण दुर्घटना होने पर इलाज का पूरा खर्च मिले
मृत्यु होने पर अन्य विभागों की तर्ज पर तीन लाख मुआवजा व आश्रित को नौकरी मिले
वर्कर से सुपरवाइजर की पदोन्नति केवल वरिष्ठता के आधार पर हो
विभाग द्वारा ऑनलाइन काम का ऑप्शन दिया जाए, बिना फोन व अन्य संसाधन के व इस बारे उच्च न्यायालय के आदेश की अवहेलना न की जाए।
आईसीडीएस में किसी भी एनजीओ या प्राइवेट संस्था को शामिल करने की अनुमति न दी जाए।
प्ले वे स्कूल के नाम पर आईसीडीएस का निजीकरण ना किया जाए।
नई शिक्षा नीति वापस हो
सरकारी कर्मचारी का दर्जा ना देने पर आउटसोर्सपॉलिसी का कर्मचारी मानते हुए मानदेय में बढ़ोतरी की जाए
31. पुरानी पेंशन योजना बहाल की जाए :-
राजस्थान की कांग्रेस द्वारा वर्ष 2004 के बाद नियुक्त हुए सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना बहाल कर दी है। हरियाणा सरकार भी पुरानी पेंशन योजना से वंचित कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना को बहाल करे।
32.एससी सब प्लान के तहत जारी बजट का काफी हिस्सा खर्च नहीं किया जाता है और यह बजटलैप्स हो जाता है।
प्रदेश सरकार यह सुनिश्चित करे कि एससी सब प्लान के तहत जारी होने वाला बजट पूरी तरह से खर्च हो।