चण्डीगढ़, 28 फरवरी- हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी का स्कूल स्तर पर तंत्र विकसित किए जाने से प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सोच अनुसार विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में देश को विश्वस्तर पर नईं पहचान मिलेगी। जिससे ‘‘न्यू इण्डिया माॅडर्न इण्डिया’’ का स्वरूप तैयार होगा। राज्यपाल आज यहां राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर राजभवन में साईंस एवं टैक्नोलोजी विभाग द्वारा आयोजित हरियाणा विज्ञान रत्न एवं हरियाणा युवा विज्ञान रत्न पुरस्कार वितरण समारोह में बोल रहे थे। इस अवसर पर हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल तथा गृह, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अनिल विज, भी उपस्थित रहे।
श्री बंडारू दत्तात्रेय ने आज 11 वैज्ञानिकों को विज्ञान पुरस्कार दिया, जिनमें दो महिला वैज्ञानिकों को हरियाणा विज्ञान रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। यह हरियाणा के इतिहास में पहली बार हुआ है कि महिलाओं को इस पुरस्कार से नवाजा किया है। हरियाणा से सम्बन्ध रखने वाले उत्कृष्ट वैज्ञानिक प्रो. नीरज जैन तथा प्रो. मुकेश जैन को 2019 के लिए , प्रो. मोती लाल मदान व डॉ. सुशीला मान को वर्ष 2020 के लिए तथा डॉ. चेतन प्रकाश कौशिक व डॉ. इलोरा सेन को वर्ष 2021 के लिए हरियाणा विज्ञान रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया। उन्होंने पुरस्कार के रूप में 4 लाख रूपये की नकद राशि प्रशस्ति पत्र, ट्राॅफी व शाॅल भेंट कर सम्मानित किया।
राज्यपाल श्री दत्तात्रेय ने डॉ. पूजा देवी व डॉ. राम जिवारी को वर्ष 2019 के लिए, डॉ. पवन कुमार व श्री सतीश खुराना को वर्ष 2020 के लिए तथा डॉ. कल्पना नागपाल को वर्ष 2021 के लिए हरियाणा युवा विज्ञान रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया। उन्होंने पुरस्कार के रूप में एक लाख रूपये की नकद राशि प्रशस्ति पत्र, ट्राॅफी व शाॅल भेंट कर सम्मानित किया।
उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में विज्ञान के क्षेत्र में चार महिलाओं को पुरस्कृत किया जाना अत्यंत ही गौरवान्वित है। महिलाओं को शिक्षा व अन्य क्षेत्रों में सशक्त करने के लिए हरियाणा सरकार सकारात्मक सोच के साथ कार्य कर रही है और हरियाणा की महिलाएं हर क्षेत्र में प्रगति की और अग्रसर हैं। उन्होंने कहा कि हमारे वैज्ञानिकों ने विभिन्न क्षेत्रों में अनुसंधान/आविष्कार किए हैं। हमारे महान वैज्ञानिक नोबल पुरस्कार विजेता डा सी.वी. रमन ने एक शताब्दी पूर्व रमन इफैक्ट का आविष्कार कर कैंसर के टयूमर की संरचना को समझकर ईलाज के लिए अनुठा आविष्कार किया था। इसके अलावा कोरोना काल में भारत के वैज्ञानिकों ने कोविड-19 के संक्रमण से बचाव की वैक्सीन तैयार करने का कार्य किया जो विश्व के 90 से अधिक देशों में भेजी गई है। यह भारत के वैज्ञानिकों द्वारा किया गया अद्भुत और बेहतरीन कार्य है।
उन्होंने कहा कि हरियाणा एक कृषि प्रधान राज्य है। इसलिए कृषि क्षेत्र में नवीन खोजों के लिए यहां बड़ी संभावनाएं हैं। हरियाणा सरकार ने विज्ञान को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रयास किए है। विज्ञान को बढ़ावा देने के लिए एन.सी.आर. क्षेत्र में 191 करोड़ रूपये की लागत से साईंस सिटी तथा 85 करोड़ रूपये की लागत से अम्बाला में आर्य भट्ट विज्ञान केन्द्र स्थापित किया जा रहा है। यह परियोजनाएं विद्यार्थियों को विज्ञान की और आकर्षित करने के लिए मील का पत्थर साबित होंगी।
उन्होंने कहा कि सभी विश्वविद्यालयों में छात्रों को बेहतर प्रयोगशाला/लैब उपलब्ध करवाई जाएं ताकि छात्र नए अनुसंधान कर सकें। इसके अलावा विश्वविद्यालय अपने स्तर पर अनुसंधानों का पैटेंट करवाए जिससे वोकल फाॅर लोकल का सपना साकार होगा और देश आत्मनिर्भर बनेगा।
हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी ने जीवन को सरल बनाने का काम किया है। वर्तमान अनुकुल नए अनुसंधानों की खोज में दूसरे ग्रहों तक पहुंच विज्ञान की प्रगति का द्योतक है। उन्होंने कहा कि समाज के विशेष वर्ग ने जीवन की दिशा बदलने का कार्य किया है। जीवन में छोटी-छोटी घटनाएं क्यों और कैसे होती है और इनके क्या परिणाम निकलेंगे यह वैज्ञानिकों में जिज्ञासा उत्पन्न करती है और वैज्ञानिक इसकी खोज की ओर अग्रसर होते हैं।
उन्होंने कहा कि भारत की संस्कृति और सभ्यता का ज्ञान विश्व शान्ति की ओर ले जाने वाला है। विज्ञान की असीमित जिज्ञासा अपने देश को प्रगति की ओर लेकर जाएगी। इसके लिए सरकार द्वारा स्कूल और काॅलेज स्तर पर विज्ञान की शिक्षा को बढ़ावा दिया जा रहा है और कईं क्षेत्रों में विद्यार्थियों को छात्रवृति प्रदान की जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास है कि प्रदेश स्तर पर युवा वैज्ञानिक पुरस्कार मिले और वे देश की तरक्की के लिए आगे बढ़े।
उन्होंने कहा कि वर्तमान परिवर्तनकारी युग में विज्ञान का प्रयोग मानवजाति के उत्थान, सरलता और शान्ति के लिए किया जाना चाहिए। यदि संयमपूर्वक ढंग से विज्ञान का प्रयोग हो तो, देश निरंतर प्रगति की और बढ़ेगा और इनका पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव होगा।
हरियाणा के गृह, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अनिल विज ने कहा कि भौतिकी में शोध के प्रयास किए जा रहे हैं इसके अलावा चिकित्सा शिक्षा से बुनियादी ढांचा बेहतर बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए वैज्ञानिकों तकनीकों से उपयोग कोरोना महामारी में कारगर सिद्ध हुआ। समाज कल्याण के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग नई बुलंदियों को छुएगा।
श्री विज ने कहा कि खगोल विज्ञान एवं खगोल भौतिकी को बढ़ावा देने के लिए कल्पना चावला की याद में तारा मण्डल की स्थापना की गई है। इसके अलावा ग्यारवीं कक्षा से विज्ञान को बढ़ावा देने के लिए 1 हजार से तीन हजार पांच सौ रूपये तक की छात्रवृति तथा जिला स्तर पर विज्ञान प्रतियोगिताएं और साईंस कन्कलेव का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आॅलम्पियाड में भाग लेने वाले विज्ञान के छात्रों को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
श्री विज ने कहा कि सोलर एनर्जी का उपयोग सभी तरह की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए किया जाए, इसका अनुसंधान किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सोलर एनर्जी का प्रयोग करने से स्वच्छ तथा प्रदुर्षण रहित वातावरण मिलेगा और सभी सेवाओं में ग्रीन एनर्जी की पूर्ति हो सकेगी।
उन्होंने कहा कि खेती के क्षेत्र में भी अनुसंधान करने की आवश्यकता है। खाद, बीज, पानी और पराली प्रबंधन पर अनुसंधान करके कृषि क्षेत्र में भी सफलता पाई जा सकती है। इसके अलावा किसानों को ड्रोन का प्रयोग सिखाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा विज्ञान के क्षेत्र में बजट बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं ।
इस अवसर पर हरियाणा के मुख्य सचिव, श्री संजीव कौशल, अतिरिक्त मुख्य सचिव, डा0 अशोक खेमका, श्री ए.के. सिंह, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव एवं सूचना जनसम्पर्क के महानिदेशक श्री अमित कुमार अग्रवाल, सचिव राज्यपाल श्री अतुल द्विवेदी, निदेशक विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी चंद्र शेखर खरे व अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
कैप्शन-1- हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर वैज्ञानिकों को हरियाणा विज्ञान रत्न एवं हरियाणा युवा विज्ञान रत्न पुरस्कार प्रदान करते हुए। साथ में हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल व गृह, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अनिल विज।
चण्डीगढ़, 28 फरवरी- हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी का स्कूल स्तर पर तंत्र विकसित किए जाने से प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सोच अनुसार विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में देश को विश्वस्तर पर नईं पहचान मिलेगी। जिससे ‘‘न्यू इण्डिया माॅडर्न इण्डिया’’ का स्वरूप तैयार होगा। राज्यपाल आज यहां राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर राजभवन में साईंस एवं टैक्नोलोजी विभाग द्वारा आयोजित हरियाणा विज्ञान रत्न एवं हरियाणा युवा विज्ञान रत्न पुरस्कार वितरण समारोह में बोल रहे थे। इस अवसर पर हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल तथा गृह, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अनिल विज, भी उपस्थित रहे।
श्री बंडारू दत्तात्रेय ने आज 11 वैज्ञानिकों को विज्ञान पुरस्कार दिया, जिनमें दो महिला वैज्ञानिकों को हरियाणा विज्ञान रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। यह हरियाणा के इतिहास में पहली बार हुआ है कि महिलाओं को इस पुरस्कार से नवाजा किया है। हरियाणा से सम्बन्ध रखने वाले उत्कृष्ट वैज्ञानिक प्रो. नीरज जैन तथा प्रो. मुकेश जैन को 2019 के लिए , प्रो. मोती लाल मदान व डॉ. सुशीला मान को वर्ष 2020 के लिए तथा डॉ. चेतन प्रकाश कौशिक व डॉ. इलोरा सेन को वर्ष 2021 के लिए हरियाणा विज्ञान रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया। उन्होंने पुरस्कार के रूप में 4 लाख रूपये की नकद राशि प्रशस्ति पत्र, ट्राॅफी व शाॅल भेंट कर सम्मानित किया।
राज्यपाल श्री दत्तात्रेय ने डॉ. पूजा देवी व डॉ. राम जिवारी को वर्ष 2019 के लिए, डॉ. पवन कुमार व श्री सतीश खुराना को वर्ष 2020 के लिए तथा डॉ. कल्पना नागपाल को वर्ष 2021 के लिए हरियाणा युवा विज्ञान रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया। उन्होंने पुरस्कार के रूप में एक लाख रूपये की नकद राशि प्रशस्ति पत्र, ट्राॅफी व शाॅल भेंट कर सम्मानित किया।
उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में विज्ञान के क्षेत्र में चार महिलाओं को पुरस्कृत किया जाना अत्यंत ही गौरवान्वित है। महिलाओं को शिक्षा व अन्य क्षेत्रों में सशक्त करने के लिए हरियाणा सरकार सकारात्मक सोच के साथ कार्य कर रही है और हरियाणा की महिलाएं हर क्षेत्र में प्रगति की और अग्रसर हैं। उन्होंने कहा कि हमारे वैज्ञानिकों ने विभिन्न क्षेत्रों में अनुसंधान/आविष्कार किए हैं। हमारे महान वैज्ञानिक नोबल पुरस्कार विजेता डा सी.वी. रमन ने एक शताब्दी पूर्व रमन इफैक्ट का आविष्कार कर कैंसर के टयूमर की संरचना को समझकर ईलाज के लिए अनुठा आविष्कार किया था। इसके अलावा कोरोना काल में भारत के वैज्ञानिकों ने कोविड-19 के संक्रमण से बचाव की वैक्सीन तैयार करने का कार्य किया जो विश्व के 90 से अधिक देशों में भेजी गई है। यह भारत के वैज्ञानिकों द्वारा किया गया अद्भुत और बेहतरीन कार्य है।
उन्होंने कहा कि हरियाणा एक कृषि प्रधान राज्य है। इसलिए कृषि क्षेत्र में नवीन खोजों के लिए यहां बड़ी संभावनाएं हैं। हरियाणा सरकार ने विज्ञान को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रयास किए है। विज्ञान को बढ़ावा देने के लिए एन.सी.आर. क्षेत्र में 191 करोड़ रूपये की लागत से साईंस सिटी तथा 85 करोड़ रूपये की लागत से अम्बाला में आर्य भट्ट विज्ञान केन्द्र स्थापित किया जा रहा है। यह परियोजनाएं विद्यार्थियों को विज्ञान की और आकर्षित करने के लिए मील का पत्थर साबित होंगी।
उन्होंने कहा कि सभी विश्वविद्यालयों में छात्रों को बेहतर प्रयोगशाला/लैब उपलब्ध करवाई जाएं ताकि छात्र नए अनुसंधान कर सकें। इसके अलावा विश्वविद्यालय अपने स्तर पर अनुसंधानों का पैटेंट करवाए जिससे वोकल फाॅर लोकल का सपना साकार होगा और देश आत्मनिर्भर बनेगा।
हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी ने जीवन को सरल बनाने का काम किया है। वर्तमान अनुकुल नए अनुसंधानों की खोज में दूसरे ग्रहों तक पहुंच विज्ञान की प्रगति का द्योतक है। उन्होंने कहा कि समाज के विशेष वर्ग ने जीवन की दिशा बदलने का कार्य किया है। जीवन में छोटी-छोटी घटनाएं क्यों और कैसे होती है और इनके क्या परिणाम निकलेंगे यह वैज्ञानिकों में जिज्ञासा उत्पन्न करती है और वैज्ञानिक इसकी खोज की ओर अग्रसर होते हैं।
उन्होंने कहा कि भारत की संस्कृति और सभ्यता का ज्ञान विश्व शान्ति की ओर ले जाने वाला है। विज्ञान की असीमित जिज्ञासा अपने देश को प्रगति की ओर लेकर जाएगी। इसके लिए सरकार द्वारा स्कूल और काॅलेज स्तर पर विज्ञान की शिक्षा को बढ़ावा दिया जा रहा है और कईं क्षेत्रों में विद्यार्थियों को छात्रवृति प्रदान की जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास है कि प्रदेश स्तर पर युवा वैज्ञानिक पुरस्कार मिले और वे देश की तरक्की के लिए आगे बढ़े।
उन्होंने कहा कि वर्तमान परिवर्तनकारी युग में विज्ञान का प्रयोग मानवजाति के उत्थान, सरलता और शान्ति के लिए किया जाना चाहिए। यदि संयमपूर्वक ढंग से विज्ञान का प्रयोग हो तो, देश निरंतर प्रगति की और बढ़ेगा और इनका पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव होगा।
हरियाणा के गृह, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अनिल विज ने कहा कि भौतिकी में शोध के प्रयास किए जा रहे हैं इसके अलावा चिकित्सा शिक्षा से बुनियादी ढांचा बेहतर बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए वैज्ञानिकों तकनीकों से उपयोग कोरोना महामारी में कारगर सिद्ध हुआ। समाज कल्याण के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग नई बुलंदियों को छुएगा।
श्री विज ने कहा कि खगोल विज्ञान एवं खगोल भौतिकी को बढ़ावा देने के लिए कल्पना चावला की याद में तारा मण्डल की स्थापना की गई है। इसके अलावा ग्यारवीं कक्षा से विज्ञान को बढ़ावा देने के लिए 1 हजार से तीन हजार पांच सौ रूपये तक की छात्रवृति तथा जिला स्तर पर विज्ञान प्रतियोगिताएं और साईंस कन्कलेव का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आॅलम्पियाड में भाग लेने वाले विज्ञान के छात्रों को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
श्री विज ने कहा कि सोलर एनर्जी का उपयोग सभी तरह की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए किया जाए, इसका अनुसंधान किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सोलर एनर्जी का प्रयोग करने से स्वच्छ तथा प्रदुर्षण रहित वातावरण मिलेगा और सभी सेवाओं में ग्रीन एनर्जी की पूर्ति हो सकेगी।
उन्होंने कहा कि खेती के क्षेत्र में भी अनुसंधान करने की आवश्यकता है। खाद, बीज, पानी और पराली प्रबंधन पर अनुसंधान करके कृषि क्षेत्र में भी सफलता पाई जा सकती है। इसके अलावा किसानों को ड्रोन का प्रयोग सिखाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा विज्ञान के क्षेत्र में बजट बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं ।
इस अवसर पर हरियाणा के मुख्य सचिव, श्री संजीव कौशल, अतिरिक्त मुख्य सचिव, डा0 अशोक खेमका, श्री ए.के. सिंह, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव एवं सूचना जनसम्पर्क के महानिदेशक श्री अमित कुमार अग्रवाल, सचिव राज्यपाल श्री अतुल द्विवेदी, निदेशक विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी चंद्र शेखर खरे व अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
कैप्शन-1- हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर वैज्ञानिकों को हरियाणा विज्ञान रत्न एवं हरियाणा युवा विज्ञान रत्न पुरस्कार प्रदान करते हुए। साथ में हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल व गृह, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अनिल विज।