मौकापरस्त सेकुलरवादियो पर शास्त्री जी का करारा प्रहार :-
[ऑल इंडिया प्रेस रिपोर्टर वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ पत्रकार आचार्य श्रीकांत शास्त्री द्वारा फर्जी मनगढ़ंत सेकुलरवादियों पर किया गया है कड़ा प्रहार]
अपने को सेकुलर बताने वाले समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा जब अयोध्या की बावरी मस्जिद को गिराने की जिम्मेदारी लेने वाले हिंदू नेता बाला साहब ठाकरे की पार्टी शिवसेना सरकार को समर्थन दे रहे हो इन्हीं के पिता मुलायम सिंह यादव जब पहली बार मंत्री बने थे, जनसंघियों के साथ उस सरकार में कल्याण सिंह स्वास्थ्य मंत्री थे और मुलायम सिंह सहकारिता मंत्री, मुलायम पहली बार मुख्यमंत्री बने वो भी भाजपा के समर्थन से।इतना ही नहीं मुलायम के गुरू चौधरी चरण सिंह भी उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री जनसंघ के समर्थन से ही बने थे। उनके उपमुख्यमंत्री जनसंघ नेता रामप्रकाश गुप्त थे। इसे संविद सरकार बताया गया था। समाजवाद के प्रणेता लोहिया के नेतृत्व में भी यह हुआ था। यहां तक कि विश्वनाथ प्रताप सिंह प्रधानमंत्री बने भाजपा के समर्थन से। मायावती भी भाजपा के समर्थन से ही तीन बार मुख्यमंत्री बनीं। लालू यादव भी पहली बार भाजपा के ही समर्थन से मुख्यमंत्री बने थे। शरद यादव भी अटल बिहारी वाजपेयी मंत्रिमंडल में रह चुके हैं। इसी तरह वर्तमान में तमाम भाजपाइयों को अपने पार्टी में लेकर झूठी समाजवाद एवं सेकुलरवाद का ढिंढोरा पीट रहे, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के फर्जीवाद एवं तथाकथित समाजवाद व मौकापरस्त सेकुलरवाद को नकारते हुए, मुलायम सिंह की छोटी बहू अर्पणा यादव ने भाजपा को राष्ट्रवादी पार्टी मानते हुए उसकी विचारधारा को स्वीकार कर लिया इतना ही नहीं जिन स्वामी प्रसाद को अखिलेश ने अपने पार्टी में शामिल करके उनके बारे में नए-नए कसीदे पढ़ रहे हैं उन्हीं स्वामी प्रसाद की लड़की भाजपा सांसद संघमित्रा मौर्य द्वारा भी मोदी-योगी का जय जय कार लगाया जा रहा है। इसके बावजूद भी अखिलेश यादव के द्वारा जनता की आंखों में धूल झोंकने वाला सेकुलरवाद का पहाड़ा पढ़ा जा रहा है इसी तरह समाजवादी परिवार से ऐसे और भी कई तथाकथित सेक्यूलर सूरमा इधर उधर बिखरे पड़े हैं लेकिन इनको लोग किस आधर पर सेक्यूलर मानते हैं और किस आधार पर भाजपा को सांप्रदायिक कहते है।