मीडिया का भविष्य अंधकारमय: रासबिहारी
*सोशल मीडिया पत्रकारिता पर हावी
*मीडिया काउंसिल, पत्रकार सुरक्षा कानून,:मीडिया कमीशन बनाने की मांग को लेकर एनयूजे आई का संघर्ष जारी
* प्रेस दिवस पर हिमाचल प्रदेश यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट का राज्य स्तरीय समारोह संपन्न
* वित्तायोग के अध्यक्ष सतपाल सत्ती और विधायक राजेश ठाकुर ने की शिरकत
ऊना। नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स इंडिया इकाई के राष्ट्रीय अध्यक्ष रास बिहारी ने कहा कि एनयूजे आई,संगठन लगातार मीडिया, कॉउंसिल, पत्रकार सुरक्षा कानून और मीडिया कमीशन बनाने की मांग कर रहा है। ताकि मीडिया में आ रही गिरावट पर अंकुश लगाया जा सकें। दिल्ली में आयोजित होने वाले स्वर्णिम जयंती कार्यक्रम में इस मुद्दों को प्रमुखता से उठाया जाएगा।उन्होंने कहा कि मीडिया का भविष्य अंधकार में लग रहा है। बड़े से बड़े दिग्गज रहे पत्रकारों को उन्होंने जिंदगी के आखिरी पड़ाव में दवाई क्या खाने के लाले पड़ते भी देखा है। पत्रकार अगर यूनिटी में नहीं रहे तो बड़े से बड़े संस्थान में काम करने वाले व लाखों के पैकेज लेने वाले पत्रकार की नौकरी भी सुरक्षित नहीं है।
बताते चलें कि हिमाचल प्रदेश यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट का राज्य स्तरीय समारोह व एन यू जे इंडिया की स्वर्ण जयंती समारोह का आयोजन हिमाचल प्रदेश यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट जिला ऊना इकाई द्वारा वहडाला में किया गया।राष्ट्रीय अध्यक्ष रास बिहारी ने प्रेस दिवस के मौके पर अपने अनुभवों को साझा किया और अपने पत्रकारिता के सफर के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि
2010 में एनयूजे इंडिया के महामंत्री बने थे तो सुना था कि हिमाचल में कुछ इकाइयां है। वर्तमान में रणेश राणा के नेतृत्व में इकाईयां बनी। पूरे देश में हिमाचल इकाई सबसे सक्रिय है। जिस तरह से कार्यक्रम हुआ है।आने वाले समय के लिए हिमाचल के लिए शुभ संकेत है। उन्होंने कहा कि 1966 से अब तक प्रेस का पुरा परिदृश्य बदल गया पहले प्रेस थी अब मीडिया है। पिछले कई सालों से मांग की जा रही है कि मीडिया कॉउंसिल बने। जिसके लिए कई बार ज्ञापन सौंपने के साथ ही प्रदर्शन भी किये। वर्तमान में सोशल मीडिया भी पत्रकारिता पर हावी हो गया है। रास बिहारी ने कहा कि राज्यों में मान्यता देने वाली सख्तियों को खत्म कर दिया है। हर क्षेत्र में गिरावट आई है लेकिन मीडिया में जो गिरावट आई है उसका पूरे समाज पर असर पड़ रहा है।
ऐसे में एनयूजे ने मांग की थी कि एक पत्रकार सुरक्षा कानून बनाया जाए। पत्रकार सुरक्षा कानून बनेगा तो इसमें सरकार व संसद तय करेगा कि पत्रकार कौन होगा। मगर सरकार ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया विपरीत मीडिया से जुड़ी समितियों की सुनवाई नहीं है। सभी सरकारें चाहती है कि पत्रकार उनके हिसाब से चले। सरकार मीडिया पर अंकुश लगा रही है।
इस मौके पर वित्तायोग के अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती ने कहा कि पत्रकार हमेशा सच्चाई की लड़ाई लड़ते है। जिसमें मुश्किलें व चुनौती जरूर आई लेकिन सकारात्मक पक्ष ये है कि अंत मे जीत सच की होती है। जिससे सकून मिलता है। उन्होंने कहा हिमाचल प्रदेश छोटा जरूर है, पर सुंदर है। पहला परम् वीर चक्र हिमाचल के वीर सपूत को ही मिला। कारगिल में भी पूरा देश एक तरफ ओर हिमाचल एक तरफ। दो परम् वीर चक्र हिमाचल के वीर सपूतों को मिले। यह एक ऐसा प्रदेश है सरप्लस पावर का उत्पादन कर रहा है। उन्होंने देश के विभिन्न राज्यों से आये पत्रकारों का स्वागत किया और प्रेस दिवस की बधाई दी। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के अधिकारों व उनकी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री से बात करेंगे। सीएम और संगठन के बीच वार्ता करवाएंगे। सतपाल सिंह सत्ती ने कहा कि ऊना में वह अपने स्तर पर पत्रकारों की सुविधा के लिए मल्टी परपस काम्प्लेक्स बनावाने जा रहे है। जिसमे पत्रकार को दफ्तर उपलब्ध होंगे साथ अग्रणी एनजीओ को कार्यालय दिए जाएंगे। एक छत के नीचे जहां पत्रकार मिलेंगे वहीं एनजीओ के सहयोगी भी उपलब्ध होंगे जो जनता की आवाज़ उठाएंगे। इसमें पार्किंग का निर्माण भी किया जाएगा। प्रदेश व अन्य जिलों के पत्रकारों के लिए ऐसी सुविधाएं देने को सीएम से बात करेंगे।उन्होंने कहा कि मीडिया न होता तो कोविड के दौर में कई जानें चली जाती। इस कठिन दौर में मीडिया की भूमिका अहम रही है। पत्रकारों का वेतन इतना अधिक नही होता क्योंकि ये नौकरी नहीं एक मिशन है जिससे बड़े बड़े तख्त पलट जाते है। इसलिए लोकतंत्र का मजबूत होना जरूरी है। कार्यक्रम में सभी विशिष्ट अतिथियों ने प्रेस को मजबूती प्रदान करने के बारे में अपने अपने विचार रखे
इस मौके पर हिमाचल प्रदेश यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट के प्रदेशाध्यक्ष रणेश राणा, राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य जोगिंदर देव आर्य, सुमित शर्मा, गोपाल दत्त शर्मा, राष्ट्रीय सचिव सीमा मोहन, एच पी यू जे महिला विंग प्रदेशाध्यक्ष प्रीति मुकुल सहित 200 से अधिक पत्रकार समारोह में मौजूद रहे।