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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020

देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए पुलिस एक मात्र साधन है

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देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए पुलिस एक मात्र साधन है, जान ओर माल की सुरक्षा के लिए पुलिस प्रथम पंक्ति में कार्य कर रही है। उक्त विचार पुलिस शहीद फाउंडेशन, हरियाणा के अध्यक्ष एडवोकेट आर एल शर्मा ने व्यक्त किये। श्री शर्मा वीरवार को पुलिस शहीदी दिवस के अवसर पर जिला पुलिस लाइन शहीद स्मारक पर पिलिस के वीर शहीदों को श्रद्धांजलि समाहरोह में व्यक्त कर रहे थे। पीएसएफ, हरियाणा के अध्यक्ष आर एल शर्मा ने पुलिस के वीर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि आज के परिवेश में पुलिस की जिम्मेदारियां काफी बढ़ गई है, आज चाहे बात कानून व्यवस्था की हो, महिलाओं की सुरक्षा की हो या बुजुर्गों की सुरक्षा हो सभी की सुरक्षा की जिम्मेवारी आज पुलिस की ही है। उन्होंने कहा कि हमे पुलिस के कर्मियों को सम्मान की दृष्टि से देखना चाहिए क्योंकि पुलिस ही है जो रात दिन चौक चहराहो पर तैनात होकर हम सब की सुरक्षा में 24 धंटे तैयार रहती है। उन्होंने कहा कि पुलिस और आमजन के बीच की दूरी को मिटा कर आपसी सामंजस्य बहुत जरूरी है। पुलिस के प्रति आमजन की विस्वाश बहाली अति आवश्यक है, उन्होंने पुलिस के वीर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि हमारी पुलिस के जवानों ने अपने कर्तव्य का निर्वहन करते हुए व समाज सुरक्षा में अपने जीवन का सर्वोच्च बलिदान दिया है, हम उन्हें नमन करते हुए उनके परिवारों का सम्मान करें। उन्होंने कहा कि गुरुग्राम पुलिस और हम सब बहुत ही भाग्यशाली है कि गुरुग्राम पुलिस की कमान आज एक ऐसे पुलिस अधिकारी के हाथों में है जो एक शहीद पुलिस अधिकारी के बेटे है, उन्होंने बताया कि गुरुग्राम के पुलिस कमिश्नर के के राव के पिता स्वर्गीय  रणबीर सिंह हरियाणा पुलिस डीएसपी थे, 1989 में जब पंजाब सहित पूरे उत्तर भारत मे आंतकवाद अपने चरम पर था जब आंतकवादियो के साथ एक आमने सामने  मुठभेड़ में सीपी के के राव के पिता डीएसपी रणबीर सिंह शहीद हो गए थे।
आर एल शर्मा ने पुलिस शहीदी दिवस के बारे में बताया कि वर्ष 1959 में देश की सबसे दुर्गम लदाख की पहाड़ियों पर सीआरपीएफ की एक 20 सदस्यीय टुकड़ी डीएसपी करम सिंह की अगुवाई में चाइना की सीमा पर गस्त की जा रही थी उसी दौरान चाइना सेना की एक भारी भरकम सेना की बिर्गेड बॉर्डर पर आ धमकी ओर 20 सदस्यीय सीआरपीएफ की टुकड़ी पर जोरदार हमला कर दिया, भारतीय पुलिस के सभी जवानों ने अदम्य साहस और वीरता का परिचय देते हुए चाइना की भारी भरकम सेना को पीछे हटने को मजबूर किया लेकिन अंत मे भारतीय पुलिस के सभी जवान अपनी वीरता का परिचय देते हुए वीर गति को प्राप्त हुए और देश की रक्षा करते हुए अपने जीवन का सर्वोच्च बलिदान दिया। तभी से 21 अक्टूबर 1960 से लगातार पुलिस स्मृति दिवस मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2004 से ही पुलिस शहीद फाउंडेशन पुलिस कर्मचारियों और उनके परिवारों के लिए वेलफेयर के कार्य कर रही है।
कार्यक्रम के दौरान सभी ने मिलकर शहीद स्मारक पर दो मिनट का मौन रखकर देश के सभी पुलिस वीर शहीदों को श्रद्धांजलि ओर पुष्प अर्पित किये। इस दौरान कार्यक्रम में अमर शहीदों ओर भारत माता के जय घोष भी किये है। कार्यक्रम में उपस्थित डॉ एस पी अग्रवाल ने उपस्थित सभी को देशभक्ति के गीत  सुनाकर पूरे माहौल को राष्ट्रभक्त बनाया। कार्यक्रम में उपस्थित समाजसेवी डॉ सौरभ गुप्ता ने कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रम आज के समय की मांग है, सेना और पुलिस हमारे लिए अति महत्वपूर्ण है। इस अवसर पर फाउंडेशन के वरिष्ठ सदस्य राजकुमार त्यागी, पूर्व पार्षद एस एस थिरियांन, बनवारी लाल शर्मा, अमन गुप्ता, वरिष्ठ अधिवक्ता हरकेश शर्मा, संत राम शर्मा, पुलिस लाइन आरडब्ल्यूए के अध्यक्ष इस्पेक्टर शाम सुंदर गौड  व अन्य गणमान्य लोग काफी संख्या में उपस्थित रहे।