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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020

शहीदों की चिताओं पर राजनीति करने वाली भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश सरकार राज्य के उन स्वतंत्रता सैनानियों  की पहचान के लिए भी कुछ करना चाहिए: योगेश्वर शर्मा

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शहीदों की चिताओं पर राजनीति करने वाली भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश सरकार राज्य के उन स्वतंत्रता सैनानियों  की पहचान के लिए भी कुछ करना चाहिए: योगेश्वर शर्मा

पंचकूला,21 जुलाई।  आम आदमी पार्टी का कहना है कि शहीदों की चिताओं पर राजनीति करने वाली भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश सरकार राज्य के उन स्वतंत्रता सैनानियों या उनके परिजनों का आज तक ख्याल नहीं कर पाई है जोकि पिछले कई सालों से स्वतंत्रता सैनानी का दर्जा पाने के लिए दर दर भटक रहे हैं। अनेकों बार सरकारों को ज्ञापन देने और बार अनुरोध करने के बावजूद आज तक उनकी कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई है।
आज यहां जारी एक ब्यान में योगेश्वर शर्मा ने कहा कि पिछले दिनों आजाद हिंद फौज के सैनिकों के कुछ परजिन उनसे मिले थे। जिन्होंने उन्हें बताया कि सुभाषचंद्र बोस की आजाद हिंद फौज के 58 सैनिक अब भी गुमनाम हैं। राष्ट्रीय अभिलेखागार विभाग ने इनका रिकार्ड खंगालकर नाम और गांव सहित सरकार को पहुंचा दिया गया। प्रशासन के पास भी रिकार्ड है,लेकिन अभी तक इन सैनिकों के परिवारों को मिलने उन्हें खोजने या उनकी सुध लेने कोई नहीं आया। योगेश्वर शर्मा का कहना है कि उन लोगों ने उन्हें बताया कि इस बारे मेें राज्य के मुख्य सचिव को भी पत्र लिखे,मगर उसका कोई फायदा नहीं हुआ। यही वजह है कि दूसरे विश्वरयुद्ध में अपने प्राणों की आहूति देने वाले सैनिकों को आजादी के 74 साल बाद भी स्वतंत्रा सैनानी का दर्जा नहीं मिल पाया। उन्होंने कहा कि उन्हें बताया गया कि रेवाड़ी के स्वतंत्रता सैनानी राम सिंह फौागाट के बेटे श्रीभगवान फौगाट ने इस मामले में कई बार प्रयास किये। उन्होंने ऐसे कई परिवारों को तलाशा है। उनके अनुसार कुल 285 सैनिक ऐसे हैं जिनके परिवारों के बारे में रिकार्ड नहीं है। इनमें से 58 रोहतक,सोनीपत और झज्जर जिले  से हैं। योगेश्वर शर्मा का कहना है कि श्रीभगवान फौगाट ने 2017 में सीएम विंडो पर भी इन स्वतंत्रता सैनानियों का रिकार्ड खंगालने की दस बार गुहार लगाई लेकिन कोई समाधान नहीं निकला। जिला प्रशासन भी पिछले दो सालों से इस मामले में खामोशी अपनाये बैठा है। उन्होंने कहा कि ये गुमनाम शहीद वे हैं,जिनके परिजन पेंशन की फाईलें अस्वीकृत होन के बाद चुपचाप बैठ गये थे। अब जो पीढ़ी  इनके परिवार में है, उनक ो पता ही नहीं कि उनके परिजन स्वतंत्रा सैनानी थे। जो काम सरकार का है, वह श्रीभगवान कर रहे हैं। 1940 से 1947 के समय का पता होने के कारण श्रीभगवान भी उन तक पहुंच नहीं पा रहे। एक बार मुख्य सचिव श्रीभगवान के कहने पर सभी उपायुक्तों को इस संबंध में आदेश जारी कर चुके हैं,मगर बाबू कहां बिना दबाब के काम करते हैं। चूंकि सत्तारुढ़ दल के किसी नेता ने कभी भी इसमें कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई इस लिए यह काम बीच अधर में ही लटका हुआ है। उन्होंने कहा कि बड़े बड़े दावे करने वाली इस भाजपा सरकार को श्रीभगवान की मदद करनी चाहिए तथा उनके काम को सरकारी तौर पर पूरा करवाना चाहिए। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने अपने यहां के शहीदों को पूरा सम्मान दिया है। उनके परिजनों को एक करोड़ रुपये की सम्मान राशि दी है। उन्होंने कहा कि अगर इनमें से कोई भी दिल्ली का निवासी स्वतंत्रता सैनानी परिवार का सदस्य रह रहा है तो वह सरकार से संपर्क करे, सरकार उसे पूरा सम्मान देगी।