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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020

हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने हरियाणा में प्राइवेट अस्पतालों द्वारा कोरोना पीड़ितों से की जा रही मनमानी वसूली और प्रदेश में वैक्सीनेशन की धीमी रफ्तार का मुद्दा उठाया है।

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हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने हरियाणा में प्राइवेट अस्पतालों द्वारा कोरोना पीड़ितों से की जा रही मनमानी वसूली और प्रदेश में वैक्सीनेशन की धीमी रफ्तार का मुद्दा उठाया है। साथ ही उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा है कि सरकार किसानों की गेहूं की फसल का एक-एक दाना खरीदना सुनिश्वित करे और गेहूं की फसल का बकाया भुगतान ब्याज समेत किसानों को तुरंत जारी करे।

यहां जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि हरियाणा सरकार कोरोना की इस दूसरी लहर में प्राइवेट अस्पतालों द्वारा की जा रही मनमानी वसूली पर लगाम लगाए। प्राइवेट अस्पतालों की लूट का शिकार लोगों को न्याय दिलाने के लिए सरकार जिला स्तर पर कमेटियों का गठन करे। कमेटियां शिकायतों की जांच करें और जिन लोगों से इलाज के नाम पर अस्पतालों द्वारा ज्यादा पैसे वसूले गए हैं, उन्हें वह पैसे वापस लौटाए जाएं व ऐसे अस्पतालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो।

कुमारी सैलजा ने कहा कि हरियाणा सरकार अगस्त तक ज्यादातर जनसंख्या को वैक्सीन लगाने की बात कह रही है। जबकि पिछले कुछ दिनों से वैक्सीनेशन की रफ्तार बेहद ही धीमी गति से चल रही है। प्रदेश में 14 मई को 50716 वैक्सीन, 15 मई को 45607 वैक्सीन, 16 मई को 43887 वैक्सीन, 17 मई को 57284 वैक्सीन, 18 मई को 57638 वैक्सीन और 19 मई को 49202 वैक्सीन लगाई गईं हैं। हरियाणा में 18 वर्ष से ऊपर के लोगों की संख्या एक करोड़ 90 लाख के तकरीबन है। अभी तक हरियाणा में 50 लाख लोगों को ही टीका लगाया जा सका है। यदि इसी गति से वैक्सीनेशन अभियान चला तो इसमें कई महीने लग जाएंगे। सरकार हवा हवाई दावों की बजाय जमीनी स्तर पर काम करे और वैक्सीनेशन की रफ्तार को बढ़ाए।

गेहूं की फसल खरीद को लेकर हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने कहा कि हरियाणा में सरकार ने तरह-तरह के बहाने बनाकर किसानों की गेहूं की फसल की खरीद तक नहीं की और गेहूं की फसल की खरीद पर रोक लगा दी गई। जिससे कई किसानों की फसल घर पर ही खुले में पड़ी खराब हो रही है और कई किसान अपनी फसल को सस्ते दामों पर प्राईवेट हाथों में बेचने को मजबूर हैं। वहीं जिन किसानों ने फसल बेच दी है उनको करीब एक महीने से ज्यादा का समय हो गया है, अब तक उनके खातों में पैसे नहीं डाले गए हैं। जबकि सरकार 72 घंटे में फसल के भुगतान का दावा करती आई है। उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि सरकार किसानों की फसल का एक-एक दाना खरीदना सुनिश्वित करे और गेहूं की फसल का बकाया भुगतान ब्याज समेत किसानों को तुरंत जारी करे।