दिल्ली कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉ. नरेश कुमार ने आज दिल्ली के उपराज्यपाल श्री अनिल बैजल को पत्र लिखकर माँग की है कि दिल्ली के अंदर लॉक डाउन तो लगा है लेकिन वे सिर्फ़ कनाट प्लेस लुटियन ज़ोन में ही दिखाई देता है। बाक़ी दिल्ली में लॉक डाउन दिखाई नहीं देता। सड़कों पर बसों की आवाजाही, शहर में निर्माण कार्य पहले की भाँति चल रहा है। बस फ़र्क़ इतना है कि अब दिल्ली सरकार के अधिकारियों के माध्यम से चल रहे हैं। कही पर भी शासन- प्रशासन द्वारा वाहनों की रोक टोक व अन्य कार्यों की रोक टोक देखने को नहीं मिलती।
अतः कोरोना जैसी महामारी की चेन ब्रेक करने के लिए ज़रूरत है कि दिल्ली के अंदर सम्पूर्ण लॉकडाउन लगे। साथ ही उन्होंने यह भी माँग की कि दिल्ली सरकार के श्रम मंत्रालय के अंतर्गत जो मज़दूर पंजीकृत हैं और जो मज़दूर पंजीकृत नहीं भी हैं उनको छः हज़ार रुपया प्रतिमाह भत्ते के रूप में दिया ताकि इस सम्पूर्ण लॉक डाउन का असर उनकी रोज़ी रोटी पर ना पड़े। इस सम्बंध में हमने पूर्व में भी आपको पत्र लिखकर माँग की थी।
इसके साथ ही उन्होंने मा. उपराज्यपाल जी को दिल्ली में 18-44 साल के लोगों को लग रहे वैक्सिनेशन के बारे में अवगत कराया। उन्होंने पत्र में लिखा कि दिल्ली में वैक्सिनेशन के पर्याप्त प्रबंध नहीं है जिसकी वजह से दिल्ली में मारामारी है।इससे भय का माहौल दिल्ली के लोगों में बना हुआ है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बयान के मुताबिक़ दिल्ली में पर्याप्त वैक्सिनेशन नहीं है। उनके इस बयान के बाद से लोगों में डर व असुरक्षा की भावना उत्पन हो रही है इसलिए तत्काल वैक्सीन उपलब्ध कराई जाए। साथ ही उन्होंने भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्री जोकि दिल्ली से सांसद हैं उनकी कार्यशैली पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि पूरे कोरोना काल में स्वास्थ्य मंत्री कही नज़र नहीं आ रहे, कही नज़र आते है तो प्रधानमंत्री की चापलूसी करते हुए नज़र आते हैं या फिर उनके ट्वीट को रिट्वीट करते हुए नज़र आते हैं। कही कोरोना मरीज़ों को सुविधाएँ देते हुए पूरे कार्यकाल में नज़र नहीं आए। हालाँकि वे दिल्ली के चाँदनी चौक संसदीय क्षेत्र से सांसद भी हैं। उन्होंने हर्ष वर्धन को भी दिल्ली में कोरोना से हो रही मौतों के लिए ज़िम्मेदार ठहराया और नैतिकता के आधार पर उनसे इस्तीफ़े की माँग की। इस मौक़े पर उन्होंने कहा कि जिस दिल्ली को कांग्रेस ने सजाया और संवारा था उस दिल्ली को आज आम आदमी पार्टी और भाजपा दोनों ने मिलकर बर्बाद कर दिया और आज यहाँ के दो करोड़ नागरिक भगवान भरोसे हैं। जिस दिल्ली में इलाज कराने के लिए देश के दूसरे राज्यों से लोग आते थे आज उस दिल्ली में स्थानीय लोगों को इलाज नहीं मिल पा रहा है इससे दुर्भाग्यपूर्ण और क्या हो सकता।